निकाह के बाद तकरार, दर्द दे रहे दारोगा बाबू
पूर्णिया : मरंगा थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक जमील अख्तर एक बार फिर विवादों में हैं. वे अपनी दूसरी बीवी फुलदाय खातून को लेकर छह माह बाद सुर्खियों में हैं. दरअसल पूर्णिया में ही रह रही उनकी बीवी फुलदाय ने इस बार दारोगा बाबू पर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगाया है. फुलदाय खातून का […]
पूर्णिया : मरंगा थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक जमील अख्तर एक बार फिर विवादों में हैं. वे अपनी दूसरी बीवी फुलदाय खातून को लेकर छह माह बाद सुर्खियों में हैं. दरअसल पूर्णिया में ही रह रही उनकी बीवी फुलदाय ने इस बार दारोगा बाबू पर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगाया है. फुलदाय खातून का कहना है कि उन्हें घर से भी निकाल दिया गया है.
सोमवार को पिटाई से जख्मी फुलदाय खातून एसपी कार्यालय गुहार के लिए पहुंचीं. एसपी की अनुपस्थिति में एसडीपीओ राजकुमार साह से मिल कर न्याय की गुहार लगायी. गौरतलब है कि फुलदाय खातून श्री अख्तर की दूसरी बीवी है. इससे पहले वे 19 वर्ष पहले निकाह रचा चुके हैं और उनके चार बच्चे भी हैं. श्री अख्तर मूल रूप से कटिहार जिला के सेमापुर के निवासी हैं.
दारोगा पर लगाया गया बेरहमी से पिटाई का आरोप : आवेदन में फुलदाय खातून ने कहा है कि उनका पति जमील अख्तर विवाह के बाद उसे तरह-तरह की धमकी देकर प्रताड़ित करते रहते हैं. उन्हें घर से कहीं निकलने नहीं देते और अक्सर नशे की हालत में उसकी बेरहमी से पिटाई करते हैं. रविवार की दोपहर उसके साथ अवर निरीक्षक ने मारपीट की और सब्जी काटने वाले औजार से उसके शरीर को जख्मी कर दिया. उसके रोने और चिल्लाने का दारोगा पति पर कोई असर नहीं हुआ. पत्नी द्वारा उचित कानूनी कार्रवाई एवं सुरक्षा की गुहार लगायी गयी है.
वर्ष 2016 में किया था फुलदाय से निकाह
बताया जाता है कि दारोगा श्री अख्तर जब मधुबनी जिला के लखनोर थाना में पदस्थापित थे, तो थाना क्षेत्र के लोफा निवासी मो कमालउद्दीन की पुत्री फुलदाय से उनकी आंखें चार हुई. दोनों की रजामंदी से 03 अगस्त 2016 को दरभंगा न्यायालय में निकाह हुआ. लेकिन कुछ ही दिनों बाद बलमा दगाबाज निकले और चुपचाप अपना स्थानांतरण करा कर उसे बिना बताये पूर्णिया आ गये. उसके बाद फुलदाय भी पूर्णिया पहुंची और तत्कालीन प्रभारी एसपी मीनू कुमारी से मिल कर न्याय की गुहार लगायी थी.
बताया जाता है कि जब फुलदाय ने जाना कि दारोगा जी शादीशुदा हैं तो मधुबनी महिला थाना में दारोगा के खिलाफ कांड संख्या 90/16 भी दर्ज कराया था. पूर्णिया आने के बाद दारोगा जी ने फुलदाय को बतौर बीवी स्वीकारा और लाइन बाजार में उसके रहने की व्यवस्था की. लेकिन एक बार फिर तकरार की स्थिति पैदा हो गयी है और मामला वरीय अधिकारियों तक जा पहुंचा है. वहीं इस बाबत अवर निरीक्षक जमील अख्तर ने बताया कि मारपीट का आरोप बेबुनियाद है. वे उसकी भलीभांति देखभाल कर रहे हैं.