आरोपित के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई

कृषि विभाग को किसानों की फिक्र नहीं पूर्णिया : मक्का, धान, गेहूं और अन्य कृषि जिंस के उत्पादन में किसान हाड़तोड़ मेहनत के साथ-साथ अच्छी फसल के लिये मोटी रकम भी खाद-बीज में लगाते है. बेहतर फसल की उम्मीदों के सहारे अपने सपने संजोते है. लेकिन नकल के बाजार में बैठे शादिक जैसे नकली खाद-बीज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2017 4:35 AM

कृषि विभाग को किसानों की फिक्र नहीं

पूर्णिया : मक्का, धान, गेहूं और अन्य कृषि जिंस के उत्पादन में किसान हाड़तोड़ मेहनत के साथ-साथ अच्छी फसल के लिये मोटी रकम भी खाद-बीज में लगाते है. बेहतर फसल की उम्मीदों के सहारे अपने सपने संजोते है. लेकिन नकल के बाजार में बैठे शादिक जैसे नकली खाद-बीज के कारोबार से जुड़े कुछ लोगों की वजह से किसानों की उम्मीदें धराशायी हो रही है. जिला मुख्यालय में नकली खाद के कारोबार का खुलासा हुआ जो नयी बात नहीं है. वहीं पुरानी बात यह है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कभी मुकम्मल कार्रवाई नहीं होती है. मामला उजागर हुए तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक की कार्रवाई सिफर है. जाहिर है कि कृषि विभाग को किसानों की कोई चिंता नहीं है.
विभाग के दावे की खुल रही पोल : छापेमारी के बाद जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा सदर थाना में मामला दर्ज कराये जाने के बाद शादिक के दुकान का लाइसेंस रद्द करने का दावा कृषि किया गया था. लेकिन शुक्रवार को भी शादिक की दुकान खुली हुई थी. अब सवाल यह है कि जब नकली खाद बनाने और उसे गायब करने का मामला कृषि विभाग ने शादिक के खिलाफ दर्ज करा दिया है तो किसके इशारे पर शादिक की दुकान सज रही है. कृषि विभाग क्यों नहीं दुकान सील कर रहा है. बताया जाता है कि छिप कर शादिक मोबाइल के माध्यम से अपने धंधे को अंजाम दे रहा है. वहीं बचने के लिए सेटिंग-गेटिंग में भी लगा हुआ है.
थोक व्यापार हो रहा प्रभावित : नकली खाद-बीज का कारोबार करने वाले कारोबारियों का नेटवर्क ग्रामीण स्तर तक फैला हुआ है. इन लोगो द्वारा बकायदा एजेंट बहाल कर बाजार में छोटे- छोटे किसानों और ग्रामीण इलाके के बटाईदारों को अपने जाल में फंसाया जाता है. नकली खाद का कारोबार के फलने-फूलने से थोक कारोबार पर इसका असर पड़ा है. इस वजह से ईमानदार दुकानदारों पर भी उंगलिया उठने लगती है जो व्यापार और व्यापारिक विश्वास के प्रतिकूल है. जबकि डी का कारोबार करने वाले खाकपति से करोड़पति बनते जा रहे हैं.
नकली खाद के कारोबार पर नहीं लग रहा लगाम
जिले में बीते पांच-छह वर्ष से आपदा के कारण किसानों की फसल बर्बाद होती रही है. हालांकि प्राकृतिक आपदा के बाद सरकारी मुआवजा तो मिला लेकिन बाजार में नकली खाद और बीज बेचने वालों के खिलाफ मुकम्मल कार्यवाही नहीं होने से इस धंधे में लगे माफियाओ का मनोबल बढ़ता चला गया. जिले में नकली खाद बीज को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई और नकली के खेल में माहिर खिलाड़ियों पर मुकम्मल कार्रवाई नहीं होने से किसानों की हो रही क्षति तथा नकलचियों पर नकेल कसने को लेकर एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेगा. शिष्टमंडल के सदस्यों की माने तो वर्ष 2010 से अब तक गुलाबबाग से लेकर जिले के अन्य प्रखंडों में नकली खाद-बीज की बरामदगी और कार्रवाई का पूरा ब्योरा मुख्यमंत्री को सौंपा जायेगा.

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