जीएसटी के चलते रुका पांच अरब का सौदा
साइड इफेक्ट : झमेले से बचने के लिए स्टॉक कर रहे जीरो, नये सौदे को टाला अजीत पूर्णिया : एक जुलाई से जीएसटी लागू होना है. सरकार जीएसटी के नियमों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर रही है, पर व्यवसायियों में संशय बरकरार है. कई चर्चाएं हैं, जैसे जीएसटी लागू होने […]
साइड इफेक्ट : झमेले से बचने के लिए स्टॉक कर रहे जीरो, नये सौदे को टाला
अजीत
पूर्णिया : एक जुलाई से जीएसटी लागू होना है. सरकार जीएसटी के नियमों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर रही है, पर व्यवसायियों में संशय बरकरार है. कई चर्चाएं हैं, जैसे जीएसटी लागू होने के बाद अब ब्रांडेड खाद्यान्न पर पांच फीसदी जीएसटी लगाया जायेगा.
ऐसे में किसी झमेले से बचने के लिए व्यवसायी पुराने स्टॉक को खाली करने में ही भलाई समझ रहे हैं.
उत्तर बिहार की सबसे बड़ी थोक मंडी गुलाबबाग और पूर्णिया के थोक व्यापारियों ने हजारों टन दाल, चावल, चीनी, तेल, किराना, कॉस्मेटिक, सीमेंट, छड़, हार्डवेयर, प्लास्टिक आइटम और अन्य वैसे सामान का सौदा रद्द कर दिया है, जिनपर जीएसटी लागू हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक जून माह में अब तक पांच अरब का सौदा रद्द हो गया है. पुराना स्टॉक खत्म करने के कारण इन दिनों थोक मंडी में खाद्य पदार्थों की कीमत में भारी गिरावट आयी है. अब ग्रामीण इलाकों के छोटे थोक खरीदार भी स्टॉक लिमिट को लेकर मंडी में खरीदारी से बच रहे हैं. इस कारण पहले की अपेक्षा मंडी में खरीदारों की आवाजाही भी कम हो गयी है. इन सबके बावजूद थोक मार्केट में पुराने स्टॉक को खाली करने के कारण कीमतें तो गिरीं, लेकिन रिटेल में खाद्यान्न की कीमतों में कमी नहीं आयी है.
किन-किन आइटम का सौदा हुआ रद्द
जानकारी के अनुसार थोक कारोबार में चीनी, चावल, दाल, तेल रिफाइन, डालडा, मक्का, सीमेंट, हार्डवेयर सामान, टीना चादर, टाइल्स, प्लास्टिक के कई आइटम, जिनका पूर्व में सौदा हुआ था, उन्हें रद्द कर दिया गया. इसके अलावा देश के कई बड़े शहरों में मक्का से बनने वाले खाद्य पदार्थ व पॉल्ट्री दाने की फैक्टरियों की सप्लाइ पर ब्रेक लग गया है.
हर रोज करोड़ों का नकदी कारोबार
गुलाबबाग मंडी में लोहे के चादर, छड़, सीमेंट, खाद, प्लास्टिक आइटम, हार्डवेयर आइटम के साथ तेल चीनी, चावल, किराना और कॉस्मेटिक आदि का बड़ा बाजार है. नेपाल और बंगाल के कई इलाकों से थोक माल का कारोबार वर्षों पुराना है. हर रोज यहां करोड़ों का नकदी कारोबार होता है.
जानकारी के अनुसार गुलाबबाग मंडी में हर माह लोहा, टीन, सीमेंट व हार्डवेयर के डेढ़ अरब का कारोबार होता है. इसके अलावा किराना के सामान जैसे चावल, दाल, तेल, चायपत्ती, मसाला आदि का लगभग ढाई अरब का बाजार है.
झमेले से बचना चाह रहे व्यवसायी : गुलाबबाग मंडी की स्थिति इन दिनों कुछ अच्छी नहीं है. बाजार में खरीदार नहीं हैं और अनाज से लेकर दलहन और चीनी इत्यादि के दाम में करीब 100 से दो सौ रुपये की गिरावट कारोबारी को नुकसान पहुंचा रही है. ऊपर से जीएसटी को लेकर संशय बरकरार है. दुकानें तो खुल रही हैं, लेकिन व्यापारियों का एक ही लक्ष्य है कि पहले के स्टॉक को खत्म करना.
दरअसल जीएसटी के नये नियमों के मुताबिक स्टॉक कैरी फॉरवर्ड के बाद पुराने स्टॉक पर जीएसटी की नयी दरें लागू होने और टैक्स को लेकर झमेले को देखते हुए कोई भी कारोबारी रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि जीरो स्टॉक कर कुछ दिन खरीदारी और दुकानदारी से बेहतर है इंतजार करना. यही कारण है कि अब तक का सभी सौदा कारोबारियों ने रद्द कर दिया है.