पूर्णिया : पूर्णिया व्यवहार न्यायालय के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश कन्हैया चौधरी ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक पति को सात साल की सजा सुनायी है. वहीं दहेज उत्पीड़न के मामले में 2 साल जेल के साथ 10 हजार रुपये अर्थ दंड की भी सजा सुनायी गयी है. आर्थिक दंड नहीं चुकाने पर अभियुक्त को 6 माह अतिरक्ति कारावास में बिताने होंगे. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. यह मामला सात साल पूर्व बायसी थाना कांड संख्या 63/2011 से जुड़ा था.
अभियुक्त मोहम्मद शोमा आलम डगरूआ थाने के कनहरिया कोठी टोला का निवासी है. मृतका के पिता शेख शाहिद पिता स्वर्गीय इनदाद ग्राम गेरकी थाना डगरूआ जिला पूर्णिया ने 28 मार्च 2011 को पुलिस पदाधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा था कि एक वर्ष पूर्व उसकी 24 वर्षीय पुत्री बीवी इशरत खातून की शादी शोमा आलम से हुई थी. लेकिन, शादी के बाद से ही उसकी बेटी को अभियुक्त तरह-तरह से प्रताड़ित करता था और हमेशा ही मारपीट करने लगा. 28 मार्च 2011 की सुबह टेलीफोन पर सूचना मिलने के बाद अन्य रिश्तेदारों के साथ मृतका के पिता जब बेटी के ससुराल पहुंचे तो देखा कि उसकी बेटी की लाश बरामदे में रखी हुई थी. वहां पर काफी भीड़ जमा थी. लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि दामाद द्वारा मृतका को बराबर मारपीट और प्रताड़ित किया जाता था. जिससे तंग आकर मृतका ने 27 मार्च 2011 को जहर खा लिया. इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से डॉक्टर और अनुसंधानकर्ता सहित कुल 10 गवाहों को प्रस्तुत किया गया.