सदर अस्पताल पहुंची तीन सदस्यीय टीम, की पूछताछ
पैसे के अभाव में बाइक पर सवार कर शव ले गये थे परिजन अस्पताल प्रबंधन ने नहीं कराया था वाहन उपलब्ध पूर्णिया : बीते वर्ष सदर अस्पताल में एक गरीब को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराये जाने के बाद परिजन उनकी लाश बाइक पर ले गये. इस पूरे मामले की जांच को लेकर तीन सदस्यीय […]
पैसे के अभाव में बाइक पर सवार कर शव ले गये थे परिजन
अस्पताल प्रबंधन ने नहीं कराया था वाहन उपलब्ध
पूर्णिया : बीते वर्ष सदर अस्पताल में एक गरीब को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराये जाने के बाद परिजन उनकी लाश बाइक पर ले गये. इस पूरे मामले की जांच को लेकर तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को सदर अस्पताल पहुंची. जहां उन्होंने अस्पताल कर्मियों से पूछताछ की और मामले की पड़ताल की.
टीम करीब दो घंटे तक सदर अस्पताल में मौजूद रही और मामले की जानकारी हासिल की. इसके बाद टीम प्रमंडलीय कार्यालय स्थित आरडीडीई स्वास्थ्य के कार्यालय पहुंची. वहां टीम ने क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक के साथ बैठक की.
टीम में शामिल है कटिहार और किशनगंज के सीएस
बाइक से शव ले जाने के मामले की जांच के लिए बनायी गयी टीम में कटिहार सिविल सर्जन डा आरएन सिंह और किशनगंज सिविल डा परशुराम प्रसाद के अलावा चिकित्सा पदाधिकारी डा एसएनक्यू नसर शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि टीम गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे सदर अस्पताल पहुंची जहां उन्होंने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराये जाने के संबंध में पूछताछ की. टीम ने घटना के दौरान अस्पताल में मौजूद कर्मियों को लिखित पक्ष देने को कहा. बताया जाता है कि टीम ने अस्पताल के कर्मियों सहित अन्य लोगों से भी वहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की. इसके बाद टीम वापस चली गयी.
बाइक पर सवार कर शव ले जाने का मामला
जांच प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल
जदयू के जिला बीस सूत्री कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के प्रदेश महासचिव टुनटुन आलम ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत की गयी है, जांच टीम उसी के दफ्तर में बैठक कर चाय व नाश्ता करती है. उन्होंने कहा कि टीम के सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक कर जांच करना पूरे जांच पर बड़ा सवाल है.
श्री आलम ने कहा कि बार-बार सिविल सर्जन को मोहलत दी जा रही है, जिससे जांच प्रभावित होगा. टीम ने जिन कर्मियों से सवाल-जवाब किये, उनकी नियुक्ति पहले से ही सवालों के घेरे में है. उन्होंने बताया कि टीम ने डीपीएम ब्रजेश कुमार और अस्पताल प्रबंधक सिम्पी कुमारी से पूछताछ की है, जिनकी अस्पताल में अवैध तरीके से नियुक्ति की गयी है.
जदयू नेता के आवेदन पर गठित हुई जांच टीम
प्रदेश महासचिव टुनटुन आलम ने अगस्त 2017 में घटना के दो माह बाद ही मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग डीएम से की थी. आलम ने कहा कि जिलाधिकारी ने उनकी मांग को जब अनसुना कर दिया तो उन्होंने प्रमंडलीय आयुक्त से शिकायत की. उन्होंने इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी सौंपी थी. इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को मामले की जांच को कहा था. श्री आलम बताते हैं कि उनके आवेदन पर प्रमंडलीय आयुक्त टीएन बिंधेश्वरी ने क्षेत्रीय उपनिदेशक स्वास्थ्य को जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया था. निर्देश के बाद आरडीडीई स्वास्थ्य ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया, जिसमें कटिहार और किशनगंज सिविल सर्जन के अलावा चिकित्सा पदाधिकारी को भी शामिल किया गया है. श्री आलम ने कहा कि सिविल सर्जन की नियुक्ति भी सवालों के घेरे में है. सरकारी फाइल में अपना स्थायी पता उन्होंने मधेपुरा दर्शाया है जबकि वे मूल रूप से पूर्णिया के रहने वाले हैं. नियमानुसार कोई भी सिविल सर्जन अपने गृह जिला में पदस्थापित नहीं रह सकता है.