17 हजार से अधिक किसानों को इस बार मक्का की फसल ने रुलाया

पूर्णिया : जिले के 17 हजार मक्का किसानों के खेतों में लहलहाती मक्का की फसल में बाली आये मगर दाने नहीं निकले. इन किसानों की कमर ही टूट गयी है. इसके लिए कृषि विभाग ने सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया है. सर्वेक्षण के दौरान कराये गये जियो टैगिंग में ये आंकड़े सामने आये हैं. इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2018 4:56 AM

पूर्णिया : जिले के 17 हजार मक्का किसानों के खेतों में लहलहाती मक्का की फसल में बाली आये मगर दाने नहीं निकले. इन किसानों की कमर ही टूट गयी है. इसके लिए कृषि विभाग ने सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया है. सर्वेक्षण के दौरान कराये गये जियो टैगिंग में ये आंकड़े सामने आये हैं. इन किसानों के लिए विभाग ने मुआवजा के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. जिन किसानों के मक्का में दाने नहीं आये हैं उनमें अधिकांश अगात मक्का की फसलें हैं. ऐसे किसानों के घर आज भी मायूसी है.

आज भी उन किसानों के घर ठीक से चूल्हे नहीं जल रहे हैं. कई किसानों के मक्का नहीं बल्कि अरमान खाक हो गये. किसी की बेटी की शादी बाधित हो गयी तो किसी के बेटे की आगे की पढ़ाई का सपना चूर हो गया. इतना ही नहीं इन किसानों के लिए तो अगली खेती की योजना भी फेल हो गयी. कुल मिला कर जो किसान इसी खेती पर आश्रित हैं उनकी हालत अच्छी नहीं है. यह अलग बात है कि किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि विभाग ने सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की अनुशंसा की है. उसमें भी हो रही देरी से किसान अधीर हो रहे हैं.

यहां बताना समीचीन होगा कि पूर्णिया समेत सीमांचल के लिए केला के बाद मक्का ही मुख्य नकदी फसल है. इसी खेती पर सीमांचल की अर्थव्यवस्था भी निर्भर करती है. पूरे सीमांचल के लिए हर साल गुलाबबाग मंडी में मक्का की खरीदारी उत्सव के रूप में होती है. आज मंडी में भी अन्य वर्षों की तरह चहलकदमी नहीं है.

सबसे अधिक तबाह क्षेत्र : यूं तो कुछ न कुछ अमूमन सभी प्रखंडों में दाना नहीं आने की शिकायत आयी है. लेकिन जियो टैगिंग के माध्यम से करायी गयी सर्वेक्षण रिपोर्ट में सबसे ज्यादा तबाही धमदाहा अनुमंडल में हुई है. इस अनुमंडल के धमदाहा, बीकोठी, भवानीपुर एवं रूपौली अंचलों के कम से कम 5 हजार 790 हेक्टेयर जमीन में लगी मक्का की फसल है, जिनमें दाने नहीं आये हैं. मक्का में दाना न आने की सबसे कम शिकायत जलालगढ़ प्रखंड में है. वहां 65 हेक्टेयर के करीब 129 किसानों की फसल मारी गयी है. उसी प्रकार कसबा प्रखंड में 87 हेक्टेयर की मक्का में दाने नहीं आये.
प्रति हेक्टेयर की दर से मिलने वाले सरकारी राशि के लिए सरकार से मांग की गयी है. पूरे जिले में 9,446. 38 हेक्टेयर मक्का में दाने नहीं आने की पुष्टि हुई है. ऐसे किसानों की संख्या 17 हजार एक है. शीघ्र ही इनके खाते में भुगतान होगा.
सुरेंद्र प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी पूर्णिया
जियो टैगिंग से क्षति का आकलन
प्रखंड प्रभावित रकवा कृषक
पूर्णिया पूर्व 517.43 हे. 782
कसबा 87.27 हे. 170
जलालगढ़ 65.80 हे. 129
केनगर 490.25 हे. 923
श्रीनगर 806.80 हे. 1387
धमदाहा 2022.00 हे. 3305
रूपौली 1254.85 हे. 3385
भवानीपुर 1267.11 हे. 2679
बीकोठी 1546.07 हे. 2457
बनमनखी 460.00 हे. 560
डगरूआ 203.60 हे. 400
बायसी 190.00 हे. 150
अमौर 419.20 हे. 524
बैसा 116.00 हे. 150
हुआ था आंदोलन : जब से मक्का में दाने नहीं आने की शिकायत आयी तब से अलग-अलग प्रखंडों में किसान आक्रोशित होकर आंदोलन पर उतर आये. किसानों का सीधा आरोप था कि बाजार से उन्हें नकली बीज दी गयी है. जबकि कृषि विभाग भीषण ठंड को कारण बता रहा था और किसानों को ही इसके लिए दोषी बता रहा था. इस मामले को लेकर किसान संघ ने भी जिला मुख्यालय में आंदोलन कर मुआवजा के लिए काफी दबाव बनाया था. 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से सहरसा पहुंची देश की शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन

Next Article

Exit mobile version