दिनभर जेनरेटर के हवाले रहा शहर
तूफान के बाद जिले की विद्युत आपूर्ति ठप हुई, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ठप रहा काम पूर्णिया : जिले में आयी भीषण स्क्वाल के बाद विद्युत आपूर्ति मंगलवार रात से ही पूरी तरह ठप है. अधिकांश जगहों पर पेड़ की चपेट में आने से बिजली तार पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गयी है. वहीं कई जगहों […]
तूफान के बाद जिले की विद्युत आपूर्ति ठप हुई, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ठप रहा काम
पूर्णिया : जिले में आयी भीषण स्क्वाल के बाद विद्युत आपूर्ति मंगलवार रात से ही पूरी तरह ठप है. अधिकांश जगहों पर पेड़ की चपेट में आने से बिजली तार पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गयी है.
वहीं कई जगहों पर पोल और ट्रांसफॉर्मर भी बरबाद हुआ है. विभाग के पदाधिकारी का अनुमान है कि इन सब चीजों से उन्हें लगभग एक करोड़ की क्षति हुई है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार ने बताया कि इतनी क्षति के बावजूद विभाग गुरूवार तक शहर में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बहाल कर देगा. बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए विभाग के 200 कर्मी और पदाधिकारी इस काम में लगे हुए हैं.
विद्युत आपूर्ति को लेकर शहर में बुधवार देर रात तक 50 प्रतिशत और बांकी 50 प्रतिशत काम गुरुवार को पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक-दो दिनों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी.
ऐसा था तूफान का तांडव
रात दस बजे रहे थे. अचानक तेज हवाओं के कारण घर के खिड़की-दरवाजे जोर-जोर से आवाज करने लगे. जब तक सभी खिड़की-दरवाजों को बंद किया जाता, आंधी और तेज हो गयी.
पूरा वातावरण धूल के गुबार से भर गया और तेज गड़गड़ाहट की आवाज के साथ बाहर लगे. पेड़ धराशायी होने लगे. इससे पहले कि कुछ समझ में आता, एक के बाद एक, कई पेड़ हवा में उड़ते हुए घर के ऊपर आ गिरे, जो कि छत को तोड़ते हुए अंदर तक घुस आये.
इसी बीच बारिश भी शुरू हो गयी.
पेड़ गिरने के कारण छत के टूट जाने से बारिश का पानी सीधा कमरे के अंदर आ गया. सारा सामान भींग गया. तेज आंधी के कारण घर के सभी सदस्य डर के मारे एक कोने में दुबक गये. इसी बीच पड़ोसी के घर की सीढ़ी का कमरा भरभरा कर ढह गया और उसका पूरा मलबा बड़े भाई के कमरे में एस्बेस्टस से बनी छत को तोड़ते हुए अंदर जा गिरा, जिससे कमरे में रखा पलंग सहित अन्य सामान भी क्षतिग्रस्त हो गया. कोने में सभी सदस्यों के दुबके होने के कारण कोई चोटिल नहीं हुए.
पिछले 15-20 वर्षो में ऐसी आंधी नहीं देखी थी. लगभग आधे घंटे के इस तूफान ने एक तरह से पूरा घर तहस-नहस कर दिया. तूफान थमने के बाद घुप अंधकार में भी हर ओर केवल तबाही का मंजर ही दिख रहा था.