बाढ़ का कहर : कोसी तटबंध के अंदर घुसा पानी, कटिहार व पूर्णिया के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोग कर रहे रतजगा
गांवों में फैला पानी, किशनगंज में एक डूबा कोसी, कमला व महानंदा नदियां खतरे के निशान के पार, सड़क संपर्क भंग भागलपुर : कोसी क्षेत्र में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. मधेपुरा में जहां नहर टूट गयी, वहीं किशनगंज में नदी पार करने के दौरान डूबने से एक व्यक्ति की […]
गांवों में फैला पानी, किशनगंज में एक डूबा
कोसी, कमला व महानंदा नदियां खतरे के निशान के पार, सड़क संपर्क भंग
भागलपुर : कोसी क्षेत्र में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. मधेपुरा में जहां नहर टूट गयी, वहीं किशनगंज में नदी पार करने के दौरान डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. बीबीगंज, कालपीर पंचायत, टेढ़ागाछ निवासी मो पैकार असंतुलित होकर नदी की तेज धारा में बह गये. कोसी तटबंध के अंदर पानी घुस चुका है. कटिहार व पूर्णिया के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोग भी रतजगा करने लगे हैं. महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा है. 36 से अधिक घर कटाव के कारण नदी में समा चुके हैं. कोसी तटबंध के भीतर बाढ़ का मंजर अभी से लोगों को सताने लगा है
नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र की सात पंचायतों में से डरहार पंचायत अभी से बाढ़ग्रस्त हो गयी है.पनार नदी का बढ़ रहा है जल स्तर : अररिया. नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण पनार नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है. शहर की खरैया बस्ती में कुछ घरों को बाढ़ का पानी छूने लगा है. हालांकि अररिया के कई गांवों में बाढ़ का पानी आ गया है. तटबंध टूटने से जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैलता जा रहा है.
महानंदा के कटाव से चार दिनों में 25 परिवारों के घर नदी में समा गये
कटिहार : जिले में महानंदा सहित अन्य प्रमुख नदियों के जल स्तर में वृद्धि गुरुवार को भी जारी रही. महानंदा का जल स्तर अधिकतर स्थानों पर लाल निशान को पार कर गया है. महानंदा धबौल में खतरे निशान से 14 मीटर ऊपर बह रही है, जबकि दुर्गापुर में खतरे निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
आजमनगर में यह नदी खतरे निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके साथ ही गंगा, बरंडी व कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है. बलिया बेलौन क्षेत्र की भौनगर पंचायत के मंझोक गांव में महानंदा के कटाव से चार दिनों में 25 परिवारों के घर नदी में समा गये हैं. मंझोक गांव का अस्तित्व समाप्त होने का डर लोगों को सता रहा है.
पूर्णिया के निचले हिस्से में घुसा पानी : पूर्णिया. बायसी अनुमंडल क्षेत्र की तीनो नदियों में जल स्तर बढ़ने का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा. निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है.
कालू मस्तान टोला, पूरानागंज पंचायत के नबावगंज, हाथीबंधा, बनगामा, खपड़ा पंचायत के मथुरापुर, वहीं बैसा प्रखंड के मंगलपुर, हरिया, काशीबाड़ी, धोबनिया गांव में कटाव तेज हो गया है. कनकई के कटाव से अशियानी गांव के 13 परिवारों के घर कनकई में विलीन हो गये.
केले के थंब के सहारे आवाजाही कर रहे हैं लोग
मधुबनी. जिले में कमला नदी का जल स्तर तीसरेदिन भी खतरे के निशान से ऊपर था. झंझारपुर में जल स्तर खतरे के निशान से करीब तीन फुट से ऊपर दर्ज किया गया. हालांकि जल स्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है. लगातार उतार-चढ़ाव के कारण तटबंध में कटाव भी होने लगा है.
लोगों में दहशत है. वहीं जयनगर अनुमंडल से लदनियां प्रखंड मुख्यालय को जोड़नेवाले एनएच 104 के पदमा-योगिया के बीच धौरी नदी पार करनेवाले डायवर्जन पर बाढ़ का पानी चढ़ने से तीन दिनों से यातायात पूरी तरह ठप है. गुरुवार को चौथे दिन पद्मा एवं योगिया के युवाओं ने आवाजाही के लिए केले के थंब से नाव बनायी है. इसी के सहारे फिलहाल आवाजाही की जा रही है. अब तक प्रशासन के स्तर पर आम लोगों को इस समस्या से निबटने के लिए उक्त स्थल पर किसी भी तरह का कार्य देखने को नहीं मिल रहा है.
फारबिसगंज के आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में
फारबिसगंज अंचल क्षेत्र से हो कर बहनेवाली प्रमुख परमान नदी के जल स्तर में वृद्धि होने और नदी के उफनाने के कारण फारबिसगंज प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है.पानी की तेज धार में फारबिसगंज से कुशमाहा, पिपरा सहित पूर्वी क्षेत्र के अन्य गांव तक जानेवाले डुमरा बांध की सड़क गढ़ा चौक के समीप टूट गयी है. इसके कारण उक्त गांव से फारबिसगंज का संपर्क भंग हो गया है. गांवों में पानी के प्रवेश कर जाने से स्थिति भयावह बनी हुई है.