जानलेवा हुई ठंड, न कंबल, न ही अलाव की हुई व्यवस्था
गुलाबबाग : मौसम का मिजाज कड़ाके की ठंड के साथ और बिगड़ता जा रहा है. लगातार बढ़ती ठंड अब जानलेवा साबित होने लगी है. पछिया हवा के साथ जारी ठंड का असर आम व खास के साथ बाजारों पर भी दिखने लगा है. सुबह के ठंड से तो जैसे-तैसे कामकाजी लोग घर से निकल जाते […]
गुलाबबाग : मौसम का मिजाज कड़ाके की ठंड के साथ और बिगड़ता जा रहा है. लगातार बढ़ती ठंड अब जानलेवा साबित होने लगी है. पछिया हवा के साथ जारी ठंड का असर आम व खास के साथ बाजारों पर भी दिखने लगा है. सुबह के ठंड से तो जैसे-तैसे कामकाजी लोग घर से निकल जाते हैं, लेकिन शाम ढलते ही ठंड का प्रकोप मारक स्थिति में पहुंचने से लोगों को घरों में दुबकने की विवशता है.
तीव्र चलती पछिया हवा के साथ हाड़ बेधने वाली ठंड का असर गरीब गुरबों, मजदूर, किसान, रिक्शा, ठेला चालक, टेंपो चालक तथा भोटिया मजदूरों पर दिखने लगा है. लगातार बढ़ती ठंड का असर मलिन बस्ती, झुग्गी-झोंपड़ी, सड़क किनारे रहने वाले वैसे गरीबों पर मौत बन कर बरसने लगी है. दरअसल मौसमी पारा न्यूनतम के साथ अधिकतम का नीचे लुढ़कना ठंड के मारक होने का कारण बनने लगा है. ठंड का असर बाजारों पर खासा पड़ा है.
व्यापारी, खरीदार और किसानों की संख्या बाजार एवं मंडी में घटने लगा है. ऐसे में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या भी ठंड ने बढ़ा दी है. कड़ाके की इस ठंड में अब तक सरकारी कंबल भी गरीबों को नसीब नहीं हो सका है और न ही चौक-चौराहों एवं मंडी समिति में अलाव की व्यवस्था की गयी है. ऐसे में मारक होती ठंड निरीह गरीब मजदूरों के प्राण हलक तक पहुंचा रहा है. गौरतलब है कि बढ़ती ठंड को देख सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संस्थाओं ने कई जगहों पर कंबल वितरण किये हैं लेकिन जिस कदर ठंड का कहर बढ़ रहा है उसके लिहाजा यह ओस से कंठ भिंगाने जैसा साबित हो रहा है. अलबत्ता सवाल उठना भी लाजिमी है. विदित हो कि बढ़ते ठंड को देखते हुए व्यवसायी सुनील जायसवाल, सुरेंद्र विनायकिया, संजय चौधरी, भरत भगत, कन्हैया चौधरी, अधिवक्ता लाल बहादुर यादव, राजकुमार यादव, मनोज ठाकुर, जवाहर साह, पंकज सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने गुलाबबाग में अलाव की व्यवस्था तथा कंबल वितरण की मांग जिला प्रशासन से की है.