आसमान छू रही सब्जियों की कीमत

पूर्णिया. बाढ़ के कहर का सबसे जबरदस्त असर सब्जी के बाजार में दिख रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भले ही स्थिति समान्य होने लगी हो, लेकिन सब्जी के बाजार में आग लगी हुई है. सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है और यहां धरती पर आम लोग परेशान हैं. नतीजा यह है कि भोजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2017 12:47 PM

पूर्णिया. बाढ़ के कहर का सबसे जबरदस्त असर सब्जी के बाजार में दिख रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भले ही स्थिति समान्य होने लगी हो, लेकिन सब्जी के बाजार में आग लगी हुई है. सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है और यहां धरती पर आम लोग परेशान हैं.

नतीजा यह है कि भोजन की थाली से सब्जियां गायब हो रही है. कल तक बाजार में किलो की दर से खरीदारी करने वाले लोग अब पांव में खरीदारी कर रहे हैं. जानकार बताते हैं कि बाढ़ की वजह से खेतों में लगी सब्जी की फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी है. आसपास के जिलों में भी बाढ़ का प्रकोप है.

सड़कें बाढ़ की चपेट में ध्वस्त हो चुकी है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से शहर तक सब्जियां नहीं पहुंच पा रही है. जिला मुख्यालय के इर्द-गिर्द उपजायी गयी सब्जियां ही शहर में पहुंच रही है, जिसके कारण सब्जी की कीमतें लगातार बढ़ती नजर आ रही है. सब्जी की सबसे बड़ी मंडी खुश्कीबाग है. यहां रोजाना पचासों ट्रक सब्जी पहुंचती थी, जो लगभग बंद है. वहीं प्याज की कीमतें भी आसमान छू रही है. जानकार बताते हैं कि इसकी एक बड़ी वजह जमाखोरी भी है.

दोगुणी से तिगुणी हुई सब्जी की कीमतें : सब्जी की कीमत दोगुनी से तीन गुणी हो गयी है. प्याज 12 रुपये से बढ़ कर 30 से 35 रुपये तक पहुंच चुकी है. भिंडी 10 रुपये से बढ़ कर 40 रुपये पर इठला रही है. करेला 20 रुपये से बढ़ कर 40 रुपये हो गया है. कल तक जो नेनुवा 10 रुपये किलो आसानी से उपलब्ध था, वह भी 15 से 20 रुपये किलो से नीचे नहीं उतर रहा है. ओल की कीमत भी प्रति किलो 40 रुपये है तो परवल की कीमत 15 रुपये से बढ़ कर 30 से 40 रुपये प्रति किलो हो गया है. टमाटर की कीमत सुन कर ही लोगों के पसीने छूटने लगते हैं.

टमाटर बहरहाल 60 से 80 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. खुश्कीबाग मंडी के सब्जी कारोबारी बताते हैं कि टमाटर से लेकर सभी तरह की सब्जी का आयात होना बंद हो गया है. बाजार में लोकल सब्जी ही उपलब्ध है. सब्जी का आयात नहीं होने से इसके दाम में इजाफा हुआ है. कारोबारी बताते हैं कि यह सिलसिला एक महीने और चलने की संभावना है.

अलग-अलग मुहल्ले में अलग-अलग कीमत : सब्जी के मामले में शहर के विभिन्न इलाके का अलग-अलग मिजाज है. एक ही शहर में अलग-अलग जगहों पर सब्जी की कीमतें अलग-अलग है. खुश्कीबाग हाट में प्याज 24 रुपये किलो, भिंडी 20 रुपये किलो और करेला 30 रुपये किलो बिक रहा है.

वहीं शहर के मधुबनी, भट्ठा बाजार, आरएनसाह चौक और पॉलिटेक्निक चौक पर प्याज 30 से 35 रुपये, भिंडी 30 से 35 रुपये, करेला 40 रुपये और टमाटर 80 रुपये किलो बिक रहा है. खुश्कीबाग और शहर के अन्य जगह पर सब्जी की कीमत में काफी अंतर है. शहर में सब्जी की कीमत में इस भारी अंतर की वजह से अब मधुबनी और पॉलिटेक्निक चौक के लोग भी सब्जी खरीदने के लिए खुश्कीबाग और हरदा हाट का रूख करने लगे हैं.

प्याज पर जमाखोरों की नजर

प्याज पर जमाखोरों की नजर है. जमाखोरों ने बाढ़ की स्थिति को देख कर भारी संख्या में प्याज का स्टॉक कर लिया है. बाढ़ आने के बाद प्याज को कोल्ड स्टोर्स में जमा कर दिया गया है. जिससे बाजार में जरूरत के हिसाब से प्याज नहीं मिल पा रहा है. जिससे प्याज की कीमत में उछाल आया है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि बाढ़ की वजह से नासिक से कम प्याज की आवक हो रही है, जिससे दाम में इजाफा हुआ है. बहरहाल कारण जो भी हो, लोगों की न केवल जेबें कट रही है, बल्कि कीमतों से परेशानी भी बढ़ी हुई है.

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