आतंकियों की आवाजाही का सुरक्षित मार्ग रहा है बिहार का यह इलाका, दर्जनों पकड़े जा चुके हैं, सेना के वेश में…

पूर्णिया : नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से सटे बिहार केपूर्णिया प्रमंडल के इलाकों में भले ही आतंकी घटना न हुई हो पर यह इलाका आतंकवादी गतिविधियों के लिए चर्चित रहा है. नेपाल की खुली सीमाओं के कारण पिछले कई दशकों से यह इलाका आतंकियों का सुरक्षित मार्ग रहा है. यही वजह है कि प्रमंडल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2019 9:18 AM

पूर्णिया : नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से सटे बिहार केपूर्णिया प्रमंडल के इलाकों में भले ही आतंकी घटना न हुई हो पर यह इलाका आतंकवादी गतिविधियों के लिए चर्चित रहा है. नेपाल की खुली सीमाओं के कारण पिछले कई दशकों से यह इलाका आतंकियों का सुरक्षित मार्ग रहा है. यही वजह है कि प्रमंडल के विभिन्न इलाकों में न केवल कई संदिग्ध आतंकी पकड़े गये बल्कि दिल्ली हाईकोर्ट में हुए आतंकी हमले के आरोपी की भी गिरफ्तारी भी इसी इलाके में हुई.

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पहली बार 1979 में वेश बदल कर नेपाल से निकल रही ऑस्ट्रेलिया की मिस जॉन स्कॉन को जोगबनी में गिरफ्तार किया गया था. फिर 1985 में इसी जगह पर इंदिरा गांधी हत्याकांड में सिमरनजीत सिंह की गिरफ्तारी हुई थी. इसके चार साल बाद जोगबनी में ही हांगकांग के चार विदेशी नागरिक और चार चीनी जासूस की गिरफ्तारी हुई थी.

इसी वर्ष पूर्णिया जंक्शन स्टेशन पर सेना के वेश में एक संदिग्ध आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया गया था. इसी तरह 2009 में पूर्णिया जंक्शन से अफगानी आतंकवादी की गिरफ्तारी हुई थी. इसके अलावा जोगबनी और किशनगंज में कई बार एेसे संदिग्धों को पकड़ा गया जबकि दिल्ली हाईकोर्ट में हुए आतंकी हमले के मामले में जिले के जलालगढ़ के गांव से एक युवक की पकड़ा गया था.

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