धीरे-धीरे मेडिकल कॉलेज ले रहा आकार पूर्णिया का सिमटता जा रहा सदर अस्पताल
पूर्णिया : सरकारी मेडिकल कॉलेज अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है. इसके साथ ही सदर अस्पताल सिमटता जा रहा है. असल में सदर अस्पताल परिसर में चारों दिशा में भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड की ओर से केंद्र प्रायोजित योजना के तहत सदर अस्पताल परिसर […]
पूर्णिया : सरकारी मेडिकल कॉलेज अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है. इसके साथ ही सदर अस्पताल सिमटता जा रहा है. असल में सदर अस्पताल परिसर में चारों दिशा में भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड की ओर से केंद्र प्रायोजित योजना के तहत सदर अस्पताल परिसर में 100 एमबीबीएस सीट के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं 600 बेड के अस्पताल को स्वरूप प्रदान किया जा रहा है. निर्माण पर 365.58 करोड़ खर्च होगा जिसमें केंद्र का अंश 113.40 करोड़ व राज्य का अंश 252.18 करोड़ बताया जा रहा है.
जैसे-जैसे मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है, वैसे-वैसे सदर अस्पताल के पुराने भवन अतीत का हिस्सा बन रहे हैं. रिजनल डायग्नोस्टिक भवन में सिमट जायेगा स्वास्थ्य विभाग : मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की प्रगति को देखते हुए सदर अस्पताल परिसर में संचालित स्वास्थ्य कार्यालयों को खाली करने की डेडलाइन नजदीक आ गयी है.
जानकारी के मुताबिक परिसर स्थित क्षेत्रीय स्वास्थ्य जांच व अनुसंधान केंद्र में पूरा स्वास्थ्य विभाग सिमट जायेगा. जबकि ठीक इसके बगल में बन रहे भवन में आउटडोर के संचालन की योजना बनायी जा रही है. इस भवन में चिकित्सा पदाधिकारियों के कार्यालय, दवा वितरण केंद्र आदि शिफ्ट किए जायेंगे सिविल सर्जन डॉ. मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू होने तक सदर अस्पताल की तमाम सेवाओं को निर्बाध रूप से संचालित रखा जायेगा.
161 साल की स्वास्थ्य सेवा में व्यापक बदलाव के आसार: वर्ष 1858 में सदर अस्पताल की स्थापना हुई थी. पिछले 161 साल से सदर अस्पताल कोसी, सीमांचल, बंगाल और नेपाल की सेहत का जिम्मा उठा रहा है. मेडिकल कॉलेज बनने को लेकर 161 साल की स्वास्थ्य सेवा में बड़े बदलाव का सबको इंतजार है. इसका असर स्वास्थ्य नगरी से चर्चित लाइन बाजर पर भी पड़ेगा. जब मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की श्रृंखला तैयार होगी जिसका लाभ करोडों की आबादी को मिलेगा.
मेडिकल कॉलेज बनने का सफर
7 जनवरी 2012 को पूर्णिया में कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी स्वीकृति
स्वास्थ्य सचिव अमरनाथ सिन्हा ने सदर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने का रखा प्रस्ताव
स्वास्थ्य सचिव अमरनाथ सिन्हा के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्क्षण किया स्वीकृत
वर्ष 2014-15 में सदर अस्पताल में 189 करोड़ की राशि से चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति
वर्ष 2015 से मेडिकल कॉलेज के संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रही कवायद
17 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय योजना का किया लोकार्पण
4 मार्च को 2019 को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रखी निर्माण कार्य की आधारशिला
मेडिकल कॉलेज का यह होगा स्वरूप
600 बेड के मेडिकल कॉलेज में 50 बेड की आइसीयू
ट्रॉमा सेंटर,सिटी स्कैन सेंटर सहित 21 विभागों की होगी स्थापना
हरेक साल 100 एमबीबीएस सीटों पर लिया जायेगा दाखिला
डॉक्टर समेत 2000 से अधिक होगा मानव संसाधन
200 बेड की धर्मशाला का भी किया जायेगा निर्माण
वर्तमान में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं
दो यूनिट डाइलीसिस सेवा उपलब्ध
त्याधुनिक मशीनों से युक्त एनआइसीयू
नवीनतम तकनीक का आइसीयू वार्ड
एडवांस आर्थोपेडिक ओटी
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बिहार का पहला मॉडल लेबर रूम