सीएए व एनआरसी के खिलाफ सशक्त एवं निर्णायक लड़ाई लड़ें : कन्हैया कुमार

पूर्णिया: जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हुंकार भरी और सीमांचलवासियों से गांधी जी की अहिंसा की तर्ज पर संयमित होकर सड़क से संसद तक सशक्त एवं निर्णायक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया है. कन्हैया कुमार सोमवार को पूर्णिया के रेणु उद्यान एवं स्टेडियम में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2019 10:54 PM

पूर्णिया: जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हुंकार भरी और सीमांचलवासियों से गांधी जी की अहिंसा की तर्ज पर संयमित होकर सड़क से संसद तक सशक्त एवं निर्णायक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया है. कन्हैया कुमार सोमवार को पूर्णिया के रेणु उद्यान एवं स्टेडियम में सीएए और एनआरसी के खिलाफ अलग-अलग आयोजित प्रतिरोध सभा को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन एनआरसी-कैब विरोधी संयुक्त मोर्चा की ओर से किया गया था.

इस मौके पर एक विशाल रैली भी निकाली गयी. इस रैली में सीमांचल के चार जिलों से बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जुटे थे. इस मुद्दे को लेकर आगामी 19 दिसम्बर को पूरे देशभर में प्रतिरोध मार्च निकाला जायेगा. उन्होंने सीमांचलवासियों से सीएए व एनआरसी के खिलाफ सहयोग का आह्वान किया और एकजुटता की अपील की. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक काला कानून खत्म न हो जाए. एकजुटता की जरुरत बताते हुए उन्होंने कहा कि हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि जनता सरकार बना सकती है तो सरकार गिरा भी सकती है. हमें आंदोलन की बारीकियों को समझना होगा. हमारी नागरिकता किसी कागज की मोहताज नहीं. देश विरोधी और जनविरोधी कानून को खत्म करने की हम निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे.

प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने सीमांचलवासियों कोआगाह करते हुए कहा कि यह लंबी और गंभीर लड़ाई है, जिसे हमें हर हाल में जीतना है और जीतने के लिए हम सबका संयमित एवं अनुशासित होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जो आंदोलन संयमित और अनुशासित होता है उसे ही जीता जा सकता है. इसके तर्क में उन्होंने गांधी जी द्वारा शुरू किये गये पहले अहिंसक आंदोलन का हवाला दिया और कहा कि इसके नजरिये से हमें अपने आपको तैयार करना होगा.

प्रतिरोध सभा कोकन्हैया कुमार के अलावा एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान, विधायक कमरूल होदा, कांग्रेस के कसबा विधायक अफाक आलम, कदवा के कांग्रेस विधायक शकील खान, राजद के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इंदु सिन्हा, माकपा नेता सुनील सिंह, राजीव सिंह, मो. इस्लामुद्दीन, जअपा के इसराइल आजाद, युवा राजद के प्रदेश महासचिव अभय सिन्हा, कांग्रेस प्रवक्ता एजाज अहमद, उपाध्यक्ष मनीष कुमार, अफरोज आलम, मिथिलेश वर्मा, शबाब अनवर, सोनल सिंह, नन्हे खान, मो सद्दाम, सुमित सिन्हा, सन्नी सौरव, , राजद महिला जिलाध्यक्ष सुशीला भारती, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र उरांव, प्रवक्ता आनंद लकड़ा, एससी एसटी संघर्ष मोर्चा के अजय भारती, रमेश पासवान, पप्पू पासवान, निप्पू पासवान, बिट्टू पासवान, भीम आर्मी के चंदन आजाद सहित मो शकील, तनवीर मुस्तफा, तनवीर रजा आदि मौजूद थे.

हिंदू-मुस्लिम की नहीं, संविधान की लड़ाई
प्रतिरोध सभा में एनआसी और सीएए की बारीकियों पर जिक्र करते हुए जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा यह हिंदू या मुसलमान की लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान बचाने की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि इस कानून से न केवल मुसलमान बल्कि हिंदुओं की नागरिकता पर भी संकट आ सकता है. वे चाहते हैं कि कुछ एेसा ही हो पर हमें इस आंदोलन को हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं होने देना है. यहां हमें एकता और एकजुटता की जरूरत है, क्योंकि यह देश हमारा है, यह संविधान हमारा है, कानून हमारा है और इसे बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी है.

आंदोलन को कुचलने की है साजिश
जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि सरकार चाहती है कि इस आंदोलन में हम अपना संयम खो दें और उपद्रव हो जाये. सरकार इसे कुचलने की कोशिश में है पर हमें संभल जाना है और संयम में रहकर कोई उपद्रव किये बगैर अपने आंदोलन को मुकाम देना है. उन्होंने कहा कि सरकार जालियां वाला बाग की घटना को दुहराने की जुगत में है. जिस तरह जामिया के छात्रों पर लाठियां बरसायी गयीं, लाइब्रेरी में घुस कर उन्हें पीटा गया वह सब कुछ इसी का संकेत दे रही है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की आवाज को दबायी जा रही है.

जोश के साथ है होश की भी जरूरत
प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें उनके जोश के साथ होश की भी जरूरत है. सीएए और एनआरसी सही मायने में संविधान की मूल आत्मा पर हमला है, जिसे बचाने की जरूरत है जिसमें युवाओं का जोश और होश दोनों चाहिए. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को किसी इवेंट की तरह नहीं देखना है, क्योंकि यह जीने और रहने के अधिकार की लड़ाई है जिसे लंबी लड़नी है. उन्होंने एक बार फिर धैर्य एवं संयम रखने की अपील की और शांतिपूर्ण ढंग से इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की जरूरत बतायी.

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