डॉक्टर की पिटाई के विरोध में छह अर्बन पीएचसी रहा ठप, गिरफ्तारी की मांग

पूर्णिया : शहर के माधोपाड़ा स्थित अर्बन पीएचसी के डॉक्टर की पिटाई के विरोध में मंगलवार को शहर के सभी छह पीएचसी में कामकाज ठप रहा. सभी छह पीएचसी के डॉक्टर समेत डेढ़ दर्जन कर्मियों का शिष्टमंडल सीएस कार्यालय पहुंचा और एक दिन के कार्य बहिष्कार से अवगत कराया. डीएम व एसपी को भी एकदिवसीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2019 7:59 AM

पूर्णिया : शहर के माधोपाड़ा स्थित अर्बन पीएचसी के डॉक्टर की पिटाई के विरोध में मंगलवार को शहर के सभी छह पीएचसी में कामकाज ठप रहा. सभी छह पीएचसी के डॉक्टर समेत डेढ़ दर्जन कर्मियों का शिष्टमंडल सीएस कार्यालय पहुंचा और एक दिन के कार्य बहिष्कार से अवगत कराया.

डीएम व एसपी को भी एकदिवसीय कार्य बहिष्कार की जानकारी दी गयी है. सीएस को दिये आवेदन के अनुसार, इस घटना से अर्बन पीएचसी के डॉक्टरों व कर्मियों में भय का माहौल है. इस माहौल में कार्य करना कठिन प्रतीत हो रहा है.
इसमें दोषियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गयी है. आवेदन के अनुसार, सहायक खजांची थाना में घटना की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. अधिकारियों से मांग की गयी है कि वे अपने स्तर से दोषियों पर कार्रवाई कराना सुनिश्चित करें.
शिष्टमंडल में डॉ मनमोहन कुमार चौधरी, एमओआइसी, माधोपाड़ा यूपीएचसी, डॉ आनंद, एमओआइसी मधुबनी यूपीएचसी, डॉ दीपक कुमार सिंह, एमओआइसी, यूपीएचसी माता चौक, डॉ विभा कुमारी, एमओआइसी, यूपीएचसी पूर्णिया पूर्व, डॉ नवीन कुमार, एमओ, यूपीएचसी माधोपाड़ा, जीएनएम सोनी कुमारी, ममता कुमारी, रूपा कुमारी, सुनिधि कुमारी, माला कुमारी, लक्ष्मी बनर्जी, राज रतन, विजेता झा, प्रीति कुमारी, अजय कुमार आदि शामिल थे.
डॉक्टर की पिटाई मामले में काउंटर केस, एक-दूसरे पर लगाये आरोप: पूर्णिया. शहर के माधोपाड़ा स्थित अर्बन पीएचसी के डॉक्टर की पिटाई मामले में दोनो पक्षों की ओर से सहायक खजांची थाने में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि इस मामले में डा. एम के चौधरी और माधोपाड़ा की आशा देवी की ओर से काउंटर केस किये गये हैं.
पीड़ित डा. मनमोहन कुमार चौधरी ने अपने आवेदन में लिखा है कि 29 जुलाई को वे अपने केन्द्र पर संध्या समय रोगियों का इलाज कर रहे थे. इसी दौरान दो रोगी सोनी कुमारी और पायल कुमारी पहुंची. दोनों को देखने के बाद दवाई पूर्जा में लिखकर दे दिया. पूर्जी के अनुसार केन्द्र में कार्यरत जीएनएम सोनी कुमारी दवाई निकालने चली गयी. इसी बीच पायल ने कहा कि उसकी बहन को घाव की दवा दे दीजिए.
इस पर उन्होंने कहा कि बिना देखे दवा कैसे दे दें? इतना सुनते ही दोनों बहन उनसे उलझ गयी और अनाप-शनाप बोलते हुए वहां से चली गयी. जाते-जाते यह कह गयी अभी मजा चखा देते हैं. कुछ ही देर के बाद उसके परिजन आये और उ‌नहें लाठी-डंडा से मारपीट करने लगे. कपड़े फाड़ दिये और उनके पर्स से सात हजार और जरूरी कागजात निकाल लिये.
दूसरी ओर आशा देवी के आवेदन में कहा गया है कि उनकी दो पुत्री सोनी और पायल मंगलवार की शाम करीब 5 बजे शहरी प्रा. स्वा. केन्द्र इलाज के लिए गयी थी लेकिन वहां तैनात डा. मनमोहन कुमार चौधरी ने यह कहकर इलाज करने से इंकार कर दिया कि कल उनके निजी क्लीनिक में आओ. अभी समय नहीं है. दोनों बेटियों ने जब काफी आग्रह किया तो डा. साहेब ने अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे.
जब उनकी दोनों बेटियों ने इसका विरोध किया तो डाक्टर एवं अन्य कर्मी मारपीट करने लगे और उनकी बेटी से पर्स छीन लिया जिसमें एक भर सोने का टूटा चैन एवं दो हजार रुपये नकद था. उनकी बेटियों के रोने और चिल्लाने पर आसपास के लोग वहां जुट गये. बाद में सूचना मिलने पर वह अपनी बेटियों के साथ पुन: वहां पहुंची तो पता चला कि डा. साहेब को पुलिस लेकर गयी है.

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