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ध्वस्त सड़कें, जमींदोज नाला व गंदगी बनी है गुलाबबाग मंडी की पहचान

पूर्णिया : ध्वस्त सड़कें, जमींदोज नाला, टूटी चहारदीवारी, गंदगी और जलजमाव गुलाबबाग मंडी की पहचान बन गयी है. इन समस्याओं को लेकर आवाज उठाने वाले व्यापारियों को कई-कई बार योजनाओं-परियोजनाओं का सब्जबाग दिखाया गया. इस बीच नेताओं के बयान आये, आश्वासनों का लंबा सिलसिला चला और घोषणाएं भी हुईं. इसके सालों गुजर गये, कई चुनाव […]

पूर्णिया : ध्वस्त सड़कें, जमींदोज नाला, टूटी चहारदीवारी, गंदगी और जलजमाव गुलाबबाग मंडी की पहचान बन गयी है. इन समस्याओं को लेकर आवाज उठाने वाले व्यापारियों को कई-कई बार योजनाओं-परियोजनाओं का सब्जबाग दिखाया गया.

इस बीच नेताओं के बयान आये, आश्वासनों का लंबा सिलसिला चला और घोषणाएं भी हुईं. इसके सालों गुजर गये, कई चुनाव भी हुए पर स्थिति जस की तस है. आलम यह है कि अब व्यापारियों ने उम्मीदें भी छोड़ दी है और मंडी की इस दुर्दशा को ही नियति मान ली है.
गौरतलब है कि गुलाबबाग मंडी को संवारने की योजना कई-कई बार बनी. इसके लिए मास्टर प्लान बनाये गये और नक्शा भी बनवाया गया. व्यापारियों को लगा कि अब अच्छे दिन आने वाले हैं पर सालों बाद भी यह दिन उन्हें नसीब नहीं हो सका. यहां उल्लेख्य है कि कृषि विभाग ने मंडी के लिए 14 करोड़ 74 लाख 87 हजार का प्रकल्लन तैयार कर विभागीय अभियन्ता और इंजीनियरिंग सेल को दो वर्ष पहले सौप दिया था.
इसमे जलनिकासी के लिये नाला, सुरक्षा के लिये चहारदीवारी का जीर्णोद्धार, वाहनों के लिये पार्किंग और वेंडिंग जोन के निर्माण की योजना शामिल थी. उपलब्ध जानकारी के मुताबिक न केवल इसकी राशि स्वीकृत की गयी बल्कि इसकी जानकारी विभाग ने अपने वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया.
वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के मुताबिक सड़क निर्माण के लिये 7 करोड़ 80 लाख 44 हजार, नाला निर्माण के लिये 3 करोड़ 17 लाख 57 हजार,चहारदीवारी के लिए 1 करोड़ 53 लाख 41 हजार, वेंडिंग जोन व पार्किंग के लिए 2 करोड़ 23 लाख 45 हजार की अलग-अलग योजना बनायी गयी. इसके लिए कुल 14 करोड़ 74 लाख 87 हजार रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया था.
इस संबंध में सदर एसडीएम सह नोडल पदाधिकारी व डीएम को भी पत्र दिये जाने का जिक्र बेवसाइट पर है. उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट का काम 2018 में ही शुरू किया जाना था पर इसकी फाइल अधर में लटक कर रह गयी है. इसमें कहां रुकावट है, इसकी जानकारी फिलहाल किसी अधिकारी को नहीं.
पार्किंग व वेंडिंग जोन को लेकर उहापोह
कृषि विभाग के इस प्रोजेक्ट में 2 करोड़ 23 लाख 45 हजार की राशि वेंडिंग जोन व पार्किंग के लिए दर्शायी गई है. इसको लेकर सभी उहापोह में हैं कि यह वेंडिंग जोन है या फिर किसान भवन.
दरअसल, किसानों के कृषि जीन्स की सुरक्षा और उनकी मुश्किलों को आसान करने के लिये किसान भवन बनाया जाना है और प्रोजेक्ट में वेंडिंग जोन का जिक्र है. वैसे, स्थानीय स्तर पर विभागीय अधिकारी बताते हैं कि किसान भवन ही वेंडिंग जोन है.
मगर, वेंडिंग जोन को लेकर बाजार में कई तरह की चर्चा है. हालांकि मंडी के जीर्णोद्धार को लेकर राजनेता और विभागीय अधिकारी प्रोजेक्ट और एलॉटमेंट की बात कहते हैं मगर काम कब प्रारंभ होगा यह कोई बताने को तैयार नहीं है. इधर, इस मामले में भवन निर्माण विभाग की उदासीनता और मंडी का कायाकल्प कर देने की घोषणा करने वाले नेताओं की खामोशी पर सवाल उठाये जा रहे हैं.

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