सावन की अंतिम सोमवारी. बोलबम व हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा खुश्कीबाग
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जेकर नाथ भोलेनाथ उ अनाथ कैसे होई…
सावन की अंतिम सोमवारी. बोलबम व हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा खुश्कीबाग पूर्णिया : शहर के खुश्कीबाग में बोलबम के जयकारा से रविवार की शाम पूरा खुश्कीबाग गूंज उठा. वहीं स्थानीय लोगों की सेवा से कांवरियों ने काफी राहत महसूस किया. गौरतलब है कि हर साल सावन के अंतिम सोमवारी से पहले कटिहार […]
पूर्णिया : शहर के खुश्कीबाग में बोलबम के जयकारा से रविवार की शाम पूरा खुश्कीबाग गूंज उठा. वहीं स्थानीय लोगों की सेवा से कांवरियों ने काफी राहत महसूस किया. गौरतलब है कि हर साल सावन के अंतिम सोमवारी से पहले कटिहार जिला के मनिहारी से जल भर कर अररिया जिला के मदनपुर स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक करने की परंपरा है. जिसके लिए हजारों की संख्या में कांवरियां द्वारा मनिहारी से जल भर कर मदनपुर स्थित शिव मंदिर में जल चढ़ाया जाता है.
सोमवार को सावन की अंतिम सोमवारी थी. जिसके लिए रविवार को कांवरियों ने मनिहारी से जल भर कर रवाना हुआ. कांवरियों की सेवा और सुविधा के लिए जगह-जगह विश्राम स्थल की व्यवस्था की गयी थी. खुश्कीबाग पूर्णिया जंक्शन पर भी स्थानीय समाजसेवियों एवं बाबा के भक्तों द्वारा शिविर लगाया गया था. कांवरियों का थकान दूर करने के लिए शरबत, फल एवं प्राथमिक उपचार के लिए पेन क्लीनर स्प्रे, दवा एवं विश्राम स्थल की व्यवस्था की गयी थी. वहीं समाजसेवियों द्वारा कांवरियां एवं भक्तों के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी
आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा शिव भक्ति गाना से भक्तों को ताली बजाने पर विवश कर दिया. वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने एवं कलाकारों का हौंसला बढ़ाने के लिए मौके पर सदर विधायक विजय खेमका भी उपस्थित थे. उन्होंने शिविर संचालन के लिए आयोजक एवं कलाकारों को बधाई देते हुए हौसला आफजाई की. कार्यक्रम को सफल बनाने में वार्ड पार्षद अमित कुमार उर्फ डब्लू, वीरेंद्र चौधरी, अनंत कुमार, ऋतिक, रोहित, मिंटू सिंह, राकेश लाल, कन्हैया, वीरेंद्र यादव, मेराज, आदित्य चौधरी, सागर चौधरी, रतन चौधरी एवं सभी खुश्कीबाग, मिलनपाड़ा वासियों ने सक्रिय भूमिका निभायी.
अमौर प्रतिनिधि अनुसार : सावन के पांचवें एवं अंतिम सोमवार को विभिन्न पंचायतों के मंदिर को सजाया गया है. भक्तों द्वारा शिवलिंग में जल भक्ति पूर्वक अर्पित किया गया. शिव दुर्गा मंदिर में शिव का जलाभिषेक की तैयारी की गयी है. वहीं बेलगच्छी के जगदिश्वर मंदिर, विष्णुपुर मंदिर, आमगाछी पंचायत के शिवेश्वर मंदिर में एवं रौती बसहा सहित अन्य मंदिरों को सजाया गया है. मंदिरों में भजन संकीर्तन का आयोजन किया गया है. अमौर से कांवरिया भक्तों की टोली बेलगच्छी पहुंच कर परमान नदी में जल भर कर पैदल नाचते गाते अमौर शिव मंदिर में जल अर्पित किया. वहीं भक्तों ने शिवलिंग पर जल अर्पित करने के उपरांत उपवास तोड़ कर अन्न जल ग्रहण की. इस दौरान मेले का आयोजन भी किया गया. मेला में बच्चों के लिए झुला खिलौने की दुकान मिठाई की दुकान आदि लगे.
बीकोठी प्रतिनिधि अनुसार : श्रावण मास के अंतिम सोमवारी को बाबा बरूनेश्वर स्थान शिवभक्तों, शिवशिष्यों, धर्मावलंबियों अनुयायियों से पटा हुआ था. लगभग दो लाख भक्तों ने आज बाबा पर जलाभिषेक किया. अराधक भांग, गांजा, धतूरा, बेलपत्र, चंदन, गंगा जल से जलाभिषेक करने में महिलाएं आगे थी. महिलाएं बाबा की नचारी ‘कहिया हरब दुख मोर हो भोलेनाथ बोल-बोल ये बबूआ बोलबम कहते गाते नाच रहे थे. वहीं लोकधुन पर आधारित भगैत गायक भी अपने ठाकुर बाबा के गुणगाते अघाते नहीं थे.
आज सैकड़ों कांवरिया बाबा बैजनाथ दरबार से जलाभिषेक कर लौटते वक्त बाबा बरूनेश्वर स्थान में जलाभिषेक किया. आज मेला में सोमवारी व्रती, रक्षा बंधन हेतु बहनें रक्षा सूत्र भी खरीदने में व्यस्त देखी गयी. मेला में रक्षा सूत्र की बिक्री अधिक हो रही थी. वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया था. ओपी अध्यक्ष श्याम कुमार मेहता एवं अंचल पदाधिकारी सह बीडीओ निशांत कुमार एवं पुलिस बल की मुस्तैदी विधि व्यवस्था पूर्ण रूपेण बनी रही. बरुनेश्वर विकास समिति के सचिव सत्येंद्र प्रसाद सिंह, उपसचिव तारानंद सिंह, अशोक प्रसाद सिंह, विजय कुमार सिंह आदि द्वारा विधि व्यवस्था पर नजर रखी जा रही थी. बाबा स्थान में नौ सीसीटीवी लगा है.
