लालगंज नाले की सफाई शुरू

पूर्णिया : आखिरकार मॉनसून के आगमन से पहले नगर निगम सजग हुआ और निगम की ओर से शहर के एकमात्र आउटलेट लालगंज नाले की सफाई का अभियान आरंभ किया गया है. लगभग सात किमी लंबे लालगंज ड्रेनेज की सफाई में जेसीबी मशीन के साथ-साथ सफाईकर्मियों को भी लगाया गया है. प्राप्त जानकारी अनुसार, पिछले तीन-चार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2017 10:41 AM

पूर्णिया : आखिरकार मॉनसून के आगमन से पहले नगर निगम सजग हुआ और निगम की ओर से शहर के एकमात्र आउटलेट लालगंज नाले की सफाई का अभियान आरंभ किया गया है. लगभग सात किमी लंबे लालगंज ड्रेनेज की सफाई में जेसीबी मशीन के साथ-साथ सफाईकर्मियों को भी लगाया गया है. प्राप्त जानकारी अनुसार, पिछले तीन-चार दिनों से सफाई का काम चल रहा है. नाले के आधे से अधिक भाग की सफाई कर लिये जाने का दावा नगर निगम कर रही है. सोमवार को टैक्सी स्टैंड चौक के समीप लालगंज ड्रेनेज की सफाई का काम चल रहा था.

डीएम के निर्देश पर सफाई हुई आरंभ : लालगंज नाला में बहाव बंद रहने को जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने भी काफी गंभीरता से लिया है. डीएम ने लालगंज नाले की सफाई के क्लोज मॉनीटरिंग का हुक्म दिया है. डीएम ने सफाई कार्य की प्रगति का रोजाना प्रतिवेदन मांगा है. डीएम ने प्रतिवेदन के साथ उस दिन की सफाई की तसवीर भी प्रस्तुत करने का फरमान दिया है. डीएम के आदेश के बाद नगर निगम ने इस दिशा में तेजी से कार्रवाई आरंभ कर दिया है. निगमकर्मी बड़ी मुस्तैदी से सफाईकर्मियों से सफाई का कार्य करवा रहे हैं.

तीन साल में सफाई पर 25 लाख खर्च : पिछले तीन साल में लालगंज नाले की सफाई पर करीब 25 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. इसके बाद भी नाले का बहाव बंद होने से बरसात में नारकीय स्थिति का सामना लोगों को करना पड़ता था. दरअसल इसकी वजह यह रही कि कभी पूरे भाग की तो कभी आधे हिस्से की ही सफाई हो सकी. इस बार डीएम और मेयर खुद लालगंज नाले की सफाई पर निगरानी रख रहे हैं. इससे लोगों को लग रहा है कि इस बार के मॉनसून में पहले की तुलना में कम परेशानी झेलनी पड़ेगी.

लालगंज ड्रेनेज के जीर्णोद्धार की मांग : शहर के प्रबुद्धजनों की मांग है कि पीडब्लूडी से लेकर मरंगा बायपास तक लालगंज नाला कई जगह ध्वस्त हो गया है.

कहीं अवैध निर्माण से यह संकरा हो गया तो अधिकांश हिस्से में यह कच्चा है. पांच साल पहले नगर विकास निधि के 11 करोड़ रुपये से लालगंज नाले के जीर्णोद्धार की योजना बनायी गयी थी. लेकिन तकनीकी कारणों से यह योजना अधर में लटक गयी. शहर के एकमात्र आउटलेट होने के कारण इस नाले के कायाकल्प की मांग जोर पकड़ रही है. नये जिलाधिकारी से शहरवासियों को काफी उम्मीद है.

Next Article

Exit mobile version