बिहार : पूर्णिया में उग्र भीड़ ने थाने में किया उपद्रव, महिलाओं ने भी जमकर काटा बवाल, जानें… क्या थी वजह
पूर्णिया : एक नवविवाहिता की मौत के आरोप में हिरासत में लिए गये ससुराल वालों को पब्लिक के हवाले करने की जिद पर अड़ी उग्र भीड़ ने खजांचीहाट थाने में करीब चार घंटे तक तांडव किया. उग्र भीड़ ने पुलिस के समझाने-बुझाने के बावजूद थाने में रोड़ेबाजी और तोड़-फोड़ की. भीड़ में सबसे आगे महिलाओं […]
पूर्णिया : एक नवविवाहिता की मौत के आरोप में हिरासत में लिए गये ससुराल वालों को पब्लिक के हवाले करने की जिद पर अड़ी उग्र भीड़ ने खजांचीहाट थाने में करीब चार घंटे तक तांडव किया. उग्र भीड़ ने पुलिस के समझाने-बुझाने के बावजूद थाने में रोड़ेबाजी और तोड़-फोड़ की. भीड़ में सबसे आगे महिलाओं ने थाने में गमले, कुर्सी व टेबुल और खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले. स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख पुलिस ने बल का प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया. स्थिति की नजाकत को देखते हुए एसपी विशाल शर्मा भी थाना पहुंचे और भीड़ को हटाया. इस बीच पुलिस ने खदेड़ कर कुल 21 लोगों को हिरासत में लिया है जिसमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं. गिरफ्तार होने वालों में एक राजद नेता भी शामिल हैं. इससे पूर्व दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से उग्र भीड़ ने थाने के सामने कार में पड़ी लाश को बीच सड़क पर रख कर रोड जाम कर दिया और टायर जला कर प्रदर्शन किया. रोड़ेबाजी में कई पुलिस कर्मी चोटिल हुए हैं.
क्या थी घटना की वजह
यह आक्रोश एक नवविवाहिता की मौत से भड़का. दरअसल, मरंगा थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी नवल किशोर श्रीवास्तव की पुत्री 25 वर्षीय मीनू कुमारी की मौत चूनापुर रोड के सिपाही टोला स्थित उसके ससुराल में हो गयी. जब इस घटना की सूचना मृतका के मायके वालों को मिली तो वे सभी नंगे पांव उसके ससुराल की ओर दौड़ पड़े. रास्ते में मृतका के शव को कार में लेकर जा रहे उसके ससुर उमाशंकर अंबष्ट, पति कुंदन कुमार एवं देवर कुणाल कुमार को देखा तो उन लोगों ने चारों ओर से घेर लिया और जमकर पिटाई शुरू कर दी. मौके पर केहाट पुलिस पहुंच कर आरोपितों को कब्जे में लिया और थाना हाजत में बंद कर दिया.
मृतका के परिजनों का आरोप है कि ससुराल वालों ने उनकी पुत्री की गला दबा कर हत्या कर दी और लाश को ठिकाने लगाने के लिए कार से अन्यत्र कहीं ले जा रहे थे जिसे उनलोगों ने रंगेहाथ पकड़ लिया. मृतका के बड़ी संख्या में परिजन और शुभचिंतक पीछे-पीछे थाना पहुंच गये. पहले तो रोड जाम कर प्रदर्शन किया पर जब उससे भी गुस्सा शांत नहीं हुआ तो भीड़ धीरे-धीरे थाना परिसर में घुस गयी. भीड़ बार-बार एक ही बात का रट लगा रही थी कि हाजत में बंद दोषियों को उनके हवाले कर दिया जाये. भीड़ चिल्ला रही थी-‘जान का बदला जान से लेंगे.’
बख्शे नहीं जायेंगे उपद्रवी : एसपी
पूर्णियाके एसपी विशाल शर्मा ने कहा है कि केहाट थाने में बेवजह तोड़-फोड़ और सड़क जाम करने वाले उपद्रवियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि जब मृतका के सभी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो थाना में हंगामा और तोड़-फोड़ करना कहीं से न्यायोचित नहीं है. उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में 8 महिला व 13 पुलिस समेत कुल 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है. अन्य लोगों की पहचान वीडियोग्राफी के आधार पर करायी जा रही है.
एसपी का बॉडीगार्ड हुआ चोटिल
भीड़ को खदेड़ा-खदेड़ी के दौरान एक पत्थर बॉडीगार्ड के पेट में लगा. पत्थर की वार इतनी मजबूत थी कि पत्थर लगते ही वह कराह उठा. बाद में पुलिस ने पत्थर फेंकने वाले युवक को धर दबोचा.
लाश का हुआ पोस्टमार्टम पर लेने वाला कोई नहीं
पुलिस के खदेड़ा-खदेड़ी के दौरान मृतका के परिजन सहित भीड़ थाने से भाग गई थी. इधर सड़क पर कार में रखी लाश पड़ी रह गई थी. बाद में एसपी के निर्देश पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा. मगर परेशानी यह है कि शव लेने वाला कोई सामने नहीं है क्योंकि गिरफ्तार होने वालों में मृतका के सभी परिजन भी शामिल हैं.
उग्र महिलाएं कर रही थी हंगामा, बेबस थे पुरुष पुलिसकर्मी
थाने में हंगामा कर रही उग्र भीड़ का नेतृत्व करीब दो दर्जन महिलाएं कर रही थी. इस दौरान कई बार पुलिस के साथ हाथापाई की नौबत तक आयी. उग्र महिलाएं थाने के अंदर घुसने का असफल प्रयास कर रही थी. इन महिलाओं के आगे वहां मौजूद पुरुष पुलिसकर्मी खुद को असहाय महसूस कर रहे थे. इतना होने के बाद भी महिला पुलिस वहां नदारद थी. महिला पुलिस तब पहुंची जब थाने में तोड़-फोड़ हो चुकी थी.
मृतका के परिजनों ने कहा, ससुराल वालों ने गला दबा की हत्या
मृतका के परिजनों का आरोप है कि मीनू की हत्या ससुराल वालों ने गला दबा कर की है. मृतका मीनू का भाई अनमोल कुमार ने बताया कि एक साल पूर्व 19 जून 2017 को उसकी बहन की शादी बीएसएफ के जवान कुंदन कुमार अम्बष्ट के साथ हुई थी. शादी काफी धूमधाम के साथ हुई थी और दहेज में मोटी रकम के साथ एक कार भी उपहार में दी गई थी. इसके बाद भी ससुराल वाले उसकी बहन को दहेज के लिए प्रताड़ित करते आ रहे थे. शादी के बाद उसे मायके आने नहीं दिया जाता था. दो माह पूर्व भी उसकी बहन के साथ मारपीट की गई थी. दो दिन पूर्व भी उसका बहनोई छुट्टी में घर आया था. उसके आने के बाद भी उसकी बहन को प्रताड़ित किया गया और आखिरकार उन लोगों ने उसकी जान ले ही ली.
ससुराल वालों ने कहा, फांसी से लटक कर ली आत्महत्या
इधर, मृतका के पति और बीएसएफ के जवान कुंदन कुमार का कहना है कि यह शादी धोखे से की गई थी. शादी के समय बड़े घर की बेटी बतायी गई थी, शादी के बाद पता चला कि उसका ससुर चाय दुकानदार है. उसने बताया कि यह शादी मीनू की मर्जी के खिलाफ की गई थी. वह किसी और को पसंद करती थी. यही वजह है कि वह ससुराल में नहीं रहना चाहती थी.