किसानों को खाद खरीदने में लगेंगे आधार कार्ड
निर्देश. कृषि विभाग ने कसा शिकंजा कृषि नीति के तहत खाद वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सभी दुकानों को पॉश मशीन लगाने का निर्देश पूर्णिया : अब किसानों को खेती करने के लिए खाद भी खरीदनी होगी तो उन्हें आधार कार्ड लेकर उर्वरक की दुकानों पर जाना होगा. अगर आधार कार्ड नहीं है तो […]
निर्देश. कृषि विभाग ने कसा शिकंजा
कृषि नीति के तहत खाद वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सभी दुकानों को पॉश मशीन लगाने का निर्देश
पूर्णिया : अब किसानों को खेती करने के लिए खाद भी खरीदनी होगी तो उन्हें आधार कार्ड लेकर उर्वरक की दुकानों पर जाना होगा. अगर आधार कार्ड नहीं है तो उन्हें अपने ही खेत के लिए खाद लेने से वंचित होना पड़ सकता है. कृषि विभाग ने इसके लिए शिकंजा कस दिया है. उर्वरक दुकानों को भी इसके मेंटेन के लिए कड़े निर्देश जारी कर दिये गये हैं. दरअसल केंद्र सरकार की कृषि नीति के तहत खाद वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सभी दुकानों को पॉश मशीन लगाने को कहा है.
पॉश मशीन से ही किसान के खाद की खरीदगी का लेखा-जोखा विभाग में जायेगा. खुदरा उर्वरक किसानों के आधार कार्ड पर खाद देंगे और खुदरा उर्वरक अपनी खरीदगी थोक विक्रेता से आधार कार्ड के माध्यम से ही करेंगे. इसमें कतई कोताही नहीं चलेगी. विभाग ने कहा है कि आगामी नौ दिसंबर तक सभी दुकानों को पॉश मशीन लगा लेना है अन्यथा वैसे दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. ज्ञातव्य है कि पूर्णिया में 868 खुदरा उर्वरक विक्रेता हैं. इसके अलावा जिले के कुल 246 पंचायतों के पैक्सों में से 106 पैक्सों ने खाद बेचने का लाइसेंस लिया है. सभी दुकानदारों एवं पैक्सों में पॉश मशीन लगा देने का डेड-लाइन नौ दिसंबर कर दी गयी है.
नहीं चलेगा कोई खेल. पॉश मशीन लगने के साथ ही कई तरह की गड़बड़ियां स्वत: समाप्त हो जायेंगी. इससे खाद मामले में किसी तरह का खेल नहीं चल पायेगा. अबतक अमानक खाद भी बाजार में जहां-तहां से उतार दिये जाते थे. बंगाल की सीमा से सटे होने के कारण खाद माफिया पूर्णिया में बंगाली खाद भी भारी मात्रा में उतार देते थे. इसी में अधिकांश खाद अमानक भी होता था जो अनजाने में किसानों के माथे थोप दिया जाता था. अब चूंकि खाद आधार से ही लेना है तो इस प्रक्रिया के तहत किसी भी गड़बड़ी की गुंजाईश नहीं बचती है.
पहली जनवरी से पॉश मशीन अनिवार्य. यूं तो पूर्णिया में अधिकांश खुदरा विक्रेताओं के यहां पॉश मशीन लग गया है और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया है, लेकिन पहली जनवरी से इसकी अनिवार्यता के भी निर्देश दिये गये हैं. पहली जनवरी से पॉश मशीन पर किसानों का आधार कार्ड लिया जायेगा और उनके अंगूठे से आधर की प्रामाणिकता की पुष्टि के बाद ही खाद दी जायेगी. हर हाल में सभी दुकानदारों को पॉश मशीन चालू रखने की भी हिदायत दी गयी है. स्पष्ट कहा गया हैकि ऐसा नहीं करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई तो होगी ही, उपर से उनके लाइसेंस रद्द कर दिये जायेंगे. सूत्र बताते हैं कि जिले के 974 उर्वरक दुकानों में से 768 ने पॉश मशीन का उठाव कर लिया है.
रद्द हो सकता है लाइसेंस
खाद के खुदरा विक्रेताओं को पॉश मशीन लगाने के लिए कड़ी हिदायत दी गयी है. यदि कोई खाद विक्रेता बिना पॉश मशीन लगाये खाद की बिक्री करता है तो उन्हें अपने लाइसेंस से हाथ धोना पड़ सकता है. खुदरा विक्रेता के प्रतिष्ठानों पर पॉश मशीन खराब होने या कतिपय तकनीकी गड़बड़ी संबंधी किसी तरह का बहाना नहीं चलेगा. विभाग ने पॉश मशीन की लगातार जांच के लिए संबंधित प्रखंड के कृषि पदाधिकारियों के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया है. साथ ही टीम को उनके प्रखंड में चालू पॉश मशीन एवं बिक्री का लेखा जोखा भी रखने कहा गया है. पॉश मशीन की रोजाना जांच होगी. इसकी रिपोर्ट भी रोजाना जिला मुख्यालय को भेजा जायेगा. यानि सभी प्रखंडों के कृषि पदाधिकारी रोजाना खाद बिक्री की रिपोर्ट बनायेंगे.
पहली जनवरी को पॉश मशीन का काम विधिवत शुरू हो जायेगा. सभी लाइसेंस होल्डरों को उसी दिन खुश्कीबाग कृषि फार्म पर बुलाया गया है. पूर्णिया में इसे कड़ाई से लागू किया जायेगा. किसान जितनी खाद खरीदेंगे उतनी की रसीद देने को कहा गया है. अनपढ़ किसानों के आधार कार्ड पर यदि उठाव में गड़बड़ी हुई तो खुदरा विक्रेता के उपर एफआइआर भी दर्ज किया जायेगा और विभागीय कार्रवाई के तहत लाइसेंस भी रद्द किये जायेंगे.
सुरेंद्र प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी,पूर्णिया.
खाद की है जरूरत
यूरिया- 51 हजार एमटी
डीएपी- 2001 एमटी
एनपीके- 9999एमटी
एमओपी- 9002एमटी
एसएसपी- 4599एमटी