तीन मिलीबार घटा हवा का दबाव, आंधी-वर्षा के अासार

पूर्णिया : नेपाल की तराई की सीमा से सटे पूर्णिया समेत सीमांचल में करीब तीन मिलीबार हवा का दबाव घट गया है. इससे तेज हवा व गरज के साथ छींटे की संभावना प्रबल हो गयी है. इससे गेहूं के किसानों का सरदर्द बढ़ गया है तो मक्का के किसान राहत महसूस कर रहे हैं. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2019 1:41 AM

पूर्णिया : नेपाल की तराई की सीमा से सटे पूर्णिया समेत सीमांचल में करीब तीन मिलीबार हवा का दबाव घट गया है. इससे तेज हवा व गरज के साथ छींटे की संभावना प्रबल हो गयी है.

इससे गेहूं के किसानों का सरदर्द बढ़ गया है तो मक्का के किसान राहत महसूस कर रहे हैं. हालांकि यह तो समय बतायेगा कि किस खेती पर मौसम का कितना असर पड़ेगा और किन फसलों पर कितनी मार पड़ेगी.
दरअसल मौसम विभाग ने 24 घंटे का एलर्ट जारी किया है और गेहूं के किसानों को इतना इंतजार कर लेने की सलाह दी गयी है. कहा गया है कि अगले 24 घंटे के दौरान गंभीर वर्षा भी हो सकती है.
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले पांच दिनों तक ऐसी आशंका बरकरार रह सकती है लेकिन यदि दबाव सामान्य हो गया तो सब कुछ सामान्य हो सकता है. इधर लोगों में चर्चा है कि शायद नेपाल में हुई गंभीर वर्षा और आंधी-तूफान का असर है.
मौसम विभाग ने पूर्णिया समेत अररिया एवं सुपौल जिला में भी वर्षा होने अनुमान जारी किया है. सनद रहे कि नेपाल की सीमा से सटा बिहार का सीमांचल का इलाका क्लाउड एंड बंबार्डिंग जोन(सीबीजोन) बन गया है. यहां लौटती मानसून का भी असर होते रहता है.
मौसम को प्रभावित करने वाले कारकों में नेपाल का हिमालय भी काफी असर करता है. जानकार बताते हैं कि सीमांचल के मौसम का एक कारक समुद्र भी है. जहां से मानसूनी हवा बनती है वहां का सेंटर कई हजार किलोमीटर स्थल की ओर यानि डाइमंड हार्बर के करीब चला आया है. इससे भी उड़ीसा के रास्ते बिहार के सीमांचल का मौसम प्रभावित होता है.
क्या है पूर्वानुमान
मेट्रोलोजिकल डिपार्टमेंट ने जो संभावना जताया है उसमें कहा गया है कि 5 अप्रैल तक बादल लगे रहेंगे. रुक-रुककर वर्षा होगी. 6 और 7 अप्रैल को वर्ष और गरज के साथ ठनका के संयोग बन रहे हैं. कुल मिलाकर 7 अप्रैल तक बादल का संघनन जारी रह सकता है.

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