पटना. यूनिसेफ ने बाढ़ के समय सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पीएचइडी, जीविका और सहयोगी सामजिक संगठनों को फ्लड रिस्पांस सपोर्ट किट (एफआरएसके) की 61 यूनिट सौंपी. प्रत्येक यूनिट एक घंटे में 700 लीटर बाढ़ के गंदे पानी साफ कर सकती है. इसकी मदद से अत्यधिक दूषित बाढ़ के पानी को भी तुरंत शुद्ध कर पेयजल बनाया जा सकता है. इससे बाढ़ के दौरान पीने योग्य पानी मिलेगा. ये बातें शनिवार को पीएचइडी और जीविका के सहयोग से यूनिसेफ द्वारा शनिवार को “फ्लड रिस्पांस सपोर्ट किट” (एफआरएसके) की प्रदर्शन सह प्रशिक्षण कार्यशाला में कही गयीं. आयोजन ज्ञान भवन, पटना में किया गया था.
कार्यशाला में पीएचइडी के अभियंता, जीविका के सीएलएफ अध्यक्ष व जिला कार्यक्रम प्रबंधक के साथ साथ यूनिसेफ की आपदा न्यूनीकरण एवं वाश टीम के अधिकारियों समेत लगभग 125 लोग शामिल हुए. मौके पर यूनिसेफ की बिहार प्रमुख नफीसा बिंते शफीक ने कहा कि बाढ़ के दौरान खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए पेयजल और बेहतर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी हैं. मौके पर उन्होंने यूनिसेफ द्वारा खरीदे गये 61 फ्लड रिस्पांस सपोर्ट किट को पीएचइडी (40 यूनिट), जीविका (15 यूनिट)और सहयोगी सामाजिक संगठनों (6 यूनिट) अधिकारियों को सौंपा.
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कार्यशाला में आपदा प्रबंधन और जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि बिहार में बाढ़ से सालाना एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं. बाढ़ प्रभावित आबादी को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और इन किटों से बाढ़ जैसी आपात स्थिति के दौरान तुरंत पेयजल प्राप्त करने में मदद मिलेगी. कार्यशाला में पीएचइडी विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि बाढ़ और अन्य मानवीय संकटों से बेहतर तरीके से निबटने के लिए सामुदायिक स्तर पर कार्य करने वाले लोगों सहित सभी हितधारकों का बाढ़ पूर्व प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है.