नगर निगम : आवंटन से अधिक खर्च, ठिठुरन अब भी बरकरार

पूर्णिया: शहर में नगर निगम ने तेइस जगहों पर अलावा की व्यवस्था की है. आपदा विभाग के द्वारा अलाव मद में आवंटित राशि से अधिक खर्च का ब्योरा भी है पर शहर के गरीबों के लिये ठंड की ठिठुरन अब भी बरकरार है. विभाग का दावा तो है कि तेइस जगहों पर अलाव जल रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 9:24 AM

पूर्णिया: शहर में नगर निगम ने तेइस जगहों पर अलावा की व्यवस्था की है. आपदा विभाग के द्वारा अलाव मद में आवंटित राशि से अधिक खर्च का ब्योरा भी है पर शहर के गरीबों के लिये ठंड की ठिठुरन अब भी बरकरार है.

विभाग का दावा तो है कि तेइस जगहों पर अलाव जल रहा है, यह कम तो पड़ ही रहा है लेकिन लोगों की मानें तो जो लकड़ी उपलब्ध करायी जा रही है वह कच्च होने के कारण ठीक से जल नहीं पाता है. इसके अलावा नियम के अनुसार जिस दिन धूप दिन में निकल जाता है, उस तक कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं हो पाती है. इतना ही नहीं सुबह व शाम पड़ रही कड़ाके की ठंड में महज 25 किलो अलाव कम पड़ जाता है. ऐसा लोगों का कहना है.

अब तक खर्च हो चुके 58 हजार

नगर निगम प्रशासन के अनुसार पूर्णिया बस पड़ाव से लेकर गुलाबबाग के मार्केटिंग गेट तक अलाव की व्यवस्था की गयी है. अलाव जलाने के लिए आपदा विभाग ने अब तक महज छत्तीस हजार रुपये का आवंटन किया है वहीं निगम के अनुसार अलावा जलाने में अब तक कुल अंठावन हजार आठ सौ नब्बे रुपये नगर निगम खर्च कर चुका है.

अरे यह क्या.. यहां तो नहीं दिखी अलाव की व्यवस्था

नगर निगम के अनुसार शाम चार बजे से साढ़े पांच बजे तक शहर के चिह्न्ति जगह पर टेंपो से अलावा गिराया जाता है. मंगलवार को शाम साढ़े पांच बजे जब प्रभात खबर की टीम चिह्न्ति जगहों पर पहुंची तो वहां का नजारा कुछ अलग ही बयां कर रहा था. आरएनसाह चौक पर अलाव नहीं जल रहा था. वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने बताया कि कभी गिरता है, कभी नहीं गिरता है. टैक्सी स्टैंड के पास एक कच्च वृक्ष का जड़ रख दिया गया था. कच्चा होने के कारण यह ठीक ढंग से नहीं जल पा रहा है. वहां मौजूद एक चाय दुकानदार ने बताया कि इसे कल ही गिराया गया था, लेकिन कच्च होने के कारण यह नहीं जल रहा है. राजेंद्र बाल उद्यान के पास एक भूजा दुकानदार ने बताया कि आठ दिन पहले यहां गिराया गया था, उसके बाद अब तक नगर निगम का टेंपो यहां नहीं पहुंचा है. गिरजा चौक पर मौजूद दुकानदारों ने बताया कि यहां एक दिन छोड़ कर एक दिन गिराया जाता है. शाम अधिक लेट होने के कारण अलाव बेकार हो जाता है.

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