दहशत में कैदी, सांसत में परिजनों की जान
पूर्णिया : जेल में बंद भवानीपुर जावे के कैयूम नदाफ के भाई मोकीम नदाफ के अनुसार उनके भाई को खाने में सूखा चूड़ा दिया जाता है. विरोध करने पर जेल अधीक्षक की शह पर कैदी मंजीत सिंह एवं सिपाही अमरजीत सिंह द्वारा उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती है. पिटाई से उसकी हालत काफी गंभीर […]
पूर्णिया : जेल में बंद भवानीपुर जावे के कैयूम नदाफ के भाई मोकीम नदाफ के अनुसार उनके भाई को खाने में सूखा चूड़ा दिया जाता है. विरोध करने पर जेल अधीक्षक की शह पर कैदी मंजीत सिंह एवं सिपाही अमरजीत सिंह द्वारा उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती है. पिटाई से उसकी हालत काफी गंभीर है. उसे बेहतर इलाज की सख्त जरूरत है. लेकिन जेल अधीक्षक उन्हें हॉस्पीटल वार्ड में भर्ती रखे हुए हैं. अगर उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया जाता है अथवा मामले की जांच करायी जाती है तो सच्चाई सामने आ जायेगा.
क्या हैं सादे कागज पर हस्ताक्षर के रहस्य
जेल में बंद कैदी के परिजनों ने बताया कि जब से जेल में व्याप्त अराजकता का मामला मीडिया में सामने आया है, तब से जेल प्रशासन एक नये खेल में मशगूल हो गया है. दरअसल बुधवार को सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के परिजनों ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को कैदियों का हस्ताक्षर युक्त आवेदन सौंप कर कारा में व्याप्त बदहाली से अवगत कराते हुए उसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. उसके बाद से ही लगातार कैदियों से एक सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है. जो निरक्षर हैं, उनसे जबरन अंगूठे का निशान लिया जा रहा है. जानकार बताते हैं कि जेल प्रबंधन अपनी गरदन बचाने के लिए एक फर्जी आवेदन तैयार कर रहा है, जिसमें सब कुछ दुरुस्त होने की बात लिखी जायेगी. ताकि अगर जांच हो तो कोई गड़बड़ी सामने नहीं आये.
मिथुन कुमार यादव से सादा कागज पर हस्ताक्षर करने का बना रहे दबाव
केस स्टडी-दो : मुफस्सिल थाना के महेंद्रपुर की सुमन देवी कहती हैं कि उसके पति मिथुन कुमार यादव से मंजीत सिंह एवं जेल अधीक्षक सादा कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बना रहे हैं. विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. मंजीत सिंह द्वारा जेल में रहने के एवज में रुपये की भी मांग की जा रही है. सादा कागज पर क्यों हस्ताक्षर कराने की कोशिश की जा रही है, यह स्पष्ट नहीं हो रहा है. सुमन देवी की मानें तो अंदर में रह रहे कैदी जानवर से भी बदतर जिंदगी बसर कर रहे हैं
और उसके पति के साथ कभी भी कोई हादसा हो सकता है. कैयूम नदाफ और सुमन देवी ने जब गुरुवार को डीएम प्रदीप कुमार झा से मिल कर जेल में व्याप्त अराजकता के संबंध में आवेदन दिया और जेल की स्थिति के बारे में मौखिक रूप से बताया तो कुछ देर के लिए डीएम भी खामोश हो गये. गुरुवार को किशनगंज के रूईधासा की दुलो देवी भी जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा से मिल कर उनके पुत्र अजीत पासवान की पिटाई मामले की पूरी कहानी बयां की. कहा कि जब वे बेटे से मुलाकात के लिए जेल गेट पर पहुंची तो उनके पुत्र ने बताया कि जेल अधीक्षक की शह पर मंजीत सिंह कैदियों को घटिया खाना खाने के लिए मजबूर करता है.
यह भी कहा कि घटिया खाना का जो कैदी विरोध करता है, उसे अन्य जिलों में स्थानांतरित किये जाने की धमकी दी जाती है. कैदियों के परिजनों ने डीएम से अपने स्तर से जांच कर कार्रवाई करने का निवेदन भी किया. परिजनों ने कहा कि जेल के अंदर एक दबंग कैदी कैदियों को बेरहमी से पीटता रहता है. यहां तक कि जान मारने की धमकी भी दे रहा है. मोकीन नदाफ ने कहा है कि अगर उनकी भाई की मृत्यु हो जाती है तो इसके लिए मंजीत सिंह एवं अमरजीत सिंह जिम्मेदार होंगे.
परिजनों ने लगाया था दबंग कैदी द्वारा मारपीट किये जाने का आरोप
घटिया भोजन भी परोसने का है जेल प्रबंधन पर आरोप
गुरुवार को डीएम से मिल परिजनों ने की थी िशकायत
डीएम ने जांच टीम गठित की, 24 घंटे के अंदर दिया रिपोर्ट सौंपने का आदेश
सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के परिजनों द्वारा खाने-पीने तथा मारपीट से संबंधित शिकायत लिखित रूप में की गयी है. शिकायत के आलोक में एडीएम की अध्यक्षता में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है, जो मारपीट मामले की जांच करेगी. इसके अलावा खाने-पीने तथा अन्य शिकायतों की भी जांच की जायेगी. 24 घंटे के बाद जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जायेगा और उस अनुरूप कार्रवाई की जायेगी.
प्रदीप कुमार झा, डीएम, पूर्णिया.