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वधू पक्ष ने दूल्हे को बनाया बंधक, वधू ने कहा- ””मैं ससुराल नहीं जाऊंगी””

केनगर (पूर्णिया) : थाना क्षेत्र की झुन्नी इस्तंबरार पंचायत के बेगमपुर में ससुराल आये दूल्हे और उनके साथ आये हुए पांच रिश्तेदारों को ससुराल के लोगों ने बंधक बना लिया. खास बात यह रहा कि दूल्हा अपने रिश्तेदारों के साथ तीन दिनों तक ससुराल में बंधक बना रहा. बाद में दूल्हे के परिजनों की शिकायत […]

केनगर (पूर्णिया) : थाना क्षेत्र की झुन्नी इस्तंबरार पंचायत के बेगमपुर में ससुराल आये दूल्हे और उनके साथ आये हुए पांच रिश्तेदारों को ससुराल के लोगों ने बंधक बना लिया. खास बात यह रहा कि दूल्हा अपने रिश्तेदारों के साथ तीन दिनों तक ससुराल में बंधक बना रहा. बाद में दूल्हे के परिजनों की शिकायत के बाद थानाध्यक्ष विजय कुमार यादव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दूल्हे और उसके परिजनों को मुक्त कराया. इसके बाद सामाजिक स्तर पर पंचायत हुई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि वधू के ससुराल में वधू को जेवर के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. पंचायत में पंचों द्वारा वधू के पिता को वधू को दूल्हे को सौंपने का निर्देश दिया. लेकिन, उलाहना और प्रताड़ना से आहत वधू ने कहा कि वह ससुराल नहीं जायेगी.

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पान जेवर के लिए वधू को किया गया प्रताड़ित

मिली जानकारी अनुसार, बेगमपुर कब्रिस्तान टोला निवासी मो मोतालिक ने 24 अगस्त को अपनी पुत्री इसरत बानो की शादी कसबा थाना क्षेत्र के कैयमी गांव निवासी मो मंसूर के पुत्र मो शाकिम के साथ धूमधाम से करायी थी. शादी के बाद लड़की रुखसत होकर ससुराल गयी. वहां वधू को देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास की महिलाएं भी पहुंचीं. वधू सुंदर थी, लेकिन उसके गले में पान जेवर नहीं था. इस बात को लेकर दूल्हे के परिजन समेत आसपास की महिलाओं ने भी वधू का उपहास किया. दरअसल, शेरशाहवादी मुस्लिम बिरादरी में पान जेवर की बड़ी अहमियत होती है. जिस प्रकार हिंदू महिलाओं के लिए मंगलसूत्र महत्वपूर्ण है, उसी प्रकार इस बिरादरी में पान जेवर महत्वपूर्ण होता है. यह पान जेवर चांदी अथवा सोने का हो सकता है. पान जेवर इसलिए कहा जाता है कि उसकी बनावट पान के पत्ते की तरह होती है.

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26 अगस्त को दूल्हा रूखसत कराने पहुंचा ससुराल

25 अगस्त को लड़की ससुराल से विदा होकर मायका वापस लौटी. उसने आते ही घरवालों से पान जेवर को लेकर दिये जा रहे उलाहने की चर्चा करते हुए अपने पिता से कहा कि वह वापस अपने ससुराल नहीं जायेगी, क्योंकि वहां हमेशा उसे उपहास का सामना करना पड़ेगा. लाख प्रयास के बावजूद वधू अपने जिद पर अड़ी रही. बेटी की जिद के आगे परिवार वाले भी नतमस्तक हो गये. बताया जाता है कि रिवाज के अनुसार 26 अगस्त को दूल्हा अपने चार परिजन मो सैदूर, अनवारूल, तौफिक एवं मो सनारदी के साथ ससुराल अपनी नयी-नवेली दुल्हन के रुखसती के लिए पहुंचा. दूल्हे को ससुराल की स्थिति और दुल्हन के तल्ख तेवर का पता नहीं था. उन लोगों के पहुंचते ही दूल्हा सहित सभी को बंधक बना लिया गया.

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वधू ने कहा, वार बाड़ी ते भात खाबो ना

वधू पक्ष के लोगों ने दूल्हा और उसके परिजनों को बंधक बनाने के बाद शादी में खर्च हुए 2.5 लाख रुपया वापसी की मांग करने लगे. दूल्हा पक्ष के लोगों ने सबों को छुड़ाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन नाकामयाबी मिली. अंतत: थक-हार कर दूल्हे के परिजनों ने बंधक बने लोगों को छुड़ाने के बाबत थाने को सूचित किया. पुलिस ने बंधकों तथा लड़की समेत उसके परिजनों तथा ट्रैक्टर को थाना लाया. पुलिस दबिश तथा ग्रामीण पंचों की पहल के बाद कन्या के पिता ने लड़का पक्ष को अपनी लड़की सौंपने की रजामंदी जतायी. लेकिन, लड़की ने पंचों के सामने कहा ”वार बाड़ी ते भात खाबो ना”. कन्या के पिता मो मोतालिक ने कहा, ”कुछ दिनों में सब ठीक हो जायेगा, तो बेटी भी ससुराल चली जायेगी”. दूसरी तरफ, सोमवार की देर शाम दूल्हा अपने परिजनों के साथ अपने घर के लिए रवाना हुआ.

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