PU Student Union Election: राजनीति की नर्सरी में बिछ गयी सियासत की बिसात, राजनीतिक दल भी लगा रहे दम

PU Student Union Election: राजनीति की नर्सरी में कही जाने वाले पटना विवि के छात्र संघ चुनाव में प्रचार थम गया है. चुनाव में भले ही प्रत्यक्ष रुप से कोई राजनीतिक दल चुनाव नहीं लड़ रहा हो, मगर उनके समर्थित उम्मीदवार को चुनाव जीताने के लिए दल पूरा बैकअप दे रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2022 4:14 PM

PU Student Union Election: राजनीति की नर्सरी में कही जाने वाले पटना विवि के छात्र संघ चुनाव में प्रचार थम गया है. चुनाव में भले ही प्रत्यक्ष रुप से कोई राजनीतिक दल चुनाव नहीं लड़ रहा हो, मगर उनके समर्थित उम्मीदवार को चुनाव जीताने के लिए दल पूरा बैकअप दे रहा है. इसे लेकर राजनीति दलों को विधायक स्तर के नेताजी कैंपेन में शामिल हो रहे हैं. विधायक और संगठन के लोग कैंपस में घूम-घूमकर अपने समर्थित उम्मीदवार के लिए वोटर को मोबलाइज कर रहे हैं. हालांकि, चुनाव में उम्मीदवारों को कोई चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया है. इसके बाद भी, सभी उम्मीदवार अपने-अपने पैरेंट दलों के चुनाव चिन्ह का खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं.

उम्मीदवार दिखा रहे दमखम

पटना विवि के चुनाव को बिहार की राजनीति का नर्सरी कहा जाता है. ऐसी चर्चा है कि राजद ने राज्य के अपने 10 युवा विधायकों को कैंपस में लगाया है. ये हॉस्टल और कैंपस में घूम-घूमकर अपने समर्थिक उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहे हैं. ABVP को भी जिताने के लिए कई बड़े नेता लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि एबीवीपी के कार्यालय में विधायकों को आना जाना लगा हुआ है. बीजेपी की तरफ से केंद्र सरकार की छात्रों के लिए योजनाओं को भी पीयू के वोटरों को बताया जा रहा है. इसके माध्यम से भी वोटरों को साधने की पूरी कोशिश करेगी.

छात्र संघ के कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर भी कर रहे हैं वादे

छात्र संघ चुनाव जीतने के लिए विधायक और सांसद स्तर के वादे करने से नहीं चूक रहे हैं. कोई मेट्रों में फ्री राइड की बात कर रहे है तो कोई पीयू को सीयू बनाने की बात कर रहा है. NSUI के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शाश्वत ने कहा कि कोई छात्र संघ पीयू को केंद्रीय विवि (सीयू) का दर्जा नहीं दिला सकता है. क्योंकि ये छात्र संघ के अधिकार से बाहर है. छात्र संघ का अधिकार विवि में पढ़ाई लिखाई और व्यवस्था बनाने की पहल तक सिमित है. हालांकि, छात्र संघ चाहे तो विद्यार्थियों के साथ पहल करके सरकार पर इसके लिए दबाव बना सकती है.

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