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बिहार : पूर्णिया सेंट्रल जेल में कैदी की पीट-पीटकर हत्या, शव को अस्पताल में छोड़ भाग खड़े हुए जेलकर्मी

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया सेंट्रल जेल में एक कैदी की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. मृतक कैदी प्रभात कॉलोनी का राकेश रंजन उर्फ रॉकी बीते सात जुलाई को शराब पीने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. घटना शुक्रवार के रात की बतायी जा रही है. घटना उस वक्त प्रकाश में […]

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया सेंट्रल जेल में एक कैदी की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. मृतक कैदी प्रभात कॉलोनी का राकेश रंजन उर्फ रॉकी बीते सात जुलाई को शराब पीने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. घटना शुक्रवार के रात की बतायी जा रही है. घटना उस वक्त प्रकाश में आया जब शनिवार की सुबह जेल एंबुलेंस से कैदी को सदर अस्पताल लाया गया. सदर अस्पताल में मौजूद दो चिकित्सक डाॅ. एनके झा एवं डाॅ. आरएन कुमार ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं जेल कर्मी कैदी को भर्ती करने का निवेदन कर रहे थे. डॉक्टर के इन्कार करने पर जेल कर्मी कैदी के शव को सुबह करीब 8:15 बजे अस्पताल के बरामदे पर छोड़ कर भाग खड़े हुए.

इस दौरान मृतक के परिजन व करीबी लोग काफी संख्या में मौजूद थे. तीन घंटे के बाद सदर एसडीएम विनोद कुमार, सदर एसडीपीओ कृष्ण कुमार राय समेत केहाट थानाध्यक्ष सदल बल पहुंचे. शव का मुआयना करने के बाद एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम के जांच के बाद घटना का स्पष्ट रूप से पता चलेगा. दोषियों पर कार्रवाई होगी.

परिजनों ने कहा पीट-पीट कर की गयी हत्या
परिजनों ने जेल प्रबंधन पर पीट पीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है. मृतक के चाचा दिनेश सिंह ने कहा कि जेल के दबंग कैदी एवं कर्मी की मिलीभगत से उसकी हत्या की गयी है. उन्होंने कहा कि वह जेल के वार्ड संख्या 9 में था, जहां उसका वार्डन से विवाद चल रहा था. इसी विवाद को लेकर इन लोगों ने साजिश कर उसके भतीजे के दोनों पैर में हथकड़ी लगा कर उलटा लटका कर पीट पीट कर मार डाला. गौरतलब है कि वर्तमान जेल अधीक्षक विधु भारद्वाज के कार्यकाल में पूर्व में भी कैदी के परिजनों द्वारा कैदियों को प्रताड़ित करने और अवैध वसूली का आरोप लगाया जा चुका है.

शरीर में हैं कई जगह जख्म के निशान
प्रथम दृष्टया मृतक के शरीर को देखने पर प्रतीत होता है कि उसके साथ मारपीट हुई थी. मृतक कैदी के शरीर में कई जगह जख्म के निशान स्पष्ट रूप से मौजूद थे. उसके दोनों पैर के एड़ी से ऊपर गोलनुमा जख्म के गहरे दाग हैं. उसके दोनों हाथ एवं घुटने के निकट भी जख्म के निशान पाये गये हैं. कैदी के बायें हाथ की कलाई भी टूटा प्रतीत हो रहा है. ऐसे में परिजनों के आरोप की वजह से सवाल उठना लाजिमी है. वहीं जेल कर्मियों का मृतक को अस्पताल में छोड़ कर फरार होना भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

तीन सदस्यीय डॉक्टर की टीम ने किया पोस्टमार्टम
परिजनों के हंगामे के बाद जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा के निर्देश पर दंडाधिकारी के उपस्थिति में तीन सदस्यीय डॉक्टर की टीम द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इनमें दंडाधिकारी सत्येंद्र सिन्हा के अलावा डा जेपी यादव, डा बी रमण एवं डा एमडी सिंह शामिल थे. पोस्टमार्टम प्रक्रिया की शुरू से अंत तक वीडियोग्राफी भी करायी गयी है. पोस्टमार्टम के समय मृतक के परिजन व उसके करीबी लोग भी मौजूद थे.

कहते हैं जेल अधीक्षक
कैदी की मौत को लेकर जेल अधीक्षक विधु भारद्वाज ने बताया कि बीते 08 जुलाई की शाम में कैदी राकेश रंजन को केहाट पुलिस द्वारा जेल लाया गया था, जहां उन्हें जेल के वार्ड संख्या 09 में भेजा गया. दूसरे दिन उसे मिर्गी का दौरा आने लगा. नशा नहीं करने से वह चिड़चिड़ा हो गया और अन्य कैदियों से झगड़ने लगा था. गुरुवार की रात उसे जेल अस्पताल के वार्ड संख्या एक में भर्ती कराया गया. वहां भी वह परेशान करने लगा जहां जेल चिकित्सक की सलाह पर उसके हाथ एवं पैर में हथकड़ी लगाया गया. शनिवार की सुबह उसकी तबीयत बिगड़ते देख जेल एंबुलेंस से उसे सदर अस्पताल भेजा गया. अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही रास्ते में उसकी मौत हो गयी.

क्या कहते हैं अधिकारी
जेल में कैदी की मौत की सूचना मिली है. तत्काल अनुमंडल पदाधिकारी को भेज कर मामले की जांच करायी गयी. वहीं दंडाधिकारी की उपस्थिति में पोस्टमार्टम कराया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही जब मौत के कारण का खुलासा होगा तो स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है. मामले की मजिस्ट्रेट जांच भी करायी जायेगी. प्रदीप कुमार झा, जिलाधिकारी पूर्णिया

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