सड़क निर्माण में घालमेल: एक तरफ बनती रही और दूसरी तरफ से उखड़ती गयी सड़क

पूर्णिया : शहर के सामने सड़क निर्माण में घालमेल का एक नायाब नमूना दिख रहा है. सड़क बने डेढ़ साल पूरे नहीं हुए और अलकतरा व गिट्टी अलग-अलग हो गये. अलकतरा का तो पता नहीं चल रहा पर गिट्टी के टुकड़े दुर्घटनाओं का सबब बने हैं. स्थानीय नागरिकों की मानें तो यह सड़क एक तरफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2020 6:18 AM

पूर्णिया : शहर के सामने सड़क निर्माण में घालमेल का एक नायाब नमूना दिख रहा है. सड़क बने डेढ़ साल पूरे नहीं हुए और अलकतरा व गिट्टी अलग-अलग हो गये. अलकतरा का तो पता नहीं चल रहा पर गिट्टी के टुकड़े दुर्घटनाओं का सबब बने हैं. स्थानीय नागरिकों की मानें तो यह सड़क एक तरफ बनती रही और दूसरी तरफ उखड़ती चली गयी.

शिकायतें भी असरहीन साबित हुई क्योंकि किसी अधिकारी ने सड़क की गुणवत्ता की जांच करने में दिलचस्पी नहीं दिखायी. यह अलग बात है कि यहां एक साथ सड़क, संवेदक, गुणवत्ता और संबंधित विभाग को लेकर अलग-अलग सवाल खड़ा है जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है.
नगर निगम के वार्ड संख्या 20 एवं 21 की यह सड़क खीरु चौक से बाड़ीहाट होते हुए डॉ इमाम के घर के सामने से गुजर कर पशुपालन विभाग के बगल से एनएच 31 तक जाती है. राज्य योजना के अंतर्गत बनायी गयी इस सड़क के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सड़क की पक्कीकरण हुआ था पर बनने के साथ ही सड़क जर्जर हो गयी.
स्थानीय नागरिकों की मानें तो 19 मार्च 2017 को सांसद, विधायक, विधानपार्षद, महापौर, उपमहापौर आदि के हाथों शिलान्यास हुआ था. इस सड़क की कार्य अवधि 12 महीने की थी. इस सड़क के साथ-साथ नाला निर्माण का भी शिलान्यास हुआ था. इसकी कुल लागत 01 करोड़ 62 लाख 58 हजार 242 रुपये थी. सड़क निर्माण की खानापुरी कर ठेकेदार तो चले गये पर स्थानीय नागरिक उनकी गलतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं.
दुर्घटना का शिकार हो रहे लोग: बाड़ीहाट और आस पास बनी इस सड़क को देखने से नहीं लगता कि यह सड़क डेढ़ साल पहले बनी है. सड़क पर सिर्फ गिट्टी ही गिट्टी नजर आती है. इससे परेशानी यह है कि कोई भी बाइक इस पर नहीं चल पाती.
दूसरे मुहल्ले से बाइक वाले अपनी गति में इधर घुसते हैं पर सड़क का अंदाजा नहीं रहने के कारण इस पर उसका संतुलन बिगड़ जाता है. नतीजतन आये दिन बाइक वाले इस पर गिरते हैं और जख्मी हो जाते हैं. दुर्घटना इसलिए भी होती है कि दूर से यह नहीं दिखता कि सड़क की गिट्टी अलकतराविहीन है.
यही वजह है कि तेज गति होने के कारण बाइक का संतुलन सम्हलता नहीं और लोग पलटी मार जाते हैं. मेंटेनेंस के नियमों का पालन नहीं: विभागीय जानकारों की मानें तो संबंधित संवेदक को लगातार तीन सालों तक मेंटेनेंस करना है.
नियमानुसार मेंटेनेंस नहीं किये जाने की स्थिति में सड़क निर्माण की कुल लागत का 10 फीसदी रकम जमा रखने का प्रावधान है. यदि सड़क सही सलामत रही तो यह रकम संवेदक को लौटा दी जाती है पर अगर इस अवधि में सड़क जर्जर हो गयी या संवेदक द्वारा मेंटेनेंस नहीं किया गया तो इस स्थिति में न केवल यह रकम जब्त कर ली जाती है बल्कि संबंधित संवेदक को ब्लैकलिस्टेड भी कर दिया जाता है. जानकार बताते हैं कि इस नियम का यहां सख्ती से अनुपालन नहीं होता है. शहर में इस तरह की कई सड़कें हैं जो इस तथ्य की पुष्टि कर रही हैं.
कहती हैं मेयर: महापौर सविता सिंह ने कहा कि सड़क बनाने वाले संवेदक को हर हाल में तीन साल तक मेंटेनेंस करना है. सड़क की गुणवत्ता से कोई समझौता संभव नहीं है. संवेदक ने यदि सड़क निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की है और मेंटेनेंस भी नहीं हो रहा है तो प्रावधान के आलोक में कार्रवाई की जायेगी.
कहते हैं वार्ड पार्षद
सड़क की जर्जरता सबके सामने है. सड़क की जर्जरता को लेकर उक्त संवेदक से बात हुई है. संवेदक ने बताया कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल योजना के कारण सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. जल नल योजना एनओसी भी लिया जा चुका है. संवेदक ने मेंटेनेश का पैसा नहीं लिया और उसे सरेंडर कर दिया है. सड़क की बदहाल स्थिति की शिकायत महापौर से भी वे करने जा रहे हैं.
अमित कुमार उर्फ बबलू , वार्ड पार्षद
सड़क की हालत खस्ता आवाजाही में हो रही है परेशानी
सड़क का हाल किसी से छुपा हुआ नहीं है. सड़क पर स्पष्ट रूप से गिट्टी बिखरी पड़ी है. सड़क की जर्जरता के कारण कभी भी कोई घटना घट सकती है. उम्मीद करते हैं कि सड़क पुनः जल्दी बन जाए ताकि सड़क फिर से चकाचक हो जाये और सड़क पर की गिट्टी सड़क से बाहर नहीं बिखरे.
रथिन साहा
सड़क जब बन रही थी तो हमलोगों को बहुत खुशी हुई थी कि कई वर्षों तक इसका अस्तित्व रहेगा. लेकिन सड़क बनने के करीब डेढ़ वर्ष के भीतर ही जर्जर हो गयी. सड़क की इस जर्जरता को देखने वाला कोई नहीं है. सड़क की खस्ताहाल से आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है.
सुदीप घोष
ऐसी सड़क बनने से क्या फायदा जो एक से दो वर्षों में ही जर्जर हो जाये. सड़क जर्जर होने से एक परेशानी नहीं बल्कि कई परेशानी बढ़ गयी है. सड़क कहीं कहीं गहरा गड्ढा हो गया है. इसके कारण बारिश के समय जल जमाव की समस्या हो गयी थी. निगम अविलंब सड़क की मरम्मत कराए.
मनोज कुमार
खीरु चौक से बाड़ीहाट, नया टोला होते हुए पशुपालन के बगल तक सड़क पर जगह जगह गिट्टी उखड़ कर बिखरा गयी है. यह दृश्य शायद सब देख रहे हैं. पहले की तरह ही जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सड़क को शीघ्र नये सिरे से बनाया जाना लाजिमी हो गया है.
दिलीप कुमार घोष

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