खुश्कीबाग व गुलाबबाग की िनयति बना जाम

पूर्णिया : पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के सबसे बड़े व्यापारिक स्थल खुश्कीबाग व गुलाबबाग में जाम की समस्या आम हो गयी है. इससे आम लोग काफी परेशान हो रहे हैं. यहां आने के बाद पता चलता है कि दुनियां की सारी भीड़ यहीं है. इस व्यावसायिक मंडी में रोजाना हजारों लोग खरीदारी करने आते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2017 3:45 AM

पूर्णिया : पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के सबसे बड़े व्यापारिक स्थल खुश्कीबाग व गुलाबबाग में जाम की समस्या आम हो गयी है. इससे आम लोग काफी परेशान हो रहे हैं. यहां आने के बाद पता चलता है कि दुनियां की सारी भीड़ यहीं है.

इस व्यावसायिक मंडी में रोजाना हजारों लोग खरीदारी करने आते हैं. भारी वाहनों का भी प्रवेश होता है. सुरक्षा व ट्रैफिक व्यवस्था का टोटा है. पुलिस बल तैनात नहीं रहने से वाहन चालकों की मनमानी चलती है. खास कर कटिहार मोड़, खुश्कीबाग हटिया, ओवरब्रिज, सोनौली चौक व गुलाबबाग मार्केटिंग यार्ड के सड़कों पर वाहन चालकों का कब्जा है.
जिसके कारण घंटों जाम लगा रहता है. प्रशासन द्वारा हर बार इस क्षेत्र में जाम हटाने का प्रयास किया जाता है लेकिन प्रयास सार्थक साबित नहीं हो रहा है. इन दिनों मक्का का सीजन चल रहा है. जिसको लेकर दैनिक मक्का से लदा भारी वाहन प्रवेश करता है लेकिन अनियंत्रित और अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था के कारण घंटों भर जाम लगता है. जाम इस कदर लगता है कि पैदल यात्रियों को भी चलना मुश्किल हो जाता है. यहां तक कि जाम की समस्या इलाज कराने आये मरीज से भरा एंबुलेंस भी फंसा रहता है.
सड़क पर हैं फुटपाथी दुकानदार : कटिहार मोड़, रेलवे ओवरब्रिज, सोनौली चौक से लेकर बाजार समिति के गेट तक फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है. खास कर कटिहार मोड़ से लेकर ओवरब्रिज खुश्कीबाग हटिया तक भयावह स्थिति है. सड़क सिक्स लेन होने के बावजूद भी मुश्किल से एक लेन की जगह बची है. बांकी जगहों पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है.
अतिक्रमणमुक्त का नतीजा सिफर : दो माह पूर्व शहर में जिला प्रशासन व नगर निगम के द्वारा अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था जिसमें सड़क किनारे बने घर व फुटपाथी दुकानों को हटा कर शहर को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया था. यह अभियान करीब एक माह तक लगातार चला. कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन अभियान रूकते ही लोगों ने फिर से सड़क को अतिक्रमण करना शुरू कर दिया. स्थिति यह है कि अब पहले के तुलना में और भी ज्यादा अतिक्रमण होने लगा है. लोग अतिक्रमण अभियान को अब चिढ़ाने लगा है.

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