बिहार में नहीं बढ़ी दलहन की उत्पादकता, अरहर के साथ चने पर भी असर, जानिये कारण
धान का कटोरा कहे जाने वाले शाहाबाद क्षेत्र के जिला भोजपुर में पिछले साल (फसल उत्पादन गणना वर्ष -2018-19) में अरहर एक हेक्टेयर में 3070 किलोग्राम पैदा हुई थी.
पटना. धान का कटोरा कहे जाने वाले शाहाबाद क्षेत्र के जिला भोजपुर में पिछले साल (फसल उत्पादन गणना वर्ष -2018-19) में अरहर एक हेक्टेयर में 3070 किलोग्राम पैदा हुई थी.
कृषि विभाग के ताजा आंकड़े (2019-20) चिंताजनक हैं. इस बार मात्र 1060 किलो प्रति हेक्टेयर का उत्पादन हुआ है.
राज्य में अरहर, उड़द व मूंग सहित दलहन की कई फसलों की उत्पादकता कम होने पर कृषि विभाग कारण की तलाश और उनको दूर करने के उपाय में जुट गया है.
मौसम का खिलवाड़ और तकनीक का अभाव, इस कमी को दूर नहीं किया गया, तो राज्य में मुख्य खाद्य फसलों का टोटा हो सकता है. इस बार टाल में भी दाल ठीक से नहीं गल रही है.
राज्य में प्रति हेक्टेयर अरहर के उत्पादन में 171 किलोग्राम की कमी आयी है. जिलावार इसको देखें तो यह आंकड़ा डराता है. पटना का टाल क्षेत्र दाल के लिए ही जाना जाता है.
यहां प्रति हेक्टेयर अरहर का उत्पादन 461 किलो कम हो गया है. नालंदा में 865, भोजपुर में 2010, गया में 599 किलो प्रति हेक्टेयर की कमी दर्ज की गयी है. चना के उत्पादकता में भी गिरावट है. पटना में ही यह आंकड़ा 723 किलो का है.
चना- मसूर की पैदावार भी कम
कृषि विभाग द्वारा पिछले सप्ताह खाद्य विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट को आधार मानें, तो 2018 -19 में राज्य में चना की पैदावार 1199 किलो प्रति हेक्टेयर थी.
2019-20 की उत्पादकता 730 किलो दर्ज की गयी है. इसी क्रम की अन्य फसलों में मसूर में 371, खेसारी में 258 और गरमी के मूंग में 39 किलो प्रति हेक्टेयर उत्पादन घटा है.
Posted by Ashish Jha