पूर्णिया : अब बच्चों को इलाज के साथ पढ़ाई की भी सुविधा
पूर्णियाः बिहार शिक्षा परियोजना के सौजन्य से पूर्णिया में राज्य का दूसरा कृत्रिम अंग व अवयव निर्माण केंद्र और छठा डे केयर सेंटर ने शुक्रवार से काम करना शुरू कर दिया. दोनों केंद्र का उदघाटन बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक राहुल सिंह और प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया. […]
पूर्णियाः बिहार शिक्षा परियोजना के सौजन्य से पूर्णिया में राज्य का दूसरा कृत्रिम अंग व अवयव निर्माण केंद्र और छठा डे केयर सेंटर ने शुक्रवार से काम करना शुरू कर दिया. दोनों केंद्र का उदघाटन बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक राहुल सिंह और प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया. उदघाटन के बाद निदेशक श्री सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल के साथ डे केयर सेंटर और कृत्रिम अंग व अवयव निर्माण केंद्र का अवलोकन किया. निदेशक ने सबसे पहले डे केयर सेंटर में मानसिक रूप से नि:शक्त बच्चा रौनक राज और अभिजीत सरकार को विशेष शिक्षक द्वारा बतायी जा रही चीजों को गंभीरता से देखा.
उन्होंने श्रवण जांच कक्ष का भी अवलोकन किया. इसके बाद कृत्रिम अंग व अवयव निर्माण केंद्र में नि:शक्त बच्चों को मुहैया करायी गयी कृत्रिम अंग को भी देखा. वे जिला संसाधन केंद्र में अध्ययनरत श्रवण बाधित और दृष्टि बाधित बच्चों से भी मिले.
डीइओ व डीपीओ को दिया निर्देश
इस मौके पर आयोजित समारोह में राज्य निदेशक श्री सिंह ने कहा कि बीइपी नि:शक्त बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कटिबद्ध हैं. ऐसे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए आठ तरह की शल्य क्रियाएं चिह्न्ति हुई हैं जहां उनका मुफ्त इलाज होगा. उन्होंने कहा कि ऐसे नि:शक्त बच्चों में हीन भावना को दूर करने और उनके संतुलित विकास को लेकर फिलहाल 75 कस्तूरबा विद्यालय में 25-25 की संख्या में श्रवण और दृष्टि बाधित बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ विशेष शिक्षक द्वारा शिक्षा दी जा रही है. डे केयर सेंटर में बच्चों को लाने-ले जाने के लिए अभिभावकों को यात्र खर्च भी दिया जायेगा. उन्होंने डीइओ और डीपीओ एसएसए को इन केंद्रों की विशेष देखभाल की बात कही. उन्होंने कहा कि छोटे कारणों से केंद्र के बंद होने की नौबत नहीं आनी चाहिए.