पूर्णिया : हाउसिंग फॉर ऑल योजना जितनी सहज सुनने में लगती है उतनी सहज है नहीं. क्योंकि इसकी प्रक्रिया थोड़ी जटिल है. ऐसा नहीं कि सरकारी स्तर पर योजना के क्रियान्वयन की इच्छाशक्ति नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि इस योजना के लिए आवंटन की सीमा निर्धारित है. इसके लिए प्रत्येक वार्ड में 50-50 का कोटा तय कर दिया गया है.
इससे ज्यादा किसी वार्ड से लाभुक नहीं होंगे. वार्ड पार्षदों की परेशानी यह है कि किसका चयन हो, और कौन अधिक जरूरतमंद है यह तय कर पाना आसान नहीं है. ऐसे में वार्ड पार्षद जरूरतमंदों को यह कह कर समझाते हैं कि अगली बार उनकी बारी अवश्य आयेगी.
क्या है योजना : वैसे शहरी जिन्हें जमीन है मगर अर्थाभाव में घर नहीं बना पा रहे हैं उन्हें हाउसिंग फॉर आॅल योजना का लाभ मिलता है. इसमें दो तरह से लाभ दिया जाता है. पहला सीधे नगर-निगम द्वारा दो लाख का अनुदान दिया जाता है. अच्छा घर बनाने की चाहत रखने वालों के लिए अनुदान के साथ-साथ ऋण की भी सुविधा है. ऋण लेने वाले लाभुक को खाते में ही अनुदान की राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है. यह योजना वर्ष 2022 तक चलेगी.
कहां हो रही है परेशानी
सामान्य लाभार्थियों के इतर हाउसिंग के अनुदान के साथ ऋण योजना के आवेदकों की मुश्किल बढ़ी हुई है. उनके आवेदनों पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है. इससे ऐसे आवेदनकर्ताओं के बीच कुंठा छा रही है. हालांकि विभाग का कहना है कि पहले उन लोगों को लाभ दिया जायेगा जो काफी जरूरतमंद हैं. इसलिए सीधे अनुदान लेने वालों को ही योजना का लाभ मिल रहा है. इससे अलग मसला यह है कि अभी तक हाउसिंग फॉर ऑल योजना में लोन सिस्टम पर बैंक से बात नहीं हुई है. इसी कारण लोन-योजना के तहत आवेदनों को अभी तक लंबित रख दिया गया है.
क्या है प्रक्रिया : किसी भी लाभुक को जिन्हें अब तक अपना घर नहीं है वे ही इसके लिए लाभुक बन सकते हैं अथवा दावेदार हो सकते हैं. उनके पास जमीन का अपडेट रसीद, नगर निगम का होल्डिंग टैक्स एवं सामाजिक-आर्थिक जनगणना की प्रतिलिपि भी चाहिए. इसके अलावा जमीन का केवाला अथवा खतियान में उनका शेयर अद्यतन हालत में होना चाहिए.
जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए प्रत्येक महीने के दूसरे एवं चौथे शनिवार को वार्ड पार्षदों के साथ बैठक आयोजित की जा रही है. इसमें शौचालय फॉर ऑल एवं हाउसिंग फॉर ऑल के निष्पादन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. लाभुकों को कहीं से परेशान नहीं होने दिया जायेगा. नगर निगम की कार्यशैली भी विकसित की जायेगी.
राम शंकर,डीडीसी सह नगर आयुक्त,पूर्णिया.