पूर्णिया जंक्शन पर आपको नहीं मिलेगी एक कप चाय

पूर्णिया : पूर्णिया जंक्शन पर आपका स्वागत है, आपकी यात्रा मंगलमय हो ऐसी कामना करते हैं ’ जैसी उदघोषणा अक्सर यात्रियों के स्वागत में सुनने को मिलती है. स्टेशन पर खान-पान की चीजें भी उपलब्ध है लेकिन अगर आपको एक कप चाय की जरूरत महसूस होगी तो आप ढूंढ़ते रह जायेंगे और आपको चाय मयस्सर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2017 8:43 AM
पूर्णिया : पूर्णिया जंक्शन पर आपका स्वागत है, आपकी यात्रा मंगलमय हो ऐसी कामना करते हैं ’ जैसी उदघोषणा अक्सर यात्रियों के स्वागत में सुनने को मिलती है. स्टेशन पर खान-पान की चीजें भी उपलब्ध है लेकिन अगर आपको एक कप चाय की जरूरत महसूस होगी तो आप ढूंढ़ते रह जायेंगे और आपको चाय मयस्सर नहीं होगी. सीमांचल एक्सप्रेस, चितपुर और अब हाटे बजारे एक्सप्रेस ट्रेन के साथ साथ जानकी एक्सप्रेस और करीब 10 जोड़ा पैसेंजर ट्रेन में अगर आप सफर करने पूर्णिया जंक्शन पर हैं तो इस ठंड में लिट्टी और बिस्कुट तो मिल जायेगा लेकिन चाय के लिए स्टेशन परिसर से बाहर का रूख करना पड़ेगा.
दरअसल पूर्णिया जंक्शन पर बीते दो वर्षों से रेलवे प्रशाशन ने गैस चूल्हे के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा रखा है और इसके वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर वेंडर और रेल प्रशाशन के बीच मामला फंस कर रह गया है. दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं लेकिन इन दावे के बीच करीब चार हजार यात्री पूर्णिया जंक्शन पर चाय को तरस रहे हैं और कोई देखनहार नही है.
रेलवे और वेंडरों के हैं अलग-अलग दावे : बताया जाता है कि स्टेशन पर कुल पांच लाइसेंसी वेंडर हैं जिनके लाइसेंस की समय सीमा वर्ष 2012 में ही समाप्त हो चुकी है. नियमानुसार वेंडरों को रेलवे द्वारा जारी लाइसेंस का नवीनीकरण कराना है और किराये की राशि भी जमा करना है. सूत्र बताते हैं कि ना तो लाइसेंस का नवीनीकरण हुआ है ना ही किराया जमा कराया गया है. इस बात की पुष्टि स्टेशन अधीक्षक भी करते हैं.
ठंड में सफर के दौरान पूर्णिया जंक्शन पर गाड़ी रुकने पर यात्री चाय पीने को खिड़की से झांकते हैं और प्लेटफॉर्म पर टी स्टॉल की तलाश करते हैं. मगर न तो चाय दिखता है और न ही चायवाला नजर आता है. यह बिडम्बना ही है कि जिस पूर्णिया जंक्शन पर हर रोज 4000 यात्री सफर करते है वहां बीते छह महीने से यात्रियों को चाय नसीब नहीं हो रहा है और रेलवे प्रशासन यात्री सुविधा का दावा करता है और मंगलमय यात्रा की कामना करता है. हालात यह है कि गाड़ी में बैठे यात्री और प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों को चाय के लिये स्टेशन से बाहर जाने की मजबूरी बनी हुई है.
वर्ष 2015 में जारी हुआ था रेलवे का फरमान
मिली जानकारी अनुसार वर्ष 2015 में रेल प्रशासन ने सुरक्षा के ध्यानार्थ ट्रेन और स्टेशनो पर गैस सिलेंडर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था.
जिसके बाद पूर्णिया जंक्शन पर वेंडरों ने वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर कुछ दिनों तक जैसे-तैसे गर्म चाय की व्यवस्था पर की और बिजली के चूल्हे को जलाने के लिये रेल प्रशासन से विद्युतत कनेक्शन के लिए आवेदन भी दिया. वेंडरों की माने तो आवेदन दिये हुए एक साल से अधिक गुजर गये मगर उन्हें अबतक बिजली कनेक्शन नहीं मिली जिसके कारण वे चाय नहीं बेच पा रहे हैं. विद्युत कनेक्शन के अभाव में हालात यह हैं कि पांच लाइसेंसी वेंडरों में महज अब तीन ही दुकानें खुलती है जबकि दो बंद पड़ी रहती है.
बकायेदार वेंडरों को अल्टीमेटम दिया गया है, वे अपने लाइसेंस का नवीनीकरण और बकाया किराया का भुगतान कर देंगे तो सभी समस्या का समाधान हो जायेगा. इसी के साथ यात्रियों के लिए जल्द ही चाय जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो जायेगी.
मुन्ना कुमार, स्टेशन
प्रबंधक पूर्णिया जंक्शन

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