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होली को लेकर… शराब लाने को रूट चार्ट तय कर रहे तस्कर

होली में बढ़ जाती है शराब की डिमांड कम लागत में उम्मीद से अधिक मुनाफा के कारण इस अवैध कारोबार को त्याग नहीं पा रहे तस्कर नये-नये तरकीब अपनाकर कर रहे धंधा पूर्णिया : होली पर्व को लेकर शराब के कारोबारी विदेशी शराब की बड़ी खेप लाने की जुगत में लग गये हैं. ऐसा माना […]

होली में बढ़ जाती है शराब की डिमांड

कम लागत में उम्मीद से अधिक मुनाफा के कारण इस अवैध कारोबार को त्याग नहीं पा रहे तस्कर
नये-नये तरकीब अपनाकर कर रहे धंधा
पूर्णिया : होली पर्व को लेकर शराब के कारोबारी विदेशी शराब की बड़ी खेप लाने की जुगत में लग गये हैं. ऐसा माना जा रहा है कि होली पर्व में शराब के शौकिनों की मांग बढ़ जाती है. ऐसे में कम लागत में अधिक से अधिक मुनाफा के लिए कारोबारी हरसंभव जोखिम उठाने को तैयार हैं. इसलिए पड़ोसी राज्य बंगाल से विदेशी शराब की खेप लाने की योजना बना रहे हैं. हालांकि शराब तस्करी के कई तरीके को पुलिस ने उजागर कर हजारों लीटर शराब बरामद कर चुकी है.
बंगाल के कानकी को बनाया केंद्र
जानकारों की माने तो बंगाल के कानकी को शराब तस्करों ने केंद्र बनाया है. यहां से शराब की खेप को महानंदा नदी से ताराबाड़ी, कनफुलिया, सीमलबाड़ी होते हुए बकड़ा नदी पार करा कर बड़ा ईदगाह, रामपुर, दुबैली सड़क होते हुए कसबा पहुंचने की योजना बन रही है. वहीं दूसरी ओर दालकोला से कटिहार के बलरामपुर सुनौली, चंद्रमा चौक से मिलिट्री कैंप, सिरसा रौतारा होते हुए हरदा पहुंचने के रास्ते को इस्तेमाल करने की योजना बनायी जा रही है.
नदियों के रास्तों का तब इस्तेमाल किया जायेगा जब एनएच 31 पर कड़ाई से वाहन चेकिंग अभियान चलाया जायेगा. जानकार बताते हैं कि बीते वर्ष के अंत व शुरुआत में बड़ी मात्रा में शराब की खेप पकड़ाने से इस बार तस्करों ने सिंडिकेट बना कर धंधे को आरंभ करने का मन बना चुके हैं. कारोबारियों में आपसी प्रतिस्पर्धा को लेकर पुलिस को एक दूसरे की गुप्त सूचनाएं देने से आपस में हुए नुकसान को तस्कर भुगत चुके हैं. यही वजह है कि संगठित होकर शराब के कारोबार को करने में अधिक फायदा नजर आ रहा है.
नदी का भी कर सकते हैं इस्तेमाल
राज्य में शराबबंदी के बाद शराब के कारोबारियों ने बंगाल से शराब की तस्करी आरंभ की. इसके लिए दालकोला से बायसी व डगरूआ होते हुए एनएच 31 को शराब की खेप लाने में इस्तेमाल किया. लेकिन हाल के महीने में पुलिस कार्रवाई कर शराब के कई खेप पकड़ने में कामयाबी रही. यही वजह है कि शराब कारोबारी सड़क के अलावा बंगाल सीमा से सटे नदी द्वारा शराब लाने की जुगत लगा रहे हैं. इसके लिए छोटे-छोटे रास्तों को इस्तेमाल करने पर मंथन चल रहा है.
जानकारों की माने तो इस धंधे में जिन रास्तों का इस्तेमाल किया जायेगा वहां के कुछ स्थानीय लोगों से रजामंदी कर ली गयी है. संभवत: पुलिस मैनेजमेंट की भी कोशिश की जा रही है.
नहीं लग पा रही तस्करी पर लगाम
शराबबंदी के बाद अवैध शराब की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए पुलिस द्वारा अब तक 34000 लीटर शराब बरामद की गयी है. इस मामले में जिले के विभिन्न थानों में 1530 प्राथमिकी दर्ज कर करीब 1560 लोगों को गिरफ्तार कर 330 वाहन जब्त किये गये हैं. कारोबारी पूर्व में बाइक एवं चार चक्का वाहन इस्तेमाल करते थे. पुलिस सख्ती तथा गिरफ्तारी से बचने के लिए तस्कर मिनी ट्रक, मैजिक व पिकअप का इस्तेमाल करने लगे. गाड़ी में ऊपर से आलू, सेब, मिनरल वाटर के कार्टून, अंडे के कार्टून के अलावा गाड़ी के सीट और बॉडी में अलग से बॉक्स बना कर शराब की तस्करी करने लगे. तस्कर मछली के ट्रक व गिट्टी लदे ट्रक भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

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