नाबालिग से दुष्कर्म व हत्यारे को अंतिम सांस तक कैद की दी सजा

न्याय की जीत. िरटायरमेंट के अंतिम दिन सुनाया ऐतिहािसक अंतिम फैसला पूर्णिया कोर्ट : एक अल्पवय 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर देने के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायालय सह विशेष जज हौसीला प्रसाद त्रिपाठी ने कसबा थाना क्षेत्र के सरोचिया निवासी मो अहमद को अंतिम सांस तक जेल में रहने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2017 5:45 AM

न्याय की जीत. िरटायरमेंट के अंतिम दिन सुनाया ऐतिहािसक अंतिम फैसला

पूर्णिया कोर्ट : एक अल्पवय 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर देने के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायालय सह विशेष जज हौसीला प्रसाद त्रिपाठी ने कसबा थाना क्षेत्र के सरोचिया निवासी मो अहमद को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनायी तथा 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. मामला कसबा थाना कांड संख्या 53/17 से संबंधित है जिसके लिए न्यायालय में विशेष सत्रवाद 24/17 चलाया गया था. महज तीन माह 20 दिन में न्यायालय ने अपना फैसला कलमबद्ध कर दिया था.
मामले की सूचिका किरण कुमारी बतायी जाती है. आरोपित पीड़िता का रिश्तेदार बताया गया. दरअसल घटना के दिन 10 अप्रैल 2017 को पीड़िता सुबह 6:30 में शौच के लिए निकली थी. आरोपित ने जब उसे देखा तो पीछे से रस्सा का टुकड़ा लेकर के मकई के खेत में चला गया, जहां किशोरी शौच करने गयी थी. अभियुक्त ने लड़की का हाथ-पैर रस्सी से बांध कर उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म करने के बाद उस लड़की के पहचानने के कारण उसकी गला दबा कर हत्या करने लगा था. तब तक लड़की की बड़ी बहन को कुछ संदेह हुआ. वह दौड़ कर मकई खेत गयी. जहां उसने आरोपित को अपनी बहन का गला दबाते देखा.
वह हल्ला करने लगी. उसके मां-बाप तथा ग्रामीण जमा हो गये. दौड़कर लड़की को देखा पर तब तक वह मर गयी थी. तब पुलिस को खबर किया गया था. मामले में अपर लोक अभियोजक निर्मला रानी साहा ने मामले में 10 गवाहों को प्रस्तुत करके गवाही करवाया. बचाव पक्ष से उत्तम लाल ने दो गवाह को प्रस्तुत किया. अंतत: न्यायालय जिनका आज अंतिम कार्यकाल था. वे मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देख कर इसे जीवन की अंतिम सांसों तक कालकोठरी में रहने की सजा दी जाती है तथा 50 हजार का जुर्माना भी लगाया जाता है.

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