पूर्णिया : हत्या के प्रयास के एक मामले में अदालत ने दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई है. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश बलजिन्दर पाल ने सत्रवाद संख्या 22/13 में अभियुक्त खगेन्द्र प्रसाद सिन्हा और संतोष सिन्हा (सभी रामनगर, पूर्णिया) को हत्या के प्रयास का दोषी पाते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई तथा अलग से प्रत्येक को दस हजार रुपये जुर्माना लगाया है.
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दो आरोपितों को दी सात साल की सजा
पूर्णिया : हत्या के प्रयास के एक मामले में अदालत ने दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई है. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश बलजिन्दर पाल ने सत्रवाद संख्या 22/13 में अभियुक्त खगेन्द्र प्रसाद सिन्हा और संतोष सिन्हा (सभी रामनगर, पूर्णिया) को हत्या के प्रयास का दोषी पाते हुए सात वर्ष की […]
मामले के सूचक नीरज कुमार यादव ने मरंगा थाने में कांड संख्या 194/11 दर्ज करवाया था. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 24 मई 2011 की रात करीब 8.30 बजे रामनगर स्थित अपने घर पर हिसाब कर रहा था. इसी दरमयान दोनों आरोपी नाकाब लगाये घऱ पर पहुंचे और लाठी-डंडा एवं तलवार से प्रहार करने लगे. इतना ही नहीं जान मारने की नीयत से गोली भी चलायी.
गोलबारी में सूचक का पुत्र घायल हो गया. आरोपी भागते समय 50 हजार के जेवरात भी लेकर भाग गये. मामले में अभियोजन की तरफ से अपर लोक अभियोजक हरे राम ठाकुर ने 8 गवाहों का साक्ष्य न्यायालय में कलमबद्ध करवाया. कोर्ट ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 148 में 2 वर्ष दो हजार जुर्माना, 307 में सात वर्ष कैद तथा पांच हजार जुर्माना तथा 452 में चार वर्ष तथा तीन हजार जुर्माना और सजा सुनाई.
नाबालिग के अपहरण मामले में एक को सात साल की सजा, जुर्माना: पूर्णिया. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश बलजिन्दर पाल ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण के एक मामले में दोषी पाते हुए पूर्णिया राजाबाड़ी के सुबोध कुमार मंडल उर्फ सनोज कुमार मंडल को सात साल की सजा सुनाई है तथा अलग से दस हजार रुपया का जुर्माना लगाया है. यह मामला आठ साल पुराना है.
मामले में अपह्त के पिता ने केहाट थाने में कांड संख्या 272/11 दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 6 जुलाई 2011 को रोज की भांति उनकी बेटी कम्प्यूटर क्लास के लिए घर से निकली. जब वह वापस घर नहीं लौटी तो खोजबीन शुरू की गयी. खोजबीन के दौरान पता लगा कि अभियुक्त अन्य 3-4 लोगो के सहयोग से उनकी बेटी का अपहरण कर लिया है.
मामले में जहां अभियोजन की तरफ से सरकारी राहुल झा तथा सूचक के अधिवक्ता विकाश कुमार झा ने 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर गवाही करवाई. इसमें मामले के अनुसंधानकर्ता तथा डाक्टर की गवाही भी शामिल है. मामले का विचारण सत्रवाद संख्या 1309/11 के तहत किया गया और अंतत: न्यायायलय ने अभियुक्त सुबोद कुमार मंडल को भारतीय दंड संहिता की धारा 366(A) में दोषी पाते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई.
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