पूर्णिया :कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूर्णिया मेयर पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. 11 बजे से पहले निगम के सभी पार्षद समाहरणालय परिसर स्थित सभागार मे प्रवेश कर गये, जहां निर्वाचन की प्रक्रिया आरंभ हुई. हाईकोर्ट के आदेश पर डीआईजी की निगरानी में हो रहे मेयर पद के चुनाव के लिए प्रशासन ने पूरी तरह चौकसी बरती जा रही है. समाहरणालय और इसके आसपास का इलाका पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील है. अंदर और बाहर चारों तरफ पुलिस की घेराबंदी है. मतदान की प्रक्रिया में कम से कम चार घंटे लग सकते हैं. मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट के अगले आदेश तक चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं की जा सकेगी.
क्या है मामला
हाईकोर्ट ने यह आदेश पूर्व महापौर विभा कुमारी द्वारा हाइकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस विकास जैन ने दिया है. याचिका में कहा गया था कि अविश्वास प्रस्ताव में भाग लेनेवाले वार्ड संख्या-39 के पार्षद विलास चौधरी मतदान में हिस्सा नहीं ले सकते थे, क्योंकि वे निगम द्वारा आयोजित लगातार चार बैठकों में अनुपस्थित पाये गये थे. याचिका में जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि 27 जून को ही नगर निगम के आयुक्त द्वारा विलास चौधरी के बाबत दिशा निर्देश मांगा गया था. जबकि, 29 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक हुई थी. वहीं, डीएम ने दो अगस्त को राज्य निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन की मांग की. इसके बाद जिला पदाधिकारी के पत्र के आलोक में 07 अगस्त को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वार्ड पार्षद विलास चौधरी को पत्र भेज कर 24 अगस्त को आयोग में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला देते हुए कहा है कि 10 अगस्त को होनेवाले मेयर चुनाव का परिणाम इस रिट के अंतिम परिणाम से निर्धारित होगा. कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि चुनाव का परिणाम तब तक घोषित नहीं किया जाये, जब तक कि अदालत का आदेश नहीं आ जाता है. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 16 अगस्त को निर्धारित किया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने कहा है कि उच्च न्यायालय का महापौर चुनाव के बाबत दिशा-निर्देश आया है. दिशा-निर्देश के अनुसार डीआइजी चुनाव स्थल पर मौजूद रहेंगे. हाइकोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि चुनाव होगा, लेकिन चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं होगी. बाद में न्यायालय का जो आदेश होगा उसके अनुरूप कार्रवाई की जायेगी.