नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर जागरूकता के लिए प्रमंडलस्तरीय मीडिया कार्यशाला

पूर्णिया : पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में राज्य स्वास्थ्य समिति एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में नवजात बच्चियों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता विषय पर प्रमंडलस्तरीय मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त के सचिव धीरेंद्र पासवान, बाल स्वास्थ्य राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह, क्षेत्रीय उप निदेशक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2017 6:17 AM

पूर्णिया : पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में राज्य स्वास्थ्य समिति एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में नवजात बच्चियों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता विषय पर प्रमंडलस्तरीय मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया.

उद्घाटन पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त के सचिव धीरेंद्र पासवान, बाल स्वास्थ्य राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह, क्षेत्रीय उप निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जगदीश सिंह, यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ हुबे अली, स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ सिद्धार्थ रेड्डी ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त के सचिव धीरेंद्र पासवान ने कहा बच्चों को बचाने और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ बनाने में सबकी भूमिका महत्वपूर्ण है.
कार्यक्रम में बताया गया कि नवजात शिशुओं में खासकर बालिकाओं के लिए एसएनसीयू में मुफ्त इलाज होता है. इतना ही नहीं उसके लिए एंबुलेंस की भी व्यवस्था है.
मृत्यु दर में कोई कमी नहीं चिंता का विषय
डॉ जगदीश सिंह ने कहा गत तीन सालों से शिशु मृत्यु दर में कोई कमी नहीं हो रही है. नवजात बच्चों के बेहतरी के लिए सरकार ने विशेष नवजात इकाई की स्थापना की है, लेकिन इसमें होने वाले कुल दाखिलों का 64 प्रतिशत बालक हैं. बालिकाओं की संख्या मात्र 36 फीसद है. इस कार्यशाला का उद्देश्य मीडिया के माध्यम से समाज में बालिकाओं के स्वास्थ्य के बारे में जन-जागरूकता को बढ़ाना है और एसएनसीयू में बालिकाओं के दाखिले को बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक करना है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में एक हजार जीवित जन्म लेने वाले बच्चों में से एक साल के अंदर 36 लड़कों की मौत हो रही है. लड़कियों के मामले में यह फासला बढ़ कर 50 पहुंच गया है.
यूनिसेफ के बिहार राज्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ हुबे अली ने कहा कि बिहार के पहले एसएनसीयू की स्थापना 2008 में वैशाली में यूनिसेफ की सहायता से हुई थी. वर्तमान में बिहार के 34 जिलों में 37 एसएनसीयू कार्यरत हैं. इस अवसर पर अररिया की अंशु देवी, पूर्णिया की रंजू देवी और नयन कुमारी ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया. कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका में यूनिसेफ के प्रमंडलीय समन्वयक राजेश कुमार, शिव शेखर कुमार एवं पूर्णिया के बायो मेडिकल इंजीनियर मयंक पाठक थे.

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