श्रीनगर प्रतिनिधि अनुसार : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खुट्टी हसैली पंचायत के खाता हाट के निकट बाबा खतेश्वरनाथ मंदिर में महिलाओं ने अंतिम सोमवारी को जलाभिषेक किया. श्रद्धालुओं में सुमित्रा देवी, सावित्री देवी, कलावती देवी, चंद्रकला देवी, बबीता देवी, सावन कुमारी, अर्चना कुमारी ने बताया कि बाबा भोले मंदिर में जलाभिषेक करने से आत्मा को शांति मिलती है. सुभाष कुमार, धीरेंद्र, नंद किशोर, भुवनेश्वर, शंभू शर्मा ने बताया कि बाबा खतेश्वर नाथ मंदिर में शिवलिंग की पूजा की जाती है. इस मंदिर में बथनाहा, सधुवैली, बथनाहा ऋषि टोला, गढ़िया, दिरा, हसैली, जगैली, बसगड़ा, झुन्नी, तारा नगर, चौहान टोला, मेहता टोला, कनचीरा सहित दर्जनों गांव के महिला एवं पुरुष मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं.
रूपौली प्रतिनिधि अनुसार : सावन महीना के अंतिम सोमवारी के दिन प्रखंड के सभी शिवाला में हर-हर महादेव से शिवभक्त में काफी भक्तिमय माहौल था. सुबह से ही शिवाला में पूजा करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. जिस लेकर शिव मंदिर टीकापट्टी रुपौली सापहा, गोवालपाड़ा सहित प्रखंड के सभी छोटे बड़े शिव मंदिर में भक्तों की काफी तादाद में भीड़ देखी गयी. लोग जल आदि लेकर भोलेनाथ की पूजा करते नजर आये.
बनमनखी. मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध धिमेश्वरनाथ महादेव मंदीर में अंतिम सोमवारी को लेकर कांवरिया की जनसैलाब उमड़ पड़ी. हर-हर महादेव व बोल बम के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा. सोमवार को अहले सुबह मंदिर के पट खुलते हीं महादेव के सुन्दर शिवलिंग पर बाबा भोलेनाथ के हजारों-हजार भक्तों ने जलाभिषेक किया. इस दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए मंदिर परिसर में तैनात पुलिस बल व स्थानीय भोलेन्टियर को काफी मशक्कत भी करनी पड़ा. लेकिन अंचल पदाधिकारी उपेन्द्र कुमार एवं थाना अध्यक्ष शिव शरण साह के कुशल नेतृत्व से अप्रत्याशित भीड़ होने के बावजूद विधि व्यवस्था कायम रहा. दोनों अधिकारी खुद मंदिर परिसर के अंदर व बाहर तैनात भोलेन्टियर व पुलिस बल को दिशा निर्देश देते रहे. अंतिम सोमवारी एवं रक्षाबंधन को लेकर सुबह से लेकर शाम तक मंदिरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता रहा. भक्तों के हुजूम मंदिरों में जाने से वहां का माहौल भक्तिमय हो उठा. इसमें महिला-पुरुष युवतियां छोटे छोटे बच्चे में कफी उत्साह देखा गया. श्रद्धालुओं ने शिवालायों में देवो के देव महादेव भोले शंकर के उपर जलाभिषेक किया.ऐसा माना जाता है कि सावन मास में जो भक्त सच्चे मन से देवो के देव महादेव को पूजा अर्चना करते है उनकी सभी मुरादे भोलेनाथ अवश्य पूरी करते है.
धिमेश्वरनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब : बनमनखी के धिमेश्वरनाथ मंदीर में अहले सुबह से ही श्रद्धालु की भीड़ लगना शुरू हो गया. ज्यों-ज्यों दिन चढा त्यो-त्यो शिव भक्तों की जनसैलाब उमड़ने लगा. पूजा अर्चना करने के लिए बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाओं का दिनभर तांता लगा रहा. हर हर महादेव, बोल कांवरिया बोलबम, ॐ नमः शिवाय के जयकारे से पुरा इलाका गुंजायमान होता रहा. धिमेश्वरनाथ बाबा का पूजा करने के लिए आस पास के गावों के अलावे पड़ोसी देश नेपाल से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर बाबा भोले नाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. शिव भक्त शिवलिंग पर गंगाजल, फूल, बेलपत्र, दूग्ध, पंचामृत आदि सामग्री से दिनभर पूजा-अर्चना करते देखे गए.
मनिहारी के गंगाजल चढाने की है परंपरा : कटिहार जिला के मनिहारी से शिव भक्त गंगाजल लाकर धिमेश्वरनाथ मंदीर में चढाते है. बताया जाता है कि यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है.सावन के पूरे मास शिव भक्तों के द्वारा मनीहारी गंगा से जल भर कर पैदल, मोटरसाइकिल, चारचक्का वाहन एवं ट्रकटर से आकर धिमेश्वरनाथ नाथ मंदर में जलाभिषेक करते है.एक अनुमान के अनुसार मेला कमिटी कहते हैं कि प्रत्येक वर्ष सावन मास में लाखों शिव भक्त धिमेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहूचते हैं.जिसमें हजारों की संख्या डाक बम का भी होता है.
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