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बिहार : पूर्णिया के यूको बैंक में 35 लॉकरों के ताले टूटे मिले, सारा सामान गायब

पूर्णिया के यूको बैंक में 35 लॉकरों के ताले टूटे मिले, सारा सामान गायब महिला कॉलेज परिसर स्थित बैंक शाखा में चोरी पूर्णिया : महिला काॅलेज परिसर स्थित यूको बैंक की शाखा में घुस कर शातिर चोरों ने बैंक के 35 लॉकरों के ताला तोड़ कर करोड़ों के गहने और कीमती सामान उड़ा लिये. हालांकि […]

पूर्णिया के यूको बैंक में 35 लॉकरों के ताले टूटे मिले, सारा सामान गायब
महिला कॉलेज परिसर स्थित बैंक शाखा में चोरी
पूर्णिया : महिला काॅलेज परिसर स्थित यूको बैंक की शाखा में घुस कर शातिर चोरों ने बैंक के 35 लॉकरों के ताला तोड़ कर करोड़ों के गहने और कीमती सामान उड़ा लिये.
हालांकि यह खुलासा नहीं हो पाया है कि तोड़े गये लॉकरों से कितने की संपत्ति चोरी गयी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि चोरी गये सामान की कीमत करोड़ों में हो सकती है. बैंक प्रबंधन के अनुसार बैंक में कुल 75 में से 35 लॉकर के ताले टूटे पाये गये हैं. डीआईजी ने देर शाम घटनास्थल का जायजा लिया. जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. पूर्णिया के आपराधिक इतिहास में इस तरह बैंक में बड़ी चोरी की यह पहली घटना है.
यह खुलासा तब हुआ, जब रविवार को बंदी के दिन बैंक के दो कर्मचारी ऑडिट के दस्तावेज के लिए बैंक गये थे. बैंक के मुख्य दरवाजे से जब वे अंदर घुसे तो वहां का नजारा देख हैरत में रह गये. अंदर का सेफ ग्रिल कटा था और लॉकर भी खुले पाये गये. बैंककर्मियों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी. पुलिस ने बैंक के टूटे हिस्से को सील कर दिया है.
इसकी गहन जांच के लिए पटना से एफएसएल की टीम बुलायी गयी है. तत्काल डॉग स्क्वायड की टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी. सूचना मिलने पर बैंक के जोनल उपमहाप्रबंधक दिलीप सिंह राठौर भी बेगूसराय से पूर्णिया के लिए रवाना हो गये हैं. यूको बैंक के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार ने बताया कि बैंक का कैश और चेस्ट पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन ग्राहकों के कुल 75 लॉकर में से 35 लॉकर पूरी तरह खाली है.
अलार्म का तार काटा, सीसीटीवी का हार्ड डिस्क ले गये चोर
मौके पर मौजूद एसडीपीओ राजकुमार साह ने बताया कि चोर बैंक की खिड़की का ग्रिल उखाड़ कर अंदर दाखिल हुए थे. चोर अपने साथ गैस सिलिंडर और कटर मशीन भी लेकर आये थे. चोर इतने शातिर थे कि उसने चोरी से पहले बैंक अलार्म के तार काट डाले थे और काम तमाम करने के बाद सीसीटीवी के हार्ड डिस्क को अपने साथ उठा ले गये. उन्होंने बताया कि एफएसएल की टीम के आने के बाद ही पता चल पायेगा कि चोरों ने कितने लॉकर के ताले तोड़े. यह खबर जंगल में आग की तरह पूरे शहर में फैल गयी.
बैंक के आस पास के मोहल्ले के लोग बदहवास हो बैंक की ओर दौड़ पड़े. सभी यह जानना चाह रहे थे कि उनके लॉकर सुरक्षित बचे या नहीं. कई महिलाएं भी अपने लॉकर की स्थिति जानने के लिए बेताब दिखीं. दरअसल, शहर के डॉलर हाउस चौक के समीप बैंक की यह शाखा जहां स्थित है, उसके आसपास संपन्न लोगों का बसेरा है.
लॉकर में रखे सामान के बारे में बैंक को नहीं रहता पता
भागलपुर : यदि किसी सरकारी बैंक के लॉकर में जमा कि गया कीमती समान चोरी हो जाता है या फिर कोई आपदा के चलते क्षतिग्रस्‍त या गुम हो जाता है तो इसके बदले बैंक से किसी तरह के मुआवजे की उम्मीद न ही करें तो बेहतर है. बैंक लॉकर में रखे सामान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. बैंक कस्टमर को मुआवजा देने से मुकर सकता है.
यहीं नहीं, लॉकर में रखे समान में दीमक लग जाये, तो भी बैंकों का यही कहना होगा कि इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं है. लॉकर में रखे सामान के बारे में उसे पता नहीं रहता, इसलिए वह आपको मुआवजा नहीं दे सकता. हालांकि, बेसिक मेंटेनेंस में बैंक की ओर चूक होती है, तो इसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. वहीं कोई अगर डिक्लरेशन के आधार पर लॉकर में रखे सामान को प्रमाणित कर देता है, तो मुआवजे की उम्मीद की जा सकती है.
लॉकर किरायेदार जैसा है
बैंकों का जो तर्क है, उसमें उनका ग्राहक से रिश्ता मकान मालिक और किरायेदार जैसा है. मकान मालिक और किरायेदार जैसे संबंध में ग्राहक लॉकर में रखे सामान का खुद जिम्मेदार है. भले ही वह लॉकर बैंकों के मालिकाना हक में है. कुछ बैंकों ने अपने लॉकर हायरिंग अग्रीमेंट में भी स्पष्ट कर देता है कि लॉकर में रखा गया आइटम कस्टमर के अपने रिस्क पर है.
लॉक इस तरह से करता काम
कोई भी लॉकर में ज्वेलरी, कैश और महत्वपूर्ण कागजात रख सकते हैं. बैंक पहले आओ और पहले पाओ की तर्ज पर लॉकर आवंटित करता है. बैंकों के अनुसार अगर किसी ब्रांच के पास खाली लॉकर नहीं है, तो वहां वह एक वेटिंग लिस्ट मेंटेन करता है और उसके हिसाब से लॉकर आवंटित करता है. हर लॉकर में चाबियों के दो सेट होते हैं.
इनमें से एक कस्टमर के लिए और दूसरा बैंक के पास रहता है. दोनों चाबियों का एक साथ इस्तेमाल करने पर ही लॉकर को खोला जा सकता है. लॉकर के लिए ज्वाइंट होल्डर हो, तो अच्छा रहता है. इसके लिए एक या उससे अधिक उत्तराधिकारी भी नामित किया जा सकता है.
भागलपुर के अग्रणी बैंक जिला प्रबंधक, चंद्रशेखर साह ने कहा िक लॉकर में रखे समान की चोरी हो जाती है तो बैंक जिम्मेदार नहीं होता है. बैंक को यह पता नहीं रहता है कि लॉकर में क्या रखा है. डिक्लारेशन के आधार पर साक्ष्य मिलता है तो बैंक मुआवजा देता है.

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