पूर्णिया विश्वविद्यालय: सैकड़ों प्रोविजनल सर्टिफिकेट एक झटके में रद्द, छात्रों की बढ़ी मुसीबत, जानें वजह
पूर्णिया विश्वविद्यालय (purnea university) में कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक के बीच घमासान मचा हुआ है. डिजिटल सिग्नेचर को लेकर दोनों आमने-सामने हो गए हैं. वहीं इस बीच सैकड़ों छात्रों के प्रोविजनल सर्टिफिकेट रद्द कर दिए गए हैं. जिससे स्टूडेंट की परेशानी बढ़ गयी है.
Purnea University News: बिहार के पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय और परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह के बीच डिजिटल हस्ताक्षर को लेकर घमासान मच गया है. इस विवाद के फलस्वरूप सीमांचल के सैकड़ों छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है. रविवार को विवि में बुलायी विद्वत परिषद की बैठक के बाद कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने एक अधिसूचना जारी कर पूर्णिया विवि के सैकड़ों छात्रों के औपबंधिक प्रमाणपत्र को रद्द घोषित कर दिया.
कुलसचिव के डिजिटल हस्ताक्षर का विवादकुलसचिव डॉ. घनश्याम राय की ओर से मीडिया को जारी अधिसूचना के अनुसार 10.5.2022 को कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने पूर्णिया विवि में योगदान दिया. उस तिथि के बाद से विवि परीक्षा विभाग ने सभी पाठ्यक्रमों में जितने भी औपबंधिक प्रमाण पत्र वर्तमान कुलसचिव के डिजिटल हस्ताक्षर से निर्गत किये हैं, उनमें कुलसचिव की अनुमति नहीं ली गयी है. कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय के डिजिटल हस्ताक्षर से परीक्षा विभाग द्वारा निर्गत किये गये 10.5.2022 से अबतक के सभी औपबंधिक प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित करते हुए निरस्त किया जाता है.
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने बताया कि परीक्षा विभाग बिना कुलसचिव की सहमति के डिजिटल सिग्नेचर नहीं कर सकता है. कुलसचिव की कार्यावधि में अबतक जितने डिजिटल सिगनेचर से औपबंधिक प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त समझा जाये. इधर, विवि परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह ने कुलसचिव के इस कदम को पूरी तरह से अव्यवहारिक बताया है. उन्होंने बताया कि पूरे मामले को कुलपति के समक्ष रखेंगे.
Published By: Thakur Shaktilochan