पटना यूनिवर्सिटी में अब तक शुरू नहीं हुई लोक प्रशासन कि पढ़ाई, छात्रों ने दी आंदोलन की चेतावनी
लोक प्रशासन विभाग सरकारी सेवा एवं स्वयंसेवी संस्थाओं में अधिक महत्वपूर्ण होता है. इस कारण छात्र एवं छात्राओं द्वारा कई बार विवि स्तर पर मांग एवं प्रदर्शन किया गया, जिसका विश्वविद्यालय ने संज्ञान लेते हुए लोक प्रशासन विभाग के चार सहायक प्राध्यापक के नियुक्ति पिछले वर्ष ही की जा चुकी है,
पटना यूनिवर्सिटी में लोक प्रशासन विषय पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो पायी है. पिछले तीन-चार वर्षों से लोक प्रशासन विषय में एमए की पढ़ाई को विश्वविद्यालय स्तर पर सिलेबस का निर्माण एवं एकेडमिक परिषद एवं सिनेट के अनुमोदन के बाद भी शुरू नहीं हो सका है. पिछले एक साल से राज्य की शिक्षा विभाग में अंतिम अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है. लेकिन अब तक उच्च शिक्षा विभाग की शिथिलता एवं लापरवाही के कारण कुलाधिपति से औपचारिक अनुमोदन प्राप्त करने में असफल रहा है.
छात्राओं द्वारा कई बार विवि स्तर पर मांग एवं प्रदर्शन किया गया
लोक प्रशासन विभाग सरकारी सेवा एवं स्वयंसेवी संस्थाओं में अधिक महत्वपूर्ण होता है. इस कारण छात्र एवं छात्राओं द्वारा कई बार विवि स्तर पर मांग एवं प्रदर्शन किया गया, जिसका विश्वविद्यालय ने संज्ञान लेते हुए लोक प्रशासन विभाग के चार सहायक प्राध्यापक के नियुक्ति पिछले वर्ष ही की जा चुकी है, किंतु राज्य उच्च शिक्षा विभाग एवं कुलाधिपति के औपचारिक अनुमोदन से विलंब के कारण आने वाले सत्र से लोक प्रशासन में भी एडमिशन पर संसय है.
पढ़ाई शुरू नहीं की तो उग्र प्रदर्शन भी होगा
पीयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि यदि 15 दिनों के अंदर कुलाधिपति का अनुमोदन प्राप्त हो जाता है तो पीजी लोक प्रशासन का अध्ययन पीयू में नये सत्र से ही शुरू हो जायेगी. यदि पढ़ाई शुरू नहीं की तो उग्र प्रदर्शन भी होगा.
पीयू छात्र संघ के महासचिव मिले राज्यपाल से
पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव बिपुल कुमार ने गुरुवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. उन्होंने विश्वविद्यालय की समस्याओं के बारे में बताया. कुमार ने कहा कि पटना विवि देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. लेकिन, यहां पर हजार-दो हजार स्टूडेंट्स की क्षमता का कोई अपना सभागार नहीं है, जिससे राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कराने में विश्वविद्यालय असमर्थ है. यहां तक की विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह बाहर या अन्य जगह पर कराया जाता है. बिहार में सर्वप्रथम 1975 में पटना विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरू हुई, लेकिन आज भी दो कमरों में इसका क्लास चल रहा है. इन्फ्रास्ट्रक्चर की घोर कमी के कारण विश्वविद्यालय काे नैक ग्रेडिंग सही नहीं मिली. वाणिज्य महाविद्यालय का अपना कैंपस नहीं होने से आज तक नैक का मूल्यांकन नहीं हो पाया. महासचिव ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वाणिज्य महाविद्यालय को दरभंगा हाउस में शिफ्ट करने के बजाय सैदपुर कैंपस में भवन बनाने की अनुमति दी जाये. वाणिज्य महाविद्यालय के पास अपना कैंपस होने से नैक में बेहतर ग्रेड मिलेगा