सीमांचल के तीन संबद्ध कॉलेजों पर पूर्णिया विवि ने बैठायी जांच, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट
पूर्णिया विवि की ओर से सीमांचल के तीन संबद्ध कॉलेजों की जांच की जायेगी. इनमें पूर्णिया के बीएनसी कॉलेज धमदाहा, कटिहार के बलरामपुर कॉलेज और किशनगंज के एमएचएएनडी कॉलेज ठाकुरगंज शामिल हैं.
पूर्णिया. पूर्णिया विवि की ओर से सीमांचल के तीन संबद्ध कॉलेजों की जांच की जायेगी. इनमें पूर्णिया के बीएनसी कॉलेज धमदाहा, कटिहार के बलरामपुर कॉलेज और किशनगंज के एमएचएएनडी कॉलेज ठाकुरगंज शामिल हैं.
कुलपति प्रो. राजनाथ यादव के निर्देश पर छह सदस्यीय समिति को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. यह समिति तीनों कॉलेज के प्रशासनिक, अकादमिक और वित्तीय मामलों की जांच करेगी. इस समिति में वित्तीय सलाहकार, कुलानुशासक, कॉलेज निरीक्षक(आर्टस व कॉमर्स), सीसीडीसी, उपकुलसचिव(विधि) और असिस्टेंट रजिस्ट्रार(एडमिन-1) को शामिल किया गया है.
समिति को एक पखवारे के अंदर प्रतिवेदन समर्पित करने कहा गया है. इस संबंध में कॉलेज निरीक्षक(आर्ट्स व कॉमर्स) सह उपकुलसचिव (प्रशासन) डॉ पटवारी यादव ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर इसी हफ्ते से इन कॉलेजों की जांच शुरू कर दी जायेगी.
उच्च शिक्षा विभाग को हुई शिकायतों के आलोक में हो रही जांच
उच्च शिक्षा विभाग को की गयी शिकायतों के आलोक में यह जांच करायी जा रही है. इस जांच के दौरान नियुक्ति मामलों की भी छानबीन की जायेगी. बलरामपुर कॉलेज और एमएचएएनडी कॉलेज ठाकुरगंज के शिक्षकों की शिकायत पर जांच का निर्देश दिया गया है.
जबकि बीएनसी कॉलेज में पूर्व प्राचार्य की शिकायत पर विवि जांच करा रहा है. इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने 3 दिसंबर 2020 को पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव को एक पत्र जारी कर जांच की जरूरत बतायी थी.
पूर्व में अपदस्थ प्राचार्य की साजिश
इस संबंध में बीएनसी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. गिरीश ने बताया कि सारे आरोप निराधार हैं. पूर्व में अपदस्थ किए गए प्राचार्य पर साजिश करने का उन्होंने आरोप लगाया.
उन्होंने बताया कि अपदस्थ प्राचार्य पर करोड़ों के गबन का मामला चल रहा है. उससे ध्यान भटकाने और कॉलेज को बदनाम करने के लिए वर्तमान प्राचार्य को निशाना बनाया जा रहा है.
एक करोड़ की गड़बड़ी का था आरोप
एमएचएएनडी कॉलेज ठाकुरगंज के प्राचार्य प्रो. मो. मुजम्मिल हक ने बताया कि उन्होंने पिछले 5 सितंबर 2020 को प्राचार्य का प्रभार लिया है. पूर्व के प्राचार्य के काल में एक करोड़ 3 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगा था.
Posted by Ashish Jha