कोल्ड डे से थमी रफ्तार, बाजार पर भी असर, आज से चलेगा कोल्ड वेव
पूर्णिया : पूरा जिला शीतलहर की चपेट में है. न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट होने से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ रही है. उम्मीद से परे बुधवार को दोपहर में धूप भी खिली, लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली. दरअसल मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को तेज पछुआ हवा से लोग परेशान रहे. दिन के 11 […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
January 4, 2018 4:57 AM
पूर्णिया : पूरा जिला शीतलहर की चपेट में है. न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट होने से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ रही है. उम्मीद से परे बुधवार को दोपहर में धूप भी खिली, लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली. दरअसल मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को तेज पछुआ हवा से लोग परेशान रहे. दिन के 11 बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, तो शाम 5 बजते-बजते एक बार फिर सड़क और गलियां सुनसान हो गयीं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ठंड का यह कहर कम से कम रविवार तक बना रहेगा.
दरअसल जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हुई बर्फबारी से ही ठंड की यह स्थिति बनी हुई है. शहर हो या गांव प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने से आम लोग खासकर मजदूर वर्ग और फुट-पाथ पर बसर करने वाले लोग हलकान हैं. सरकारी कंबल का इंतजार अब भी लोगों को है. वहीं सर्दी के इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों की मुश्किलें और बढ़ गयी है.
धूप के बावजूद तापमान में दर्ज की गयी गिरावट. जैसा कि पहले से अनुमान लगाया जा रहा था कि बुधवार को ठंड के तेवर और तल्ख रहेंगे. मंगलवार को जहां न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. वहीं बुधवार को यह घटकर 7 डिग्री तक पहुंच गया. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार न्यूनतम तापमान में आने वाले दिनों में और भी गिरावट दर्ज हो सकती है. न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. इसके अलावा अधिकतम तापमान में भी 3-4 डिग्री गिरावट दर्ज होगी.अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. पछुआ हवा की वजह से कनकनी भी बरकरार रहेगी.
पछुआ हवा अभी नहीं देगी राहत.जानकारों की मानें तो जब तक पछुआ हवा बहती रहेगी, तबतक ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है. इसी वजह से कनकनी भी लोग महसूस कर रहे हैं. बुधवार को तेज पछुआ हवा चलती रही. यही वजह रही कि सुबह और शाम दोनों वक्त लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे. मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार बुधवार को 11 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा बहती रही. 4 जनवरी को भी उत्तरी पश्चिमी हवा के तेवर तल्ख रह सकते है. हवा की रफ्तार 9.03 किलो मीटर प्रति घंटे होगी. पछुआ हवा की यह रफ्तार 7 जनवरी तक बने रहने के आसार हैं. जाहिर है कि आने वाले दिनों में भी लोगों की मुश्किलें पछुआ हवा के कारण कायम रहेगी.
अलाव के अभाव में हलकान हैं गरीब-गुरबा. सर्दी का सितम जारी है तो दूसरी ओर इसके विपरीत प्रशासनिक उदासीनता गरीब-गुरबा लोगों पर ठंड से भी भारी पड़ रहा है. दरअसल शहर में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो झोपड़ियों में और फुटपाथों पर रात गुजारते हैं. इनमें बड़ी संख्या मजदूर और रिक्शा चालकों की है. अन्य महीने की रात तो किसी तरह कट ही जाती है लेकिन जाड़े की रात काटना मुश्किल हो जाता है. ऐसे ही लोगों के लिए अलाव रात काटने का संबल बन जाता है. लेकिन अलाव के नाम पर प्रशासनिक स्तर पर केवल खानापूर्ति ही की गयी है. दरअसल आपदा विभाग द्वारा पूरे जिले के लिए केवल 1.5 लाख रुपये ही अलाव मद में आवंटित किया गया. इसमें से 45 हजार रुपये नगर निगम को उपलब्ध कराया गया. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में जब ठंड का दौर आरंभ हुआ तो नगर निगम के 36 जगहों पर 30-30 किलो लकड़ी गिराकर अलाव की व्यवस्था की गयी. लेकिन महज 2 दिनों में ही लकड़ी समाप्त हो गयी और अब अलाव तलाशने से भी नहीं मिलता है.शेष 1.5 लाख की राशि से 14 प्रखंड में कितने अलाव कितने दिनों तक जले होंगे, इसे बखूबी समझा जा सकता है.
गरीबों की मुश्किल से कट रही है रात. शहर के बीचोंबीच बसा हॉसिंग कॉलोनी में एक बड़ी आबादी वैसे गरीबों की है, जो झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं. यहां के लोग दोहरी मार झेलने को विवश हैं. एक तरफ ठंड का कहर जारी है, तो दूसरी तरफ मजदूरी करने वाले इन लोगों के पास रोजगार की कमी हो गयी है. घर में इतने गर्म कपड़े नहीं हैं कि घर के अंदर ही गर्म कपड़ों में दिन और रात गुजरे. लिहाजा घर की महिलाएं और बच्चे दिन में घास-पतवार और कचरे जमा करते हैं और उसे जलाकर ठंड से निजात पाने की कोशिश करते हैं. स्थानीय इंद्रदेव राय कहते हैं कि ‘आज कल रात कैसे गुजरती है, यह बता पाना कठिन है. अपनी चिंता कम बच्चों की चिंता अधिक रहती है.’ वहीं उर्मिला देवी और मीना देवी बताती है कि ‘मर्द को ठंड में रोजगार भी नहीं मिलता है, भूख के साथ-साथ ठंड से भी परेशान हैं’.
बुजुर्ग और बच्चे बरतें सावधानी. कड़ाके की ठंड का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखा जा रहा है. डा डी राम के अनुसार इस मौसम में सबसे अधिक सावधानी बुजुर्गों को बरतनी चाहिए. खासकर जो बुजुर्ग ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से पीड़ित हैं उन्हें सुबह-शाम घर से बाहर निकलने में परहेज करना चाहिए. आम आदमी भी जो मॉर्निंग वाक करते हैं उन्हें भी एहतियात बरतने की जरूरत है. घर से बाहर जब भी निकलें, पूरा शरीर गर्म कपड़ों से ढका होना चाहिए. बाइक की सवारी करने वालों को विशेष सावधानी बरतना चाहिए. वहीं सर्दी के मौसम में बच्चों में सबसे आम बीमारी निमोनिया होती है.ऐसे में छोटे बच्चों को ठंड से बचाये रखने की आवश्यकता होती है.