सेमिनार में बढ़ती जनसंख्या पर जतायी गयी चिंता

पूर्णिया : विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर स्थानीय सहयोग नर्सिंग होम में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें बढ़ती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की गयी. इस मौके पर ऑफ्स गायनी सोसाइटी के सचिव डॉ अनुराधा सिन्हा ने कहा कि वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत इसे शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2019 1:18 AM

पूर्णिया : विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर स्थानीय सहयोग नर्सिंग होम में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें बढ़ती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की गयी. इस मौके पर ऑफ्स गायनी सोसाइटी के सचिव डॉ अनुराधा सिन्हा ने कहा कि वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत इसे शुरू किया गया.

एक आकड़े के अनुसार विश्व में लगभग 800 महिलाएं हर दिन गर्भावस्था के कारण मृत्यु हो जाती है जिनमें से 20 फीसदी भारत में है जिसमें परिवार नियोजन, लिंग समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों का महत्व शामिल हैं.
डॉ सिन्हा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आबादी बढ़ने की रफ्तार इतनी ही बनी रही तो जल्द ही वैश्विक स्तर पर इसका आंकड़ा 10 अरब के आस-पास पहुंच जायेगा.
डॉ संजीव कुमार ने कहा कि शहरों में पलायन के साथ ही गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, निवास, खेती के लिए जमीन इत्यादि समस्याएं बहुत तेजी से आगे बढ़ेंगी. अगर जनसंख्या पर लगाम नहीं लगती है तो सरकार का पांच ट्रिलियन इकोनामी का सपना भी दूर की कौड़ी हो जायेगी.
आरोग्य भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष डा. कुमार ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार पहली बार ऐसा हुआ है जब 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी पांच साल के बच्चों की आबादी से ज्यादा हो गयी है.
आशंका जतायी जा रही है कि साल 2050 तक दुनिया में बुजुर्गों की आबादी बच्चों की आबादी की दोगुनी हो जायीगी. उन्होंने बढ़ती आबादी के कारण न केवल आवास और रोजगार की कमी होने वाली है बल्कि आने वाले दिनों में लोगों को खाने के लिए अनाज और पीने के लिए पानी की कमी होने वाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 400 करोड़ लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है जिसमें 25 फीसदी भारतीय भी शामिल हैं.

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