बाड़ीहाट कांड: टेक ओवर से पूर्व केस के औचित्य की जांच कर रही सीआइडी की टीम

पूर्णिया : बहुचर्चित बाड़ीहाट कांड को टेक ओवर से पहले सीआईडी की टीम केस के औचित्य की जांच कर रही है. जांच के बाद ही यह तय हो पाएगा कि यह केस सीआईडी के स्तर का है अथवा नहीं. टेक ओवर से पहले टीम को इस मामले से जुड़े 11 बिंदुओं की जांच करने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2019 8:57 AM

पूर्णिया : बहुचर्चित बाड़ीहाट कांड को टेक ओवर से पहले सीआईडी की टीम केस के औचित्य की जांच कर रही है. जांच के बाद ही यह तय हो पाएगा कि यह केस सीआईडी के स्तर का है अथवा नहीं. टेक ओवर से पहले टीम को इस मामले से जुड़े 11 बिंदुओं की जांच करने को कहा गया है.

इसी 11 बिंदू की जांच के लिए सीआईडी की टीम मंगलवार को दूसरी बार पूर्णिया पहुंची. दो दिनों की जांच में टीम ने लगभग जांच पूरी कर ली है. संकेत मिल रहे हैं कि टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को सौंप देगी.
सीआइडी टीम का नेतृत्व कर रहे एएसपी राजेश कुमार ने भी बताया कि इस मामले में लगभग जांच पूरी कर ली गई है. पूछताछ भी करीब-करीब पूरी हो चुकी है. जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. इससे पहले मंगलवार को सीआईडी की टीम यहां पहुंचकर मामले की जांच की.
सीआईडी की दो सदस्यीय टीम का नेतृत्व एएसपी राजेश कुमार कर रहे हैं. उनके साथ पुलिस निरीक्षक अरूण कुमार हैं. जांच टीम सांसद के मामा लखन लाल विश्वास एवं मामी आशा देवी के घर पहुंची और उनसे दस कट्टा जमीन को लेकर सभी कागजात का अवलोकन किया.
आशा देवी ने जमीन का खतियान, दाखिल-खारिज व केवाला से संबधित कागजात दिखाये. इसके बाद घटना से जुड़े सभी बिंदुओं पर घटनास्थल के आसपास के लोगों से बारी-बारी से पूछताछ की. सीआईडी के एएसपी ने सांसद के मामा-मामी के आलावा स्थानीय गौरीशंकर सिंह एवं फटकन सिंह से भी पूछताछ की.
इस कांड का कौन है ऑफेसिंव व डिफेंसिव ग्रुप : सीआईडी की टीम जिन 11 बिंदुओं की जांच कर रही है उनमें एक बिंदू यह है कि इस कांड में वास्तव में ऑफेंसिव ग्रुप कौन थे और डिफेंसिव ग्रुप कौन थे. इस तथ्य को पता करने के लिए टीम हर उन मामलों को टटोल रही है, जिसका एक सिरा इससे जुड़ा हुआ है.
जमीन विवाद को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. टीम का नेतृत्व कर रहे एएसपी श्री कुमार ने स्पष्ट कहा कि पुलिसिया जांच में जो भी डिसप्यूटेड बिंदू है, उसकी बारीकी से पुन: जांच की गयी है. एएसपी ने सहायक खजांची थाने पहुंचकर मामले से जुड़े सभी पहलुओं को बारीकी से खंगाला. टीम ने अनुसंधानकर्ता से भी केस डायरी समेत मामले से जुड़े तमाम रिकार्डों के बारे में जानकारी ली.
पिछले एक मई को हुई थी घटना
एक मई को जदयू सांसद संतोष कुशवाहा के मामा व बाड़ीहाट निवासी लखन विश्वास के घर पर दूसरे पक्ष के आरोपित उत्पात मचाने लगे. बीच-बचाव करने पहुंचे सांसद के बड़े भाई शंकर कुशवाहा पर गोली चलाने का आरोप है. इस बीच, दूसरे पक्ष के चार लोगों को स्थानीय लोगों ने खदेड़कर पकड़ लिया और जमकर उसकी पिटाई कर दी. घायल मिट्ठू की इलाज के दौरान मौत हो गई.
घटना को ले छह मामले कराये गए दर्ज
इस घटना को लेकर सहायक खजांची थाना में दोनों पक्षों की ओर से कुल छह मामले दर्ज कराए गए. सांसद की मामी आशा देवी, नुरूल खान, पुष्पेश सिंह, सुमन सिंह, थानाध्यक्ष अमित कुमार और गौरीशंकर सिंह के बयान पर क्रमश: ये मामले दर्ज किए.

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