विभाग की लापरवाही : दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे सूखे पेड़

पूर्णिया. जिले के विभिन्न सड़कों के किनारे सूखे पेड़ दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं. इस ओर न तो विभाग का ध्यान है और न ही प्रशासन का. फलत: सूखे पेड़ के बगल से गुजरने वाले यात्रियों की एक बार कलेजा जरूर कांप जाता है. ज्ञात हो कि जिले के पूर्णिया-धमदाहा एवं धमदाहा-रूपौली तथा पूर्णिया-हरदा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2015 9:19 AM
पूर्णिया. जिले के विभिन्न सड़कों के किनारे सूखे पेड़ दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं. इस ओर न तो विभाग का ध्यान है और न ही प्रशासन का. फलत: सूखे पेड़ के बगल से गुजरने वाले यात्रियों की एक बार कलेजा जरूर कांप जाता है. ज्ञात हो कि जिले के पूर्णिया-धमदाहा एवं धमदाहा-रूपौली तथा पूर्णिया-हरदा के साथ-साथ कई ग्रामीण सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में बड़े एवं पुराने पेड़ सूखे पड़े हैं. ये पेड़ लंबे समय से यूं पड़े हुए हैं. इनकी जड़ें कमजोर एवं ढीली पड़ती जा रही है. ये किस समय और किस ओर गिर जायेंगे इसका भय हर समय बना रहता है. इस तरह के सूखे पेड़ों को लेकर दो घटनाएं हाल-फिलहाल घट चुकी है. इसके बाद भी विभाग चेत नहीं रहा है.
राजस्व भी नहीं आ रहा : परिपक्व पेड़ से सूखे और नाकाम हो रहे पेड़ के मुकाबले आने वाले राजस्व काफी कम होते हैं. पेड़ सूखने के बाद अक्सरचोरी छिपे ग्रामीण भी पेड़ काट लेते हैं. उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. इस कारण भी राजस्व में काफी कमी हो जाती है.
शीशम के पेड़ अब नहीं दिखते : पिछले दशक से सीमांचल के इलाके में शीशम के पेड़ नहीं दिखते. कहा जा रहा है कि शीशम के पेड़ किसी महामारी के शिकार होकर सूख गये.
कई बार हो चुकी हैं घटनाएं : सूखे पेड़ के कारण हाल-फिलहाल दो घटनाएं घट चुकी है. पहली घटना पूर्णिया केनगर मार्ग पर घटी जहां एक वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कई लोग घायल हुए थे. इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर में एक सूखा पेड़ अचानक गिर गया था. इस घटना में भी कई सरकारी कर्मी को चोटें आयी थी. एसपी कार्यालय के एक कर्मचारी काफी गंभीर हुए थे.

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