सरकारी जमीन को रैयती बनाया
केनगर: केनगर अंचल के हल्का संख्या एक के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी अमरनाथ खां ने मौजा रमणा लोहा सिंह की खाता 19 खेसरा 38 के सरकारी बांध की एक एकड़ 61 डिसमिल जमीन को तत्कालीन केनगर सीओ भगवान सिंह के कार्यकाल में रैयती घोषित करा दिया गया. केनगर अंचल अधिकारी विनोद कुमार ने नामांतरण के लिए […]
केनगर: केनगर अंचल के हल्का संख्या एक के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी अमरनाथ खां ने मौजा रमणा लोहा सिंह की खाता 19 खेसरा 38 के सरकारी बांध की एक एकड़ 61 डिसमिल जमीन को तत्कालीन केनगर सीओ भगवान सिंह के कार्यकाल में रैयती घोषित करा दिया गया.
केनगर अंचल अधिकारी विनोद कुमार ने नामांतरण के लिए आये आवेदन में यह गड़बड़ी पायी और अभिलेख को अस्वीकृत कर दिया. उन्होंने इस संदर्भ में हल्का पांच में कार्यरत कर्मचारी अमरनाथ खां को स्पष्टीकरण निर्गत किया था, जिसका जवाब अब तक अप्राप्त बताया गया है. सीओ श्री कुमार ने अंचल के अमीन से उक्त जमीन की मापी करायी. जमीन सरकारी बांध के रूप में स्पष्ट हुई. दरअसल मधुबनी कृष्णापुरी यादव टोल पूर्णिया निवासी शिवनंदन प्रसाद यादव ने इस जमीन को सीलिंग वाद संख्या 177/103 वर्ष 1973-74 में अपर समाहर्ता पूर्णिया के न्यायालय से प्राप्त किया है. हालांकि यह जमीन सरकारी बांध की बतायी गयी है जिसका गलत ढंग से परचा बन गया है और दाखिल-खारिज होकर लगान रसीद भी कट चुका है.
बताया गया है कि परचा धारी शिवनंदन प्रसाद यादव ने 13 मार्च 14 को कृष्णापुरी यादव टोला मधुबनी पूर्णिया निवासी दिनेश कुमार यादव के हाथ यह जमीन दर केवाला बिक्री कर दिया, जिसका केवाला संख्या 4375 है. दरअसल वर्ष 2013 में जिला निबंधन पदाधिकारी पूर्णिया ने उक्त जमीन के संबंध में केनगर अंचल से जानकारी मांगी थी कि यह रैयती है या सरकारी.
29 नवंबर 2013 को केनगर अंचल के हल्का संख्या एक के राजस्व कर्मचारी अमरनाथ खां ने अपने जांच प्रतिवेदन में बांध की इस सरकारी जमीन को रैयती जमीन वर्णित कर तत्कालीन सीओ को समर्पित कर दिया, जो पूर्णिया निबंधन कार्यालय भेजा गया. परिणाम यह हुआ कि सरकारी बांध की जमीन का केवाला हो गया.
केनगर अंचल अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि उन्होंने जिला निबंधन पदाधिकारी से इस संदर्भ में विमर्श किया है और कर्मचारी अमरनाथ खां को स्पष्टीकरण जारी कर अविलंब जवाब-तलब किया है.