शव को गोद में लिये दौड़ रही थी महिला, जानें… पीछे-पीछे क्यों भाग रहे थे अस्पताल के कर्मी

पूर्णिया : बिहारमें पूर्णियाके सदर अस्पताल में उस समय अफरा-तफरी मच गयी जब लोगों ने एक महिला को गोद से चिपका कर बच्चे का शव लेकर भागते हुए देखा. आगे-आगे महिला और उसके पीछे अस्पताल कर्मी. आखिरकार अस्पताल के गार्ड ने उसे पकड़ लिया. माजरा यह था कि महिला पोस्टमार्टम के भय से बच्चे का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2018 10:00 PM

पूर्णिया : बिहारमें पूर्णियाके सदर अस्पताल में उस समय अफरा-तफरी मच गयी जब लोगों ने एक महिला को गोद से चिपका कर बच्चे का शव लेकर भागते हुए देखा. आगे-आगे महिला और उसके पीछे अस्पताल कर्मी. आखिरकार अस्पताल के गार्ड ने उसे पकड़ लिया. माजरा यह था कि महिला पोस्टमार्टम के भय से बच्चे का शव लेकर भाग रही थी, जबकि अस्पताल कर्मी अपनी नौकरी बचाने के लिए उसे रोक रहे थे. अस्पतालकर्मियों को यह भय था कि कहीं यह भी बाइक पर शव ले जाने जैसा मामला सुर्खियों में न आ जाये. अस्पतालकर्मी और महिला के बीच यह ड्रामा करीब डेढ़ घंटे तक चला.

दरअसल, गुरुवार को कसबा प्रखंड के बनैली पंचायत के सिंघिया गांव निवासी महेश विश्वास के पुत्र रोहन कुमार अपने चचेरे भाइयों के साथ पास ही के मटकोपा गांव स्थित सौरा नदी नहाने गया था. नहाने के क्रम में गहरे पानी में चले जाने के कारण वह अचेत हो गया. ग्रामीणों के सहयोग से रोहन को सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जब डॉक्टरों ने रोहन को मृत घोषित कर दिया, तो परिजनों की चीख पुकार शुरू हो गयी.

इसी बीच किसी ने कह दिया कि जल्दी शव को ले जाओ, नहीं तो उसका पोस्टमार्टम कराना होगा. पोस्टमार्टम की बात सुनते ही बच्चे की मां शव को गोद में उठा कर पैदल भागने लगी. शव को गोद में ले जाते देख स्वास्थ्यकर्मी उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे. काफी मशक्कत के बाद सुरक्षा गार्डों ने उसे रोका.

ऑटो में बैठाने के लिए हांफ रहे थे सुरक्षा गार्ड
सुरक्षा गार्ड मृत बच्चे की मां के आगे गिड़गिड़ा रहे थे कि बच्चे को स्ट्रेचर पर लिटा दीजिए. हम तुरंत एंबुलेंस या अन्य गाड़ी की व्यवस्था कर देते हैं. लेकिन, बच्चे की मां को गार्डों की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था. बच्चे की मां बोल रही थी कि मेरा बच्चा मरा है, मैं पोस्टमार्टम कराके उसकी और फजीहत होते नहीं देख सकती. सुरक्षाकर्मियों को लगभग डेढ़ घंटे का वक्त मृत बच्चे की मां को समझाने में लग गया. उसके बाद भी सुरक्षा गार्डों को सफलता नहीं मिली. आनन-फानन में सुरक्षा गार्डों ने ऑटो उसके करीब लाकर खड़ा किया और उस पर बैठ कर घर जाने को कहा. तब जाकर महिला मानी और ऑटो पर सवार हो कर मृत बच्चे को लेकर घर गयी.

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