स्कूली वाहनों पर कसेगा शिकंजा, होगी जांच
पूर्णिया : अब स्कूली वाहनों को बेतरतीब तरीके से शहर में चलाना मुश्किल हो जायेगा. परिवहन विभाग इस दिशा में काफी सख्ती बरतने जा रही है. सभी स्कूली वाहनों की फिटनेस भी जांच होगी और स्कूली वाहनों को चलाने के लिए दिये गये अधिनियम के तहत तमाम बिंदुओं की गहराई से नियमित जांच होगी. जांच […]
पूर्णिया : अब स्कूली वाहनों को बेतरतीब तरीके से शहर में चलाना मुश्किल हो जायेगा. परिवहन विभाग इस दिशा में काफी सख्ती बरतने जा रही है. सभी स्कूली वाहनों की फिटनेस भी जांच होगी और स्कूली वाहनों को चलाने के लिए दिये गये अधिनियम के तहत तमाम बिंदुओं की गहराई से नियमित जांच होगी. जांच का यह अभियान छठ के तुरंत बाद शुरू कर दिया जायेगा.
विभाग ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है.
विभागीय सूत्र बताते हैं कि पूर्णिया में करीब तीन सौ से अधिक स्कूल अपने वाहनों पर बच्चों को स्कूल से लाने और ले जाने का काम करती है. एक साथ जब सभी वाहन स्कूल पीरियड में बच्चों को लेकर चलती है तो शहर में अनावश्यक जाम लग जाता है. इस दिशा में विभाग ने सबसे पहले स्कूल वाहन की परमिट जांच करने का मन बनाया है.
इसके अलावा विभिन्न वाहनों में स्पीड गवर्नर की भी जांच होगी और वाहनों में अग्निशामक यंत्र की उपलब्धता भी देखा जायेगा. सूत्र बताते हैं कि स्कूल बसों में एक महिला एवं एक पुरुष शिक्षक का होना अनिवार्य है. यदि ऐसा नहीं होता है तो उस पर भी सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की जा सकती है. विभाग ने इस मामले को लेकर औचक निरीक्षण की योजना बनायी है. बताया जा रहा है कि क्षमता से अधिक लोड लेने वाले वाहन चालकों एवं संबंधित स्कूल पर भी विभागीय कार्रवाई हो सकती है.
अक्सर लगता है जाम : शहर में एक साथ करीब नौ बजे से दस बजे तक जाम लगने का एक कारण स्कूली बसों का बेतरतीब चलना भी बताया जा रहा है. परिवहन विभाग इस मामले में काफी संजीदा है. ज्ञातव्य है कि बड़े-बड़े स्कूलों को छोड़ कर छोटे स्कूलों के छोटे वाहन बड़ी संख्या में स्कूल पीरियड में बच्चों के स्कूल पहुंचने के समय के बीच सड़क पर आ जाती है. इसके बाद जब छुट्टी होती है तब भी उसी तरह भीड़ लग जाती है.
निजी वाहनों का व्यावसायिक उपयोग : विभागीय सूत्रों का मानना है कि कई नये स्कूल निजी वाहनों का व्यावसायिक प्रयोग बच्चों को ढोने में कर रहा है. इसकी भी जांच गंभीरता से की जायेगी. इन वाहनों में अधिकांश कार एवं मारुति वैन है. इसके अलावा उन रिक्शों की भी खैर-खबर ली जायेगी जो क्षमता से अधिक बच्चों को लाद कर स्कूल तक ले जाते हैं. इसके अलावा विभाग की नजर बसों द्वारा क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने को भी लेकर है और जांच के दायरे में ओवरलोड भी एक मुद्दा होगा.
छठ के बाद शुरू कर दी जायेगी वाहनों की जांच
छठ के बाद स्कूली वाहनों की जांच शुरू कर दी जायेगी. इसकी जिम्मेवारी एमवीआइ को दी गयी है. स्पीड-गवर्नर और क्षमता की जांच करवायी जायेगी. इस मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा. वैसे भी अब शहर में वाहन जांच तेज कर दी गयी है. अनावश्यक जाम लगाने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है.
मनोज कुमार शाही,जिला परिवहन पदाधिकारी, पूर्णिया