मेहंदी का रंग उतरा नहीं, चुनमुन बनी विधवा

* 17 मई को हुई चुनमुन की शादी।। पंकज झा ।। पूर्णिया : ईश्वर ने चुनमुन के साथ कितना क्रूर मजाक किया है. महज 24 दिन पूर्व ही वह दुल्हन बनी थी. हाथ के मेंहदी के रंग भी फीके नहीं पड़े थे. विधाता ने जबरन वैधव्य का लिवास पहना दिया. उस अभागिन को तो इतना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:47 PM

* 17 मई को हुई चुनमुन की शादी
।। पंकज झा ।।
पूर्णिया : ईश्वर ने चुनमुन के साथ कितना क्रूर मजाक किया है. महज 24 दिन पूर्व ही वह दुल्हन बनी थी. हाथ के मेंहदी के रंग भी फीके नहीं पड़े थे. विधाता ने जबरन वैधव्य का लिवास पहना दिया. उस अभागिन को तो इतना भी मालूम नहीं है कि उसका सुहाग उजड़ चुका है.

गौरतलब है कि धमदाहा निवासी गजेंद्र मंडल की पुत्री चुनमुन की शादी डगरूआ थाना क्षेत्र के महलबाड़ी गांव निवासी ज्ञानचंद मंडल के बड़े बेटे संजय मंडल से विगत 17 मई को हुई थी. रविवार को डगरूआ के सलामी चौक पर सड़क हादसे में उसकी मौत हो गयी. इधर सदर अस्पताल में पिता ज्ञान चंद मंडल, भाई अजय मंडल का रो रोकर बुरा हाल हो रहा है.

पिता रोने के क्रम में छाती पीट पीट कर रोते हुए कह रहा था कि मेरी कमर ही टूट गयी. घर का इकलौता कमाऊ पुत्र था संजय. दिल्ली में टाइल्स राज मिस्त्री में उसकी अलग पहचान थी. मृतक संजय अपनी शादी के बाद छोटी बहन रेखा की शादी के फिराक में था. संजय की असामयिक मौत ने रेखा की शादी पर ही गाज गिरा दिया.

घटना की सूचना मात्र से ही पूरे महलबाड़ी गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. वहीं सदर अस्पताल पहुंचे संजय के ससुर गजेंद्र मंडल जमीन पर लोट-लोट कर जार-जार रो रहा है. आब बेटी केय कौना मुंह देखेबेय. उसने बड़े अरमानों से नकद बाकी खरीद बिक्री कर चुनमुन की शादी संजय से कराया था. शादी के बाद एक बार ही ससुराल की दहलीज में पांव रखी थी ईश्वर ने उसका सुहाग ही उजाड़ दिया. गजेंद्र को ढाढ़स बंधाने आगे आने वाले भी रो पड़ते थे.

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