फिर से गुलजार होने लगा रेड लाइट एरिया

पूर्णिया: स्वयंसेवी संस्थाओं और जिला प्रशासन के प्रयासों के बावजूद एक बार फिर गुलाब बाग जीरो माइल के लाल बत्ती इलाके में रौनक बढ़ने लगी है. अलबत्ता लाल बत्ती इलाके के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद से कुछ महीनों लोगों को राहत तो मिली, लेकिन एक बार फिर लाल बत्ती इलाके में आम आदमी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2015 11:55 AM
पूर्णिया: स्वयंसेवी संस्थाओं और जिला प्रशासन के प्रयासों के बावजूद एक बार फिर गुलाब बाग जीरो माइल के लाल बत्ती इलाके में रौनक बढ़ने लगी है. अलबत्ता लाल बत्ती इलाके के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद से कुछ महीनों लोगों को राहत तो मिली, लेकिन एक बार फिर लाल बत्ती इलाके में आम आदमी के सुकुन को दुश्वारियों में तब्दील कर दिया है. शहर में इसे लेकर आवाजें भी उठने लगी है.
दरअसल गुलाबबाग मुख्य सड़क के किनारे बसे लालबत्ती इलाके में पिछले 29 अक्तूबर की रात्रि पूर्व पुलिस कप्तान किम शर्मा की ओर से हुई छापेमारी में दर्जनों दलाल एवं करीब धंधा से जुड़े 42 महिलाएं पकड़ी गयी थी. कइयों को जेल हुआ, कुछ महिला हेल्प लाइन भेजी गयी थी और सात नाबालिग को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया था. इसके बाद शहर के सैकड़ों लोगों ने पूर्व पुलिस कप्तान को साधुवाद दिया था. हजारों लोगों ने राहत की सांस ली थी मगर इन दिनों फिर से गुलाबबाग जीरो माइल के लालबत्ती इलाके में रौनक बढ़ने लगी है. गौरतलब है कि पुलिस कार्यवाही के बाद लगभग पिछले एक साल से बंद पड़ा देह व्यापार का कारोबार एक बार फिर से गरमाने लगा है. अलबत्ता जनमानस में सवाल भी खड़े होने लगे हैं और लोक लाज सुरक्षा को लेकर चिंतन भी होने लगा है.
चिंतन व चर्चा जोरों पर
लालबत्ती इलाके में सजने के साथ ही परिजनों के साथ उस रास्ते गुजरने वाले राहगीर महिला-पुरुषों में चिंता बढ़ने लगी है वहीं स्थानीय लोगों में आक्रोश भी पनपने लगा है. शहर में यह चर्चा जोरों पर है कि आखिर बंद होने के बाद यह इलाका गुलजार कैसे और किसके इशारे पर हुआ. क्या राह गुजरती पुलिस वैन की नजरें नहीं पड़ती?
टूटने लगी है उम्मीद
दरअसल विगत अक्तूबर माह में हुई पुलिस कार्यवाही के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ी थी कि अब दुबारा शर्मिदगी का सामना नहीं करनी पड़ेगा और मुख्य सड़क किनारे बसा यह लालबत्ती इलाका दुबारा गुलजार नहीं होगा, लेकिन पिछले कई दिनों से फिर से सजते इस इलाके को देख शहर वासियों के जेहन में बसी उम्मीदों की किरण धीमी पड़ने लगी है.
टीप इंडिया प्रोजेक्ट के प्रयास को ठेंगा
पिछले वर्ष हुई कार्रवाई के बाद से नगर वधुओं के लिए पुनर्वास की मांग भी जोरों से उठी थी. अलबत्ता, टीप इंडिया प्रोजेक्ट ने लाल बत्ती इलाके में अभियान चला कर इस धंधे से तौबा करने वाले परिवारों के बीच स्वरोजगार के लिए पैसे भी उपलब्ध कराये थे. इस प्रयास के बाद कुछ परिवारों की ओर से बोर्ड लगाकर संदेश भी दिया गया था. लेकिन महज कुछ महीने में ही लाल बत्ती इलाके के संचालकों की ओर से पुन: धंधा शुरू कर दिया गया. इससे टीप इंडिया के प्रयासों को करारा झटका लगा है.

